Delhi High Court: नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने शराब नीति 2021-2022 में कथित घोटाले से संबंधित धनशोधन के एक मामले में फंसे आम आदमी पार्टी(आप) के नेता अरविंद केजरीवाल को मुख्यमंत्री के पद से हटाने के लिए निर्देश ने की मांग वाली याचिका गुरुवार को खारिज कर दी। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की खंडपीठ ने सुजीत सिंह यादव की याचिका ठुकराते हुए कहा कि इस मामले की जांच करना कार्यपालिका और राष्ट्रपति के अधिकार क्षेत्र है। अदालत इसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकती।
किसान एवं सामाजिक कार्यकर्ता दिल्ली निवासी याचिकाकर्ता यादव ने अपनी याचिका में दावा किया कि वित्तीय घोटाले के कथित आरोपी केजरीवाल को मुख्यमंत्री के पद (सार्वजनिक पद)पर बने रहने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। केजरीवाल को 21 मार्च को प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार किया था और वह फिलहाल उसकी हिरासत में हैं।
Govt Job Alert : खुशखबरी, इन राज्यों में निकली बंपर भर्तियां, जल्द करें आवेदन
केजरीवाल को नहीं राहत, ईडी की हिरासत 1 अप्रैल तक बढ़ी | Delhi High Court
दिल्ली शराब नीति में कथित घोटाले से संबंधित धनशोधन के एक मामले में फंसे मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हिरासत गुरुवार को चार दिन बढ़ाते हुए एक अप्रैल कर दी गई। राऊज एवेन्यू स्थित कावेरी बावेजा की विशेष अदालत ने ईडी के अनुरोध और केजरीवाल का पक्ष सुनने के बाद हिरासत बढ़ाने का आदेश पारित किया। ईडी पक्ष रख रहे अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू ने केजरीवाल पर हिरासत के दौरान पूछताछ में सहयोग नहीं करने का आरोप लगाते हुए अदालत के समक्ष सात दिनों की अतिरिक्त हिरासत की गुहार लगाई। उन्होंने कहा कि कुछ अन्य लोगों के सामने केजरीवाल से पूछताछ की जानी है। अपना पक्ष खुद रखते हुए केजरीवाल ने इसका विरोध नहीं किया और कहा कि ईडी उन्हें जितने समय तक अपनी हिरासत में रखना चाहे, वह रहने को तैयार हैं।
ईडी के आदेश पर छह दिनों की हिरासत अवधि पूरी होने पर केंद्रीय जांच एजेंसी ने गुरुवार को फिर उन्हें विशेष अदालत में पेश किया। मुख्यमंत्री ने विशेष अदालत के समक्ष खुद अपना पक्ष रखते हुए कहा कि ईडी के पास उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं है और उसका मकसद किसी भी तरह से उन्हें फंसाना है। केजरीवाल ने अदालत में पेश किए जाने से पहले मीडिया के सवालों पर संक्षिप्त प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ”यह एक राजनीतिक साजिश है। जनता इसका जवाब देगी।”
कड़ी सुरक्षा के बीच आम आदमी पार्टी (आप) के नेता केजरीवाल को विशेष अदालत में पेश किया गया, जहां 22 मार्च को उन्हें छह दिनों के लिए ईडी की हिरासत में पूछताछ के लिए भेजने का आदेश पारित गया था। अदालत में केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल भी मौजूद थी। अदालती कार्रवाई शुरू होते ही केजरीवाल के वकील रमेश गुप्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री खुद अपना पक्ष रखना चाहते हैं। अदालत ने इसकी अनुमति दी। ईडी ने पूछताछ के लिए केजरीवाल को कई बार बुलाया था, लेकिन वह केंद्रीय जांच एजेंसी के समक्ष उपस्थित नहीं हुए। इसके बाद उन्हें 21 मार्च को गिरफ्तार करके अगले दिन 22 मार्च को उन्हें विशेष अदालत में पेश किया गया।