जयपुर (सच कहूँ न्यूज)। RAJASTHAN: राजस्थान विधानसभा की 200 में से 199 सीटों पर शनिवार को हुए मतदान में 73 प्रतिशत से ज्यादा मतदाताओं ने अपने संवैधानिक अधिकारों प्रयोग किया। राज्य में सत्तारूढ़ कांग्रेस और मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए बड़ा दांव लगा हुआ है। भाजपा जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि के साथ मतदाताओं को लुभाने की कोशिश कर रही है, वहीं सत्तारूढ़ कांग्रेस अपने चुनावी वादों के आधार पर लगातार दूसरी बार सरकार बनाने की उम्मीद कर रही है।
राज्य में 5.26 करोड़ से ज्यादा मतदाता 1,800 से अधिक उम्मीदवारों में से अपने विधायकों को चुनने के लिए अपने मताधिकार का प्रयोग करने के पात्र थे। चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, जैसलमेर जिले में सबसे ज्यादा 82.37 प्रतिशत मतदान हुआ, जबकि पाली में मतदान समाप्त होने तक सबसे कम 65.12 प्रतिशत मतदान हुआ। 2018 के पिछले विधानसभा चुनाव में 74.04 प्रतिशत मतदान हुआ था। RAJASTHAN
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उदयपुर में 70.52 प्रतिशत | RAJASTHAN
अन्य जिलों में अजमेर में 72.81 प्रतिशत, अलवर में 74.41 प्रतिशत, बांसवाड़ा में 74.12 प्रतिशत, बारां में 79.96 प्रतिशत, बाड़मेर में 76.88 प्रतिशत, भरतपुर में 71.8 प्रतिशत, भीलवाड़ा में 75.42 प्रतिशत, बीकानेर में 69.86 प्रतिशत, बूंदी में 76.38 प्रतिशत, चित्तौड़गढ़ में 79.86 प्रतिशत, धौलपुर में 74.49 प्रतिशत, डूंगरपुर में 67.64 प्रतिशत और गंगानगर में 78.21 प्रतिशत मतदान हुआ। इसी तरह हनुमानगढ़ में 81.35 प्रतिशत, जयपुर में 75.16 प्रतिशत, जालोर में 69.56 प्रतिशत, झालावाड़ में 80.24 प्रतिशत, झुंझुनू में 72.11 प्रतिशत, जोधपुर में 65.53 प्रतिशत, करौली में 68.38 प्रतिशत, कोटा में 76 प्रतिशत, नागौर में 70.83 प्रतिशत, प्रतापगढ़ में 77.32 प्रतिशत, राजसमंद में 72.04 प्रतिशत, राजसमंद में 72.04 प्रतिशत, टोंक में 71.62 प्रतिशत और उदयपुर में 70.52 प्रतिशत मतदान हुआ।
चुनाव आयोग के अधिकारियों के अनुसार, छिटपुट घटनाओं को छोड़कर कड़ी सुरक्षा के बीच मतदान शांतिपूर्ण रहा और अभी तक किसी भी जिले से किसी बड़ी अप्रिय घटना की जानकारी नहीं है। इस बीच, भाजपा की चुनाव प्रबंधन समिति के संयोजक नारायण लाल पंचारिया ने कहा कि जयपुर में पार्टी के नियंत्रण कक्ष में 357 शिकायतें प्राप्त हुईं। उन्होंने कहा कि 153 शिकायतें चुनाव आयोग और निर्वाचन अधिकारियों को भेजी गई। खबरों में कहा गया है कि झुंझुनू जिले के फतेहपुर शेखावाटी इलाके में पुलिस पर किए गए पथराव में एक कांस्टेबल घायल हो गया। किशनपोल और झोटवाड़ा विधानसभा क्षेत्रों में फर्जी मतदान की शिकायतें प्राप्त हुईं।
730 निर्दलीय उम्मीदवार मैदान में | rajasthan election 2023
इस चुनाव में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, राज्यपाल कलराज मिश्र, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, असम के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी, पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट, उपनेता प्रतिपक्ष डॉ. सतीश पूनिया सहित कई प्रमुख नेताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। गहलोत ने अपनी पत्नी सुनीता गहलोत, बेटे वैभव गहलोत और बहू हिमांशु गहलोत के साथ सरदारपुरा विधानसभा क्षेत्र में मतदान किया। वोट डालने के बाद श्री गहलोत ने कहा कि राज्य में जो माहौल है, उससे लगता है कि उनकी सरकार सत्ता में वापसी करेगी। उन्होंने कहा कि महिलाओं और युवाओं सहित सभी मतदाता अपने मतदान के प्रति उत्साहित दिखे। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि कांग्रेस के दावे पक्के हैं जबकि भाजपा के दावे खोखले हैं। RAJASTHAN
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी गारंटी काम करेगी जबकि प्रधानमंत्री मोदी की गारंटी विफल हो गई है। इसलिए, उनकी गारंटी के बारे में कोई चर्चा नहीं है। इस चुनाव में सत्तारूढ़ कांग्रेस के अलावा मुख्य विपक्षी दल भाजपा, बहुजन समाज पार्टी (बसपा), राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपीए), आम आदमी पार्टी, आजाद समाज पार्टी (कांशीराम), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा), भारत आदिवासी पार्टी, जननायक जनता पार्टी, भारतीय ट्राइबल पार्टी सहित लगभग 80 दलों के उम्मीदवार और लगभग 730 निर्दलीय उम्मीदवार मैदान में हैं।
