कुरुक्षेत्र सच कहूँ, देवीलाल बारना। Haryana: अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव के दौरान प्रदेशभर में गीता वाणी गूजेंगी। स्कूलों में गीता श्लोकोच्चारण से लेकर भगवान श्रीकृष्ण और अर्जुन के संवाद की प्रस्तुतियां होंगी। यही नहीं, गीता की शिक्षाओं पर आधारित विषय पर भाषण प्रतियोगिता भी आयोजित की जाएगी। शिक्षा निदेशालय की ओर से अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव के अंतर्गत स्कूल व राज्य स्तर पर आयोजित होने वाली प्रतियोगिताओं का शेड्यूल जारी किया है। जिला शिक्षा अधिकारी और जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को 7 से 24 दिसंबर तक प्रतियोगिताएं आयोजित करवाने के निर्देश दिए हैं।
अतिरिक्त उपायुक्त अखिल पिलानी ने इस बारे बताया कि गीता के संदेशों के साथ स्कूली विद्यार्थियों को जोड़ने के लिए अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव स्कूल स्तर पर मनाया जाएगा। पिछले दिनों मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में आयोजित हुई बैठक में शिक्षा विभाग को विद्यालय व राज्य स्तर पर प्रतियोगिताएं आयोजित करवाने के निर्देश दिए गए थे। गीता के संदेशों के आधार पर निबंध लेखन, गीता श्लोकोच्चारण, भाषण, संवाद, प्रश्नोत्तरी व पेंटिंग प्रतियोगिता आयोजित होगी। इन प्रतियोगिताओं में छठी से आठवीं और 9वीं से 12वीं कक्षा तक सभी सरकार व निजी विद्यालय हिस्सा लेंगे। अहम पहलू यह भी है कि प्रतियोगिताओं में पुरस्कार राशि के अलावा खंड और जिला स्तर पर पांच-पांच हजार रुपये आयोजन खर्च भी आवंटित किया गया है। जिला स्तर पर निर्णायक मंडल में अध्यक्ष जिला शिक्षा अधिकारी, सचिव मौलिक शिक्षा अधिकारी और सदस्य 6 भाषा विशेषज्ञ शामिल होंगे। इसके साथ ही राज्य स्तरीय निर्णायक मंडल में अध्यक्ष अतिरिक्त निदेशक सेकेंडरी शिक्षा विभाग, सचिव निदेशक एससीईआरटी गुरुग्राम, सदस्य 8 भाषा विशेषज्ञों को शामिल किया जाएगा।
प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन | Haryana
संवाद प्रतियोगिता में गीता के उपदेश के दौरान विद्यार्थी भगवान श्रीकृष्ण और अर्जुन तथा संजय और धृतराष्ट्र के मध्य हुए संवाद की प्रस्तुति देंगे। संवाद प्रतियोगिता के माध्यम से गीता के उपदेशों को गीता के श्लोकों के माध्यम से प्रस्तुत किया जाएगा। प्रतियोगिता के दौरान विद्यार्थी वेशभूषा एवं साज सज्जा के माध्यम से मंच पर प्रस्तुति देंगे। प्रत्येक प्रस्तुति पांच मिनट की होगी। वहीं प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में गीता पर आधारित ही प्रश्न होंगे। पेटिंग भी गीता ज्ञान को समर्पित रहेगी। गीता श्लोकोच्चारण और भाषण प्रतियोगिता का विषय भी गीता का उपदेश ही रहेगा।