जकार्ता (एजेंसी)। Earthquake: इंडोनेशिया के पूर्वी प्रांत मालुकु में बुधवार को भूकंप के जोरदार झटके महसूस किए गए। इंडोनेशिया की मौसम विज्ञान, जलवायु विज्ञान एवं भूभौतिकी एजेंसी बताया कि भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 7.2 मापी गयी, लेकिन सुनामी नहीं आयी।
एनसीआर में आ सकता है बड़ा भूकंप
दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में सोमवार को फिर बहुत तेज भूकंप के झटके महसूस किये गये। रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 5.6 मापी गयी। दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र तथा नेपाल में सोमवार को एक बार फिर से बहुत तेज भूकंप के झटके महसूस किये गये। तीन दिन के बाद ही दूसरे भूकंप ने लोगों को हिला कर रख दिया है। दिल्ली, एनसीआर सहित पूरे उत्तर भारत में भूकंप के झटके महसूस किये गये। भारत के राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र ने भी भूकंप की तीव्रता 5.6 दर्ज करते हुए भूकंप केंद्र के नेपाल में होने की पुष्टि की है। इससे पहले नेपाल में तीन नवंबर को भी 6.4 तीव्रता का भूकंप महसूस किया गया था। इसके कारण नेपाल में करीब 150 लोगों की मौत हो गयी। गत 15 और 16 अक्टूबर को भी दिल्ली,एनसीआर सहित पूरे उत्तर भारत में भूकंप के झटके महसूस किये गये थे। तीनों भूकंप का केंद्र नेपाल था। Earthquake
फिलहाल इस भूकंप से भारत में किसी प्रकार के जानमाल के नुकसान की कोई सूचना नहीं है लेकिन इसे उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और बिहार में भी महसूस किया गया। कई जगहों पर यह इतना असरदार रहा कि लोग डर के कारण घर से बाहर निकल आये और अब वीडियो साझा कर रहे हैं। भूंकप वैज्ञानिकों के अनुसार छह से अधिक तीव्रता की भूकंप तबाही मचा सकता है। केंद्र ने बताया कि आज भूकंप की तीव्रता 5.6 मापी गयी जिसके कारण कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ। आज महसूस किये गये भूकंप के झटके 16:16:40 आईएसटी को महसूस किसे गये। भूकंप का केंद्र 28.89 अक्षांश और 82.36 देशांतर में जमीन की सतह से 10 किलोमीटर की गहराई में स्थित था।
जवाहरलाल नेहरू सेंटर आॅफ एडवांस्ड साइंटिफिक रिसर्च में प्रोफेसर सीपी राजेंद्रन के मुताबिक दिल्ली-एनसीआर में कभी भी बड़ा भूकंप आ सकता है। लेकिन ये कब आएगा और कितना ताकतवर होगा, ये कह पाना मुश्किल है। सीपी राजेंद्रन ने 2018 में एक स्टडी की थी। इसके मुताबिक साल 1315 और 1440 के बीच भारत के भाटपुर से लेकर नेपाल के मोहाना खोला तक 600 किलोमीटर लंबा सिस्मिक गैप बन गया था। 600-700 सालों से ये गैप शांत है, लेकिन इस पर लगातार भूकंपीय दबाव बन रहा है। हो सकता है कि ये दबाव भूकंप के तौर पर सामने आए।
भूकंप के दौरान ऐसा करने से बचें | Earthquake
- भूकंप के दौरान लिफ्ट का इस्तेमाल न करें।
- बाहर जाने के लिए लिफ्ट की बजाय सीढ़ियों का इस्तेमाल करें।
- कहीं फंस गए हों तो दौड़ें नहीं।
- अगर गाड़ी या कोई भी वाहन चला रहे हो तो उसे फौरन रोक दें।
- वाहन चला रहे हैं तो पुल से दूर सड़क के किनारे गाड़ी रोक लें।
- भूकंप आने पर तुरंत सुरक्षित और खुले मैदान में जाएं।
- भूकंप आने पर खिड़की, अलमारी, पंखे आदि ऊपर रखे भारी सामान से दूर हट जाएं।
क्या होता है रिक्टर स्केल | Earthquake
भूकंप के समय भूमि में हुई कंपन को रिक्टर स्केल या मैग्नीट्यूड कहा जाता है। रिक्टर स्केल का पूरा नाम रिक्टर परिणाम परीक्षण ( रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल ) है। भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर जितनी ज्यादा होती है, भूमि में उतना ही अधिक कंपन होता है। जैसे-जैसे भूकंप की तीव्रता बढ़ती है नुकसान भी ज्यादा होता है। जैसे रिक्टर स्केल पर 8 की तीव्रता वाला भूकंप ज्यादा नुकसान करेगा। वहीं 3 या 4 की तीव्रता वाला भूकंप हल्का होगा।
भूकंप की तीव्रता के हिसाब से क्या हो सकता है असर | Earthquake
- 0 से 1.9 की तीव्रता वाले भूकंप का पता सिर्फ सीज्मोग्राफ से ही चलता है।
- 2 से 2.9 की तीव्रता वाले भूकंप से सिर्फ हल्की कंपन होती है।
- 3 से 3.9 की तीव्रता वाले भूकंप के दैरान ऐसा लगता की कोई ट्रक आपके बगल से गुजरा हो।
- 4 से 4.9 की तीव्रता वाला भूकंप खिड़कियां तोड़ सकता हैं।
- 5 से 5.9 की तीव्रता पर घर का सामान हिल सकता है।
- 6 से 6.9 की तीव्रता वाले भूकंप से इमारतों की नींव में दरार आ सकती है।
- 7 से 7.9 की तीव्रता वाला भूकंप इमारतों को गिरा सकता है।
- 8 से 8.9 की तीव्रता वाला भूकंप आने पर बड़े पुल भी गिर सकते हैं।
- 9 से ज्यादा की तीव्रता वाले भूकंप पूरी तरह से तबाही मचा सकते हैं।
- अगर समंदर नजदीक हो तो सुनामी भी आ सकती है।