Earth: धरती का तकरीबन 70 फीसदी हिस्सा पानी में है, वही बाकी के कुछ फीसदी हिस्से पर रेगिस्तान पहाड़ियां और जंगल है, लेकिन कभी आपने सोचा है कि धरती पर पानी बढ़ जाएगा तो कितने शहर और देश पानी में डूब सकते है, तो चलिए आज हम आपको बताएंगे कि दुनिया के कौन से शहर धीर-धीरे पानी में डूब रहे हैं। Sinking Cities
कहां से आ रहा है धरती पर इतना पानी? Sinking Cities
बता दें कि नेचर एस्ट्रोनॉमी जर्नल में पब्लिश रिपोर्ट में कहा गया है कि वाष्पशील और कार्बनिक तत्वों से भरपूर सी-टाइप के एस्टेरॉयड शायद पृथ्वी पर पानी के मुख्य स्रोत थे, वही रायुगु के कणों में मिलने वाले कार्बनिक पदार्थ यही संकेत देते हैं। वहीं जानकारी के मुताबित रायुगु के कण निस्संदेह सौरमंडल के ऐसे मटीरियल है, जिनमें बिल्कुल भी मिलावट नहीं है, यहीं कण धरती पर पानी की मौजूदगी की वजह हो सकते है, हालांकि वैज्ञानिक अभी भी इसकी हकीकत तलाश रहे हैं, कि आखिर धरती पर पानी आ कहां से रहा है।
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पानी में डूब सकते है ये कुछ शहर | Sinking Cities
जानकारी के मुताबित बदलते मौसम के कारण दुनियाभर के कई शहर 2050 और 2100 तक पूरी तरह से डूब जाएंगे, लेकिन क्लाइमेंट, चेंज होने के कारण अगले 8 से 9 सालों में दुनिया के कुछ शहर भी डूब सकते हैं, ये हम नहीं क्लाइमेट सेंट्रल नाम के प्रोजेक्ट की एक रिपोर्ट कह रही है, तो चलिए जानते है जलवायु परिवर्तन के कारण दुनिया के वो कौन से शहर हैं, जो डूब सकते हैं।
एम्स्टर्डमः- बता दें कि दे नीदरलैंड्स की राजधानी एम्स्टर्डम होंग और रॉटरडम जैसे शहर नॉर्थ सी के नजदीक और कम ऊंचाई पर हैं, लेकिन लगातार समुद्र के बढ़ते जलस्तर के कारण ये शहर जल्द ही डूब सकते हैं।
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बसराः- वहीं इराक का बसरा शहर शत अल-अरब नाम की बड़ी नदी के किनारे बसा हुआ है, ये नदी पारस की खाड़ी से मिलती है, बता दें कि बसरा शहर के आसपास काफी दलदली इलाका भी है, ऐसे में अगर समुद्र का जलस्तर बढता है, तो इस शहर को खतरा हो सकता हैं।
न्यू ओरलींसः- अमेरिका के न्यू ओरलींस शहर के बीच काफी सारे नहर और जलीय स्त्रोत हैं, हालांकि पानी के ये ही जाल इस शहर को बाढ़ से भी बचाता हैं, वहीं इस शहर के उत्तर में लेक मॉरेपास और दक्षिण में लेक सल्वाडोर व एक छोटी झील है, शहर के द बिलोक्सी और जीन लैफिटे वाइल्डलाइफ प्रिजर्व लगभग पानी के लेवल पर ही हैं, ऐसे में अगर जलस्तर बढ़ता हैं, तो ये डूब ही जाएंगे।
वेनिसः- इटली का वेनिस शहर पानी के बीच में बना हुआ है, इसके अलावा यहां पर हर साल हाई टाइट से बाढ़ आती रहती है, इस वजह से वेनिस शहर को 2 तरह का खतरा हैं, पहला तो समुद्री जलस्तर बढ़ने का और दूसरा ये कि वेनिस शहर अपने आप डूब रहा है, क्योंकि ये शहर हर साल 3 मिलिमीटर नीचे धंस रहा है, अगर समुद्री जलस्तर तेजी से बढ़ता है तो 2030 तक ये शहर पानी में डूब जाएगा।
ही ची मिन्ह सिटीः- बता दें कि वियतनाम का ये शहर थू थियेम नाम की दलदली जमीन पर बसा हुआ है, वहीं समुद्र तल से इसकी ऊंचाई भी ज्यादा नहीं है, इसके अलावा मेकॉन्ग डेल्टा जलस्तर लगातार बढ़ रहा हैं, वैज्ञानिकों को आशंका है, कि साल 2030 तक हो ची मिन्ह सिटी पानी के अंदर डूब जाएगा।
कोलकाताः- पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता और उसके आसपास की जमीन सदियों से काफी उर्वरक मानी जाती है, हालांकि क्लाइमेट सेंट्रल के नजरिए से देख तो समुद्री जलस्तर का बढ़ना इस शहर के अस्तित्व को खत्म कर सकता है, इसके अलावा हो ची मिन्ह सिटी की तरह कोलकाता भी मॉनसून की बारिश और हाई टाइड की समस्या से जूझता है, सबसे बड़ी समस्या से है कि बारिश के मौसम में यहा बाढ़ आ जाती है, लेकिन बारिश का पानी जमीन में अंदर नहीं जाता है, ऐसे में इसके पास स्थित बड़ा डेल्टा वाला इलाका इसके लिए काल बन सकता हैं।
बैंकॉकः- पूरी दुनिया में मशहूर थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक शहर ग्लोबल वॉर्मिंग से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं, ये शहर समुद्री जलस्तर से सिर्फ 1.5 मीटर ऊपर है, बैंकॉक शहर रेतीली मिट्टी पर बसा हुआ है, वहीं ये शहर हर साल 2 से 3 सेंटीमीटर धंस रहा है। अनुमान लगाया जा रहा है कि 2030 तक इसके तटीय इलाके खाम, समुत प्रकान और साथ ही सुवर्णभूमि में स्थित इस शहर का इंटरनेशनल एयरपोर्ट भी पूरी तरह से पानी में डूब सकता हैं।
जॉर्जटाउनः- गुएना की राजधानी जॉर्जटाउन के एक तरफ करीब 400 किलोमीटर लंबा समुद्री इलाका है, इस कारण यहां काफी तेज लहर उठती है, जो शहर के अंदर तक भी पहुंच जाती है, जलस्तर से इसके तटों की उंचाई महज 0.5 मीटर से लेकर एक मीटर तक है, ऐसे में जलस्तर बढ़ने पर यह शहर भी पानी में ही डूब सकता हैं।
सवानाः- अमेरिका के जॉर्जिया में स्थित सवाना शहर चारों तरफ से समुद्र से घिरा हुआ है, इस वजह से इसके आसपास काफी दलदली इलाका है, वैज्ञानिकों का कहना है कि 2050 तक ये शहर पानी में डूब सकता हैं।