Haryana Pension Scheme: हरियाणा सरकार ने गलत और अपात्र लोगों की पेंशन को काटने की तैयारी कर ली है, वही हरियाणा सरकार की तरफ से 5 विभागों को इसके लिए नोटिस भी जारी किया गया हैं। हरियाणा की सरकार ने विभागों को अपात्रों का पात्रों के रूप में चयन करने वाली समिति के सदस्य कर्मचारियों की पहचान कर उनके खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश दिया है, वहीं यह जानकारी शुक्रवार को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की निदेशक आशिमा बराड़ ने हाईकोर्ट में हलफनामा दायर कर दी है।
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वहीं हलफनामें में कोर्ट को बताया गया है कि 13,477 अपात्र, 17,094 अस्तित्व विहीन व 50,312 मृत लाभार्थियों को पेंशन वितरित करने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू की है, वहा ऐसे अयोग्य व्यक्तियों के नामों की सिफारिश करने वाली जांच समितियों के सदस्यों के खिलाफ भी अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की हैं। वहीं हरियाणा सरकार ने पंचायत व विकास विभाग, शहरी निकाय विभाग, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, महिला एवं बाल कल्याण विभाग तथा राजस्व विभाग को समिति के सदस्य रहे कर्मियों की पहचान करने का आदेश दिया हैं।
हाईकोर्ट में बताया गया है कि 13,477 अपात्र व्यक्तियों में से 2189 पात्र पाए गए थे, 1254 की मृत्यु हो गई है और 554 लाभार्थियों का कोई पता नहीं चल पाया हैं, अब तक अपात्रों से 6.55 करोड़ रुपये वसूले गई है, जिसमें से 1.97 करोड़ 2022-23 में वसूले गए हैं।
इसके साथ ही आशिमा बराड़ ने बताया कि उन्होंने यह विभाग बीते महीने ही संभाला है और संभालते ही इस मामले में कार्रवाई शुरू कर दी है, उनके मन में न्यायालय के लिए पूरा सम्मान है और हर आदेश का पालन वह सुनिश्चित करेंगी, सरकार के इस जवाब को रिकार्ड पर रखते हुए हाई कोर्ट ने मामले की सुनवाई मई महीने तक स्थगित कर दी हैं।
वहीं इस मामले में यातिक दाखित करते हुई RTI कार्यकर्ता राकेश बैस ने एडवोकेट प्रदीप रापड़िया के माध्यम से हाई कोर्ट को हरियाणा में हुए पेंशन वितरण घोटाले की 2017 में जानकारी दी थी। वहीं कैग रिपोर्ट के अनुसार पेंशन वितरण में बड़ा घोटाला हुआ है, समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों ने ऐसे व्यक्तियों को भी पेंशन बांट दी जो या तो स्वर्ग सुधार चुके थे या फिर पेंशन लेने के योग्यता पूरी नही करते थे।
इस प्रकार सरकार को करोंड़ो रुपये का चूना लगाया गया, याची ने कहा कि उन्हें हरियाणा विजिलेंस से कोई उन्मीद नही है और इसके पूरे प्रकरण की जांच CBI से करवाई जाए। हाईकोर्ट ने इस मामले में CBI को प्राथमिक जांच का आदेश दिया था और इसी के अनुरूप CBI ने हाईकोर्ट में रिपोर्ट सौंप दी है, CBI ने हाई कोर्ट के सामने स्टेटस रिपोर्ट दायर करते हुए बताया कि हरियाणा भर के दोषि जिला समाज कल्याण अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।