कांग्रेस के कई विधायक भी फिर से अपनी चुनावी किस्मत आजमा रहे हैं
राज्य में सत्तारूढ़ कांग्रेस के प्रमुख उम्मीदवारों में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी, पूर्व मुख्यमंत्री सचिन पायलट, मंत्री शांति धारीवाल, बीडी कल्ला, भजन लाल जाटव, विश्वेंद्र सिंह, भंवर सिंह भाटी, सालेह मोहम्मद, ममता भूपेश, प्रताप सिंह खाचरियावास, राजेंद्र सिंह यादव, शकुंतला रावत, उदय लाल आंजना, राम लाल जाट, महेंद्रजीत सिंह मालवीय और अशोक चांदना शामिल हैं। इसी तरह इस बार कांग्रेस के कई विधायक भी फिर से अपनी चुनावी किस्मत आजमा रहे हैं। पार्टी ने लगभग 100 मौजूदा विधायकों को मैदान में उतारा है।
भाजपा के प्रमुख उम्मीदवारों में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, उपनेता प्रतिपक्ष डॉ. सतीश पूनिया, सांसद दीया कुमारी, राज्यवर्धन सिंह राठौड़, बाबा बालकनाथ, किरोड़ी लाल मीणा, देवजी पटेल और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुभाष महरिया भी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। इसके अलावा आरएलपीए के संयोजक और नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल भी खींवसर से अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। आरएलपीए ने चंद्रशेखर आजाद के नेतृत्व वाली आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के साथ चुनावी गठबंधन किया है और वे एक साथ 124 सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं। भाजपा 199 सीटों पर चुनाव लड़ रही है, जबकि कांग्रेस ने 198 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं और एक सीट (भरतपुर) अपने सहयोगी राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) को दी है, जहां से मंत्री सुभाष गर्ग चुनाव लड़ रहे हैं।
मुख्यमंत्री की रेस में बाबा बालकनाथ | RAJASTHAN
राजस्थान के लोग कह रहे हैं कि हमें यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जैसा सीएम राजस्थान में चाहिए। वहीं सोशल मीडिया पर बाबा बालकनाथ को सीएम बनाने की मांग उठने लगी है। वैसे आपको बता दें कि 3 दिसंबर को रिजल्ट आएंगे लेकिन इससे पहले भाजपा और कांग्रेस दोनों ही सरकार बनाने का दावा कर रहे हैं। बनाने की बात कहकर उन्होंने राजस्थान बीजेपी में नेताओं के चेहरे पर भी सियासी शिकन डाल दी है। यदि ऐसा हुआ तो राजस्थान में वसुंधरा राजे, राजेन्द्र राठौड़, सतीश पूनियां, गजेंद्र सिंह शेखवात समेत कई वरिष्ठ नेताओं के समर्थकों के अपने नेता को मुख्यमंत्री बनने वाले मंसूबों पर पानी फिर सकता है।
कब बने थे पहली बार सांसद
वर्ष 2019 के लोकसभा चुनावों में अलवर से कांग्रेस के दिग्गज नेता भंवर जितेंद्र सिंह को हराया था, जिसके बाद बाबा बालकनाथ पहली बार सांसद बने। कांग्रेस के दिग्गज नेता को करारी पटखनी देने के बाद ही ‘बाबा’ के नाम को राजनीति के गलियारे में बंपर उछाल मिला।बालक नाथ उस वक्त चर्चा में आए थे, जब उन्होंने राजस्थान पुलिस के डीएसपी को थाने में घुसकर धमका दिया था। भाजपा कार्यकर्ता को हिरासत में लेने से नाराज सांसद ने डीएसपी से कहा था- मेरा नाम याद रखना। मेरी सूची में तीन लोग हैं, एक तो यहां के विधायक, पुराने थानेदार और अब आप भी मेरी लिस्ट में हैं। बाबा बालकनाथ की आसपास के क्षेत्र में काफी अच्छी पकड़ हैं और वे लोगों में अपने हिंदुत्व एजेंडे को लेकर भी काफी प्रचलित हैं।
इसलिए है चर्चा में…
राजस्थान के अलवर से सांसद बाबा बालकनाथ मस्तनाथ मठ के महंत हैं। इसी कारण उनकी ड्रैसिंग स्टाइल उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तरह दिखती है। इसलिए उनको राजस्थान का योगी भी कहा जाता है। भगवा कपड़ों ने रहने वाले महंत बालक नाथ को बीजेपी के फायरब्रांड नेताओं में से एक माना जाता है। वह हिंदुत्व एजेंडे पर अपने आक्रामक रुख के कारण सुर्खियों में बने रहते हैं। अपने फायर ब्रांड वाली छवि के चलते वह आमजन में काफी फेमस हैं। बाबा बालकनाथ ओबीसी कैटेगरी से आते हैं।