गुजवि में अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस में दो दिनों तक चला चिंतन
हिसार (सच कहूँ/संदीप सिंहमार)। Medicine: गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के फार्मास्युटिकल साइंसिज विभाग के सौजन्य से ‘फार्मास्युटिकल प्रौद्योगिकी एवं संबद्ध विज्ञान में उभरते लक्ष्य एवं चुनौतियां’ विषय पर हुई दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस गुरुवार को सम्पन्न हो गई। विश्वविद्यालय के चौधरी रणबीर सिंह सभागार में हुए समापन समारोह में विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. विनोद छोकर मुख्यातिथि थे। कुलपति के तकनीकी सलाहकार प्रो. संदीप राणा व पंजाब विश्वविद्यालय चण्डीगढ़ के यूआईपीएस के प्रो. वी.आर. सिन्हा समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। Hisar News
समारोह की अध्यक्षता विभाग की अधिष्ठाता एवं अध्यक्षा तथा कॉन्फ्रेंस की समन्वयक प्रो. सुमित्रा सिंह ने की। इस अवसर पर कॉन्फ्रेंस के सह-समन्वयक प्रो. डी.सी. भट्ट व प्रो. सुनील शर्मा उपस्थित रहे। कुलसचिव प्रो. विनोद छोकर ने कहा कि फार्मास्युटिकल साइंसिज की देश के आर्थिक विकास में भी अग्रणी भूमिका है। फार्मास्युटिकल वैज्ञानिकों के अनुसंधानों के कारण ही भारत उच्च गुणवत्ता की तथा उपयुक्त कीमतों पर दवा उपलब्ध करवाने वाला दुनिया का अग्रणी देश है।
फार्मास्युटिकल क्षेत्र में शोध की अपार संभावनाएं | Hisar News
इस क्षेत्र में शोध व अनुसंधान की अपार संभावनाएं हैं। फार्मास्युटिकल वैज्ञानिकों के ऊपर अब देश में और अधिक सस्ती व उपयोगी दवाएं उपलब्ध करवाने की चुनौती है, ताकि हर गरीब आदमी को उच्च स्तरीय दवाएं मिल सकें। उन्होंने कहा कि इस कॉन्फ्रेंस में प्रतिभागियों, प्रतिभागी संस्थानों तथा विश्वविद्यालय में तालमेल और बढ़ा है। विशिष्ट अतिथि प्रो. संदीप राणा ने अपने संबोधन में कहा कि इस अंतर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस के आयोजन से फार्मास्युटिकल साइंसिज के क्षेत्र में नए अनुसंधानों के लिए रूपरेखा तैयार हुई है।
साथ ही प्रतिभागी इस क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय स्तर की आधुनिक खोजों से अवगत हुए हैं। विशिष्ट अतिथि प्रो. वी.आर. सिन्हा ने ‘काउंटर फीट ड्रग्स’ विषय पर अपना संबोधन दिया तथा इस कॉन्फ्रेंस को प्रतिभागियों के लिए अत्यंत उपयोगी बताया। विषय विशेषज्ञ भारत सरकार के आयूष मंत्रालय के सैंट्रल रिसर्च इंस्टीट्यूट (एच), नोएडा के रिसर्च ऑफिसर डा. बिनित द्विवेदी ने भी कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। Hisar News
देश-विदेश से 328 शोधकर्ताओं ने लिया भाग | Hisar News
समन्वयक प्रो. सुमित्रा सिंह ने स्वागत सम्बोधन दिया तथा कॉन्फ्रेंस की रिपोर्ट प्रस्तुत की। उन्होंने कहा कि कॉन्फ्रेंस में भारत तथा अन्य देशों के 328 प्रतिभागियों ने भाग लिया। डा. दिनेश ढींगड़ा ने धन्यवाद संबोधन प्रस्तुत किया। इस अवसर पर संकायों के अधिष्ठाता, विभागाध्यक्ष, शिक्षक, शोधार्थी, विद्यार्थी व गैरशिक्षक कर्मचारी उपस्थित रहे।
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