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी के अलावा ईडी की हिरासत को चुनौती देने वाली उनकी याचिका पर बुधवार को कोई अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया था। हालांकि, ईडी को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया था। न्यायमूर्ति स्वर्ण कांता शर्मा की एक पीठ ने केजरीवाल का पक्ष रख रहे वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी और ईडी की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू की दलीलें सुनने के बाद केंद्रीय जांच एजेंसी को नोटिस जारी करके दो अप्रैल तक अपना जबाव दाखिल करने का निर्देश दिया था। उच्च न्यायालय ने इस मामले में अगली सुनवाई के लिए तीन अप्रैल की तारीख मुकर्रर की है।
क्या है मामला
विशेष अदालत के समक्ष 22 मार्च को ईडी ने मुख्यमंत्री को कथित शराब नीति 2021-2022 घोटाले (जो बाद में रद्द कर दी गई थी) का मुख्य ‘साजिशकर्ता और सरगना’ होने का आरोप लगाया था। तब केजरीवाल के अधिवक्ताओं ने ईडी के इन आरोपों को खारिज करते हुए कड़ी आपत्ति जताई थी। मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी से पहले भारत राष्ट्र समिति की नेता एवं तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव की बेटी के. कविता को ईडी ने 15 मार्च को गिरफ्तार किया था, जो न्यायिक हिरासत में दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद हैं। इन दोनों प्रमुख नेताओं से पहले ईडी ने पिछले एक साल के दौरान ‘आप’ के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के अलावा राज्यसभा सांसद संजय सिंह को इसी मामले में गिरफ्तार किया था।
केंंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने 17 अगस्त 2022 को वर्ष 2021-22 की उत्पाद शुल्क नीति (शराब नीति) बनाने और उसके कार्यान्वयन में की गई कथित अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज किया था। इसी आधार पर ईडी ने 22 अगस्त 2022 को मामला दर्ज किया था। ईडी का दावा है कि ‘आप’ के शीर्ष नेताओं केजरीवाल और पूर्व उपमुख्यमंत्री सिसौदिया और अन्य ने अवैध कमाई के लिए “साजिश” रची थी।
केजरीवाल की गिरफ्तारी के विरोध में वकीलों ने किया प्रदर्शन | Delhi High Court
आम आदमी पार्टी के लीगल सेल ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के विरोध में दिल्ली की सभी ज़िला अदालतों के बाहर प्रदर्शन कर विरोध जताया। आम आदमी पार्टी लीगल सेल के अध्यक्ष एडवोकेट संजीव नसीयर ने बताया कि दिल्ली के पटियाला हाउस, साकेत, तीस हजारी, द्वारका, कड़कड़डूमा और रोहिणी कोर्ट के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया गया। वकीलों ने कहा कि एक चुने हुए मुख्यमंत्री के साथ केंद्र सरकार ज्यादती कर रही है, इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। वकील इस लड़ाई को कोर्ट से लेकर सड़क तक पूरी मजबूती से लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में भी एक-एक वकील अरविंद केजरीवाल और उनकी सरकार के साथ खड़ा रहेगा।
Pension New Rules: 1 अप्रैल से लागू होगा, पेंशन से जुड़ा यह नया नियम!
नसीयर ने कहा कि श्री केजरीवाल की गिरफ्तारी के विरोध में अन्य वकीलों ने भी हमें समर्थन दिया और प्रदर्शन में शामिल हुए। लीगल सेल का विरोध प्रदर्शन आगे भी जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि श्री केजरीवाल ने वकीलों के लिए काफी काम किया है। उन्होंने वकीलों को टर्म इंश्योरेंस, मेडिकल पॉलिसी और चैंबर्स में सब्सिडी रेट पर बिजली की सुविधा दी है। तीस हजारी कोर्ट में जब वकीलों के ऊपर गोली चली थी, तो सबसे पहले संसद में श्री केजरीवाल के सिपाहियों ने आवाज उठाई थी। ऐसे श्री केजरीवाल के खिलाफ षड्यंत्र रचा गया। ऐसे में वकीलों ने श्री केजरीवाल का समर्थन देने का निर्णय लिया है।