Jute Products: पर्यावरण हमारे जीवन का आधार है, लेकिन आधुनिक जीवनशैली में हम ऐसी चीजों का उपयोग करते हैं, जो पर्यावरण के लिए बहुत हानिकारक हैं। इसके प्रति जागरूकता लाने के लिए सिल्वर स्वयं सहायता समूह एवं भारत भक्ति स्वयं सहायता समूह द्वारा जूट से कई तरह के उत्पाद तैयार किए जा रहे हैं। समूह की प्रीति सुमन अपने कॉलेज के दिनों में राइफल शूटिंग का अभ्यास करती थीं। कॉलेज की पढ़ाई पूरी करने के बाद जब उन्हें नौकरी नहीं मिली, तो उन्होंने स्वरोजगार में हाथ आजमाने का फैसला किया।
आज उनके समूह में 20 सदस्य हैं। जिनके द्वारा 10 से 20 रुपए मार्जिन पर जूट के फैशनेबल बैग, लिफाफे, गुड़िया, मूर्तियां, चप्पल, फाइलों के साथ स्टोरेज बैग बनाए जा रहे हैं। इसे काफी सराहा जा रहा है और डिमांड में भी है। इसी तरह जूट से लेटेस्ट फैशनेबल ज्वेलरी भी तैयार की जा रही हैं। यह ज्वेलरी छात्राओं के साथ ही दुल्हन व महिलाओं के बीच काफी लोकप्रिय हो रही है। इसकी कीमत भी आम लोगों के अनुकूल है। नावाडीह में प्रीति सुमन का वर्कशॉप है। वे जूट की ज्वेलरी पर ज्यादा फोकस कर रहे हैं। बैग की भी डिमांड है। समूह के सदस्य सुबह 10 से शाम 5 बजे तक वर्कशॉप में माल तैयार करते हैं। जूट का कपड़ा, हैंडल, चेन लॉक, जिपर, डिजाइनर कपड़े आदि कच्चा माल आॅनलाइन मंगाते हैं। Jute Products
भारत भक्ति समूह की अध्यक्ष छाया कुमारी बताती हैं कि, ‘जूट की ज्वेलरी की डिमांड सबसे ज्यादा बंगाल में है। जूट की इयररिंग्स की कीमत 50 रुपए, नेकलेस 120 से 150 रुपए में पूरा सेट, बैंगल 80 रुपए है। ये देखने में सुंदर लगने के साथ ही इको-फ्रेंडली भी हैं। जूट से इसे तैयार किया जाता है। इस पर हर्बल रंग चढ़ाए जाते हैं। हर तरह के डिजाइन पर ज्वेलरी तैयार की जा रही है।’ प्रीति सुमन के मुताबिक, ‘पॉलिथीन का विरोध जरूरी था। ऐसे में एक ऐसे विकल्प की जरूरत थी, जो हमें आसानी से उपलब्ध हो। हमने जूट उत्पादों पर ध्यान केंद्रित किया। जूट के कपड़े की खासियत यह है कि अगर यह कहीं से फट जाए या सिलाई उधड़ जाए, तो इसे दोबारा ठीक किया जा सकता है और जब यह बेकार हो जाए, तो आसानी से मिट्टी में मिल जाता है। जूट से बने उत्पाद आकर्षक होने के साथ-साथ पर्यावरण के लिए भी सुरक्षित हैं।’ Jute Products
जूट से खिलौने बनाने में माहिर धनबाद की प्रीति सुमन को इंडिया ट्रेड फेयर में अपना हुनर दिखाने का मौका मिला और उसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। आज उनके खिलौनों की पहुंच अमेरिका और आॅस्ट्रेलिया समेत देश के विभिन्न शहरों तक है। प्रीति का यह हुनर अब वैश्विक बाजार में लोकप्रियता हासिल कर रहा है। जूट उत्पाद न केवल उनके और स्वयं सहायता समूह के सदस्यों के जीवन में समृद्धि ला रहे हैं, बल्कि पर्यावरण भी संवार रहे हैं। -देवेन्द्रराज सुथार, स्वतंत्र एवं युवा लेखक
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