Haryana News: चंडीगढ़। हमास के फिलिस्तीन के साथ चल रहे युद्ध के कारण मध्य पूर्वी देश में श्रमिक संकट के बीच इजराइल में नौकरी की तलाश के लिए 530 युवाओं का पहला दल गत 2 अप्रैल को हरियाणा से रवाना हुआ। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने युवाओं से बात करके उन्हें ‘शुभकामनाएँ’ प्रेषित की। इजरायली राजदूत नाओर गिलोन और सरकारी प्रतिनिधियों ने जानकारी देते हुए बताया कि 2 अप्रैल को संघर्ष के दौरान इजरायल में रोजगार के लिए जाने वाले भारतीय निर्माण श्रमिकों के पहले समूह की रवानगी हो गई हैै। पूर्व सीएम मनोहर लाल ने इस सहयोग के लिए राज्य सरकार और सीएम का आभार व्यक्त किया। 7 अक्टूबर को हमास के आतंकी हमलों के मद्देनजर हजारों फिलिस्तीनियों को इजरायल में काम करने से रोकने के बाद इजरायल को श्रमिकों की गंभीर कमी का सामना करना पड़ा। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने दिसंबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ इस प्रक्रिया में तेजी लाने पर चर्चा की। Haryana News
इजरायली सरकार ने नवंबर 2023 में निर्माण श्रमिकों को इजराइल भेजने का आग्रह किया। इन युवाओं को प्रति माह 1.37 लाख भारतीय रुपये का वेतन दिया जाएगा, इसके अलावा कई अन्य आवश्यक सुविधाएं और भत्ते भी प्रदान किए जाएंगे। पहले चरण की सफलता के बाद हरियाणा सरकार दूसरे चरण के लिए भर्तियां निकालने की तैयारी कर रही है। जनवरी 2024 में 7 देशों में 13,294 पदों पर भारतीय युवाओं की मांग थी। भर्ती प्रक्रिया के लिए आवेदन करने वाले 1,370 उम्मीदवारों में से केवल 530 ही इजराइल पहुंच सके। इजराइल बिल्डर्स एसोसिएशन की ओर से युवाओं के लिए टिकट बुक किए गए थे। यह भर्ती प्रक्रिया 16 से 20 जनवरी तक हरियाणा के रोहतक में आयोजित की गई थी। Haryana News
विभिन्न पदों जैसे फ्रेमवर्क, शटरिंग, बढ़ई, पलस्तर और सिरेमिक टाइल्स को आकार देने में प्रासंगिक कौशल वाले निर्माण श्रमिकों की इजराइल की मांग 10,000 तक थी। वेतन के अलावा कंपनी ओवरटाइम वेतन भी देने को तैयार थी। श्रमिकों के पास 10वीं कक्षा उत्तीर्ण प्रमाणपत्र, किसी भी संबंधित क्षेत्र में तीन साल का अनुभव और आयु 25 से 45 वर्ष के बीच होनी चाहिए। इसके अलावा श्रमिकों को चिकित्सा बीमा, भोजन, आवास और प्रति माह 16,515 रुपये का बोनस दिया जाएगा।