नई दिल्ली। लोगों की आस्था से जुड़ा महापर्व छठ पर्व के सिर्फ दो दिन शेष हैं। यह पूर्व कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है जोकि नहाय खाय से शुरू होता है। पंचमी तिथि को खरना, षष्ठी तिथि को डूबते सूर्य को अर्घ्य एवं सप्तमी तिथि को उगते सूर्य को जलादि से अर्घ्य दिया जाता है। बता दें कि यह पर्व चार दिन तक चलता है। इस दिन रखा जाने वाला व्रत बेहद कठिन माना जाता है, क्योंकि इस व्रत को 36 घंटों तक कठिन नियमों का पालन करते हुए रखा जाता है। Chhath Puja 2023
इस वर्ष छठ पर्व 17 नवंबर 2023 से शुरू हो रहा है, जिसका समापन 20 नवंबर को होगा। विशेषतौर पर यह बिहार में बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाने वाला पर्व है। इस व्रत को रखने का मतलब संतान के सुखी जीवन की कामना करना है। यह पर्व षष्ठी तिथि से दो दिन पहले चतुर्थी से शुरू हो जाता है और सप्तमी तिथि को इसका पारण करके समापन किया जाता है। छठ पर्व पूरे चार दिनों तक चलने वाला पर्व है। इस पर्व में मुख्यत: सूर्य देव को अर्घ्य देने का सबसे ज्यादा महत्व माना गया है।
चार दिन तक चलने वाला यह पर्व नहाय-खाय से शुरू होता है
चार दिन तक चलने वाला यह पर्व नहाय-खाय से शुरू होता है। जोकि 17 नवंबर को है। इस दिन सूर्योदय 06:45 बजे होगा वहीं, सूर्यास्त शाम 05:27 बजे होगा। बताया जाता है कि छठ पूजा की नहाय खाय परंपरा में व्रती नदी में स्नान के बाद नए वस्त्र धारण कर शाकाहारी भोजन ग्रहण करते हैं। इस दिन व्रती के भोजन ग्रहण करने के बाद ही घर के बाकी सदस्य भोजन ग्रहण करते हैं। Chhath Puja 2023
छठ पूजा का दूसरा दिन खरना होता है। जोकि 18 नवंबर को है। सूर्योदय इस दिन सुबह 06:46 बजे और सूर्यास्त शाम 05:26 बजे होगा। खरना में व्रती रखने वाले एक समय मीठा भोजन करते हैं। बहुत से लोग इस दिन गु़ड़ से बनी चावल की खीर बनाकर खाते हंै। जोकि मिट्टी के नए चूल्हे पर आम की लकड़ी से आग जलाकर बनाया जाता है। इसे खाने के बाद व्रत शुरू हो जाता है। इस दिन नमक नहीं खाया जाता है।
20 नवंबर को उगते सूर्य को अर्घ्य के साथ होगा पारण | Chhath Puja 2023
सबसे महत्वपूर्ण तीसरा दिन होता है। इस दिन व्रत रखने वाले घाट पर आकर डूबते सूर्य को अर्घ्य देते हैं। यह संध्या अर्घ्य 19 नवंबर को दिया जाएगा। 19 नवंबर को सूर्यास्त शाम 05:26 बजे होगा। इस दिन टोकरी में फलों, ठेकुआ, चावल के लड्डू आदि अर्घ्य के सूप को सजाया जाता है। इसके बाद नदी या तालाब में रहकर अर्घ्य दिया जाता है।
सप्तमी तिथि छठ महापर्व का अंतिम दिन, इस दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद व्रत का पारण का होता है। जोकि 20 नवंबर को उगते सूर्य को अर्घ्य के साथ होगा। सूर्योदय का समय सुबह 06:47 बजे होगा। इसके बाद ही 36 घंटे का व्रत समाप्त होता है। अर्घ्य देने के बाद व्रत रखने वाला प्रसाद का सेवन करके व्रत का पारण करती हैं। Chhath Puja 2023
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