जीते जी लेते हैं नेत्रदान का प्राण | Sirsa News
- पूज्य माता करतार कौर जी इंटरनेशनल आई बैंक में 18 हजार के करीब आँखें हुई दान
- नेत्र ज्योति जलाए रखने में डेरा सच्चा सौदा ने विश्व में स्थापित की प्रण मिसाल
सरसा (सच कहूँ/सुनील वर्मा)। Sirsa News: मानवता का पुरोधा सर्वधर्म संगम डेरा सच्चा सौदा अध्यात्म ही नहीं बल्कि समाजसेवा के क्षेत्र में भी विश्व के समक्ष एक मिसाल है। सच्चे रूहानी रहबर पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां के पावन मार्गदर्शन में डेरा सच्चा सौदा द्वारा किए जा रहे अनगिनत मानवता भलाई कार्यों में से एक स्वास्थ्य जांच कैंपों ने अनूठी मिसाल कायम की है। अगर बात की जाए आँखों की जांच, आॅप्रेशन व इलाज की तो डेरा सच्चा सौदा ने वो कीर्तिमान स्थापित किए हैं, जिनके आसपास कोई दूसरा ठहर भी नहीं पाता है।
पूज्य गुरुजी सत्संगों के माध्यम से जहां समाजिक बुराइयों को त्यागने का संकल्प करवाते हैं, वहीं उनके आह्वान पर डेरा सच्चा सौदा से जुड़े करोड़ों श्रद्धालु मानवता की सेवा के लिए सदैव तत्पर रहते हैं। पूज्य गुरुजी द्वारा चलाई गई ‘ज्योति दान’ मुहिम के तहत डेरा सच्चा सौदा के लाखों श्रद्धालु मरणोपरांत नेत्रदान करने का संकल्प पत्र भर चुके हैं।
जनवरी 2008 से 31 मार्च 2024 तक करीबन 18 हजार लोग मरणोपरांत नेत्रदान कर चुके हैं। यह सिर्फ शाह सतनाम जी स्पेशलिटी अस्पताल स्थित पूज्य माता करतार कौर जी इंटरनेशनल आई बैंक में डोनेट हुए नेत्रदान का ब्यौरा है। देश के अन्य राज्यों और विदेशों के आई बैंकों में डोनेट हुए नेत्रदान की संख्या इससे अलग है। Sirsa News
बता दें कि हर साल एक अप्रैल से 7 अप्रैल तक देश में अंधता निवारण सप्ताह के रूप में मनाया जाता है। जिसका उद्देश्य अंधेपन के कारणों और रोकथाम के बारे में जागरूकता बढ़ाना होता है। डेरा सच्चा सौदा इस महायज्ञ में बाकमाल आहुति डाल रहा है।
अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त आई बैंक में मिलती है हर उम्र की पुतलियां
पूज्य गुरुजी ने 4 जनवरी 2008 को शाह सतनाम जी स्पेशलिटी अस्पताल में पूजनीय माता करतार कौर जी इंटरनैशनल आई बैंक की स्थापना की। यह आई बैंक भारत का ही नहीं बल्कि पूरे विश्व का एक ऐसा आई बैंक है, जहां तकरीबन हमेशा हर उम्र की आँखों की पुतलियां (कार्निया) मिल जाती हैं। जैसे बच्चे, बूढ़े और जवान। जम्मू-कश्मीर में बाढ़ के दौरान इस आई बैंक से हवाई जहाज के द्वारा दो पुतलियां भिजवाई गई, जिसके पश्चात जम्मू-कश्मीर में पहली बार दो आँख की पुतली बदलने के आॅप्रेशन शेर-ए-कश्मीर अस्पताल में हुए।
पूरा आई बैंक पूर्णतया आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित है तथा इसके साथ यहां एमके मीडिया की सुविधा उपलब्ध है, जिसके द्वारा आँख निकालने के पश्चात 3-4 दिन तक उसे सुरक्षित रखा जा सकता है। इस आई बैंक में अब आॅप्टिसोल नामक मीडिया की भी सुविधा उपलब्ध है, जिसके द्वारा पुतली को निकालने के पश्चात 7 से 10 दिन तक सुरक्षित रखा जा सकता है। इसके अतिरिक्त पूरी पुतली के साथ-साथ पुतली की एक परत या इससे अधिक परतों को बदलने की भी सुविधा है।
नेत्रजांच शिविरों से 30 हजार को मिली आँखों को रोशनी | Sirsa News
डेरा सच्चा सौदा में हर साल दिसंबर महीने में पूजनीय परम पिता शाह सतनाम जी महाराज की पावन स्मृति में विशाल नेत्र जांच व आॅपरेशन शिविर लगाया जाता है। वर्ष 1992 से शुरू हुए इन शिविरों में वर्ष 2023 तक 30 हजार के करीब नेत्र रोगियों के आॅपरेशन करके उनकी अंधेरी जिंदगी में उजाला भरा जा चुका है।
इसके अलावा इन कैंपों में देश के विशेषज्ञ नेत्र चिकित्सकों की ओर से लाखों लोगों के नेत्रों की जांच भी की गई है। इन शिविरों में आने वाले मरीज यहां की सुविधाओं व डेरा श्रद्धालुओं द्वारा की जाने वाली सेवा सुश्रुषा की सराहना करते नहीं थकते हैं।
नेत्रजांच में भी डेरा सच्चा सौदा के नाम विश्व कीर्तिमान
मानवता की सेवा में किए जाने वाले अनगिनत कार्यों जैसे पौधारोपण, रक्तदान, स्वच्छता महाअभियान इत्यादि में डेरा सच्चा सौदा ने कई कीर्तिमान स्थापित किए हैं। डेरा में आयोजित नेत्र जांच शिविरों में भी विश्व स्तर के कीर्तिमान स्थापित हुए हैं। 12 दिसम्बर 2010 को डेरा सच्चा सौदा में एक विशाल नेत्र जांच कैंप का आयोजन किया गया, जिसमें मात्र एक दिन में 4603 लोगों के नेत्र जांचे गए। जो कि गिनीज बुक आॅफ वर्ल्ड रिकार्ड व एशिया बुक आॅफ रिकार्ड में दर्ज है। इसी प्रकार वर्ष 2013 के दिसम्बर माह में लगाए गए फ्री आई कैंप में मात्र 8 घंटे आई हेल्थ स्क्रीनिंग कैंप में 11,715 लोगों की जांच की गई। यह भी गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बन गया।
नेत्रदान करने वालों को किया जाता है सम्मानित
डेरा सच्चा सौदा के प्रत्येक ब्लॉक में नेत्रदान समिति बनी हुई हैं। जिनके सदस्य नेत्रदान के लिए लोगों को प्रेरित करते हैं। इसके अलावा नेत्रदान करने वाले परिवारों को शील्ड देकर सम्मानित किया जाता है। इसके अलावा हर साल सबसे ज्यादा नेत्रदान करने वाली समिति को डेरा सच्चा सौदा की ओर से ट्रॉफी देकर सम्मानित करते हुए उनका हौसला बढ़ाया जाता है।
यह भी पढ़ें:– ब्लॉक स्तरीय नामचर्चा कर धूमधाम से मनाया स्थापना माह