Indian Railways: रेलवे चलाएगी 3000 नई ट्रेनें! अब होगा जीरो वेटिंग लिस्ट आरक्षण!

Indian Railways
Indian Railways: ‘‘शौचालय गंदा पाए जाने पर भारतीय रेलवे देगा यात्री को 30,000 रुपये का मुआवजा!’’

Indian Railways: नयी दिल्ली (वार्ता)। भारतीय रेलवे अगले चार साल में जीरो वेटिंग लिस्ट आरक्षण यानी सबको कन्फर्म टिकट उपलब्ध कराने का लक्ष्य हासिल कर लेगी और इसके लिए वह वर्ष 2027 तक 3000 नयी ट्रेनों को जोड़ कर एक हजार करोड़ यात्रियों की परिवहन क्षमता विकसित करने के लिए योजनाबद्ध ढंग से काम कर रही है। Indian Railways

1000 करोड़ यात्रियों के परिवहन की क्षमता विकसित कर रही है भारतीय रेलवे

रेलवे बोर्ड के सूत्रों ने आज यहां बताया कि भारतीय रेलवे ने वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन के 450 रैक, हर साल करीब 5500 एलएचबी कोच बन रहे हैं जिनसे पुश-पुल तकनीक वाले अमृत भारत एक्सप्रेस ट्रेन के करीब सवा दो सौ रैक प्रति वर्ष की दर से रेलवे के नेटवर्क में जोड़ने हैं। इसके अलावा अन्य 1600 से 1700 ट्रेनों को अगले चार से पांच साल में पटरियों पर उतारना है। इसके लिए रेलवे के नेटवर्क की क्षमता का विस्तार किया जा रहा है। दूसरी, तीसरी एवं चौथी लाइन बिछाने के साथ गाड़ियों की गति बढ़ा कर फेरे बढ़ाने के लिए द्रुत गति से काम किया जा रहा है और इसीलिए रेलवे के पूंजीगत व्यय को 2.41 लाख करोड़ रुपए किया गया है। अगले पांच साल में रेलवे नेटवर्क में करीब 27 से 30 हजार किलोमीटर नयी पटरियां बिछ जाएंगीं।

सूत्रों ने कहा कि रेलवे ने क्षमता विस्तार के तात्कालिक उपाय के तौर पर दोनों ओर इंजन वाले पुश पुल ट्रेन सेट अमृत भारत एक्सप्रेस के रैक तैयार कराने की योजना बनायी है। सूत्रों ने कहा कि इस समय देश में करीब 69 हजार एलएचबी कोच उपलब्ध हैं। इन्हें भी पुश पुल ट्रेन सेट में तब्दील किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पुश पुल ट्रेन सेट में आॅटोमैटिक दरवाजों के साथ ही सेमी परमानेंट कपलर लगाये जाएंगे और गैंगवे को चौड़ा बनाया जाएगा। इससे गाड़ी में चलते एवं रुकते समय झटके लगने की समस्या समाप्त हो जाएगी।

गाड़ियों की परिचालन गति और औसत गति में अधिक सुधार आएगा

सूत्रों के अनुसार इसके दो प्रोटो टाइप बन कर तैयार हो गये हैं। इससे गाड़ी के रुकने एवं फिर से गति पकड़ने यानी एक्सीलरेशन-डिएक्सीलरेशन में सामान्य गाड़ी से आधा वक्त लगता है। इसके परीक्षण में दिल्ली एवं हावड़ा के बीच समान रफ्तार पर चलने वाली गाड़ी के समय में दो घंटे 20 मिनट की बचत दर्ज की गयी है। दिल्ली चेन्नई और दिल्ली बेंगलुरु की दूरी में पांच से छह घंटे की बचत हो सकती है। पटरियों के क्षमता विस्तार से जहां गाड़ियों की परिचालन गति और औसत गति दोनों में और अधिक सुधार आएगा। Indian Railways

विपक्ष द्वारा स्लीपर श्रेणी के कोचों को कम करने एवं एसी कोच बढ़ाने के आरोपों पर सूत्रों ने कहा कि इस वित्त वर्ष में गैर एसी श्रेणी में 372 करोड़ यात्रियों का परिवहन किया गया है। यह संख्या गत वर्ष इसी अवधि में यात्रा करने वालों से 41 करोड़ अधिक है। उन्होंने कहा कि एलएचबी कोच आने के बाद किसी रैक की मानक स्थिति में स्लीपर श्रेणी के छह से सात, एसी 3 श्रेणी के छह, एसी 2 के दो, एसी 1 के एक या एक भी नहीं, चार जनरल, एक दिव्यांग एवं गार्ड, एक पावर कार कोच होते हैं। सभी रैक इसी मानक रूप में चल रहे हैं।

आरक्षित टिकटों की प्रतीक्षा सूची समाप्त होने की संभावना

सूत्रों ने कहा कि रेलवे का हमेशा से फोकस दुर्बल आय वर्ग, निम्न आय वर्ग एवं मध्यम आय वर्ग के यात्रियों पर रहा है। उन्होंने कहा कि रेलवे इस समय सालाना 800 करोड़ यात्रियों को उनके गंतव्य पर पहुंचाती है। लेकिन आगामी चार पांच साल में यात्रियों की संख्या का अनुमान करके परिवहन क्षमता को एक हजार करोड़ यात्रियों के परिवहन के लायक बनाना है। इसके लिए योजना बद्ध तरीके काम किया जा रहा है। इसके बाद आरक्षित टिकटों की प्रतीक्षा सूची करीब करीब समाप्त होने की संभावना है। लोगों को मांग पर सीटें उपलब्ध रहेंगी।

त्योहारी सीजन के लिए इंतजाम का उल्लेख करते हुए सूत्रों ने कहा कि इस वर्ष एक अक्टूबर से 31 दिसंबर के बीच नियमित ट्रेनों के अलावा विशेष ट्रेनों के 6754 फेरों की व्यवस्था की गयी है। जबकि गत वर्ष इसी अवधि से केवल 2614 फेरे लगाये गये थे। इस वर्ष अब तक डेढ़ माह में 2423 फेरों में 36 लाख यात्रियों को गंतव्य पर पहुुंचाया जा चुका है। उम्मीद है कि 50 से 55 लाख यात्रियों को इन विशेष सेवाओं का लाभ मिलेगा। Indian Railways

यह भी पढ़ें:– Bihar Train Accident: ट्रेन में विस्फोट, बैग के अंदर रखा था बारूद!