चंडीगढ़/गुरुग्राम संजय कुमार मेहरा। Haryana News: वायु प्रदूषण (air pollution) के मामले में सिर्फ राजधानी दिल्ली का ही बुरा हाल नहीं है, बल्कि इसके साथ लगते हरियाणा के फरीदाबार, सोनीपत सहित कई शहरों का बुरा हाल है। शुक्रवार से एकाएक प्रदेश भर में वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ गया। आसमान में स्मॉग छा गया। दिन में भी वाहनों को लाइटें जलाकर चलाना पड़ा। विभिन्न स्थानों पर लगे एयर क्वालिटी इंडेक्स यंत्रों से जो डाटा सामने आया, उससे पता चला कि वायु प्रदूषण की स्थिति यहां काफी भयानक हो गई है। हरियाणा में वायु प्रदूषण का स्तर 460 पर पहुंच गया। प्रदेश भर में हिसार, जींद, रोहतक, फतेहाबाद व बहादुरगढ़ ऐसे रहे जहां एक्यूआई 400 से 450 तक रहा। यह ऐसी स्थित में जिसमें हवा में सांस लेने से स्वस्थ व्यक्ति तो प्रभावित होता ही है, लेकिन मौजूदा समय में बीमारियों से ग्रस्त लोगों पर इसका गंभीर प्रभाव पड़ता है। त्योहारी सीजन में हर साल प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ जाती है। कहने को तो दीपावली पर्व पर पटाखे आदि जलाने पर भी रोक लगाई जाती है, लेकिन प्रदूषण का स्तर कम होने का नाम ही नहीं लेते।
अभी दशहरा खत्म हुआ है और दीपावली का इंतजार है। इसकी तैयारियां जोरों पर हैं। कोई घरों की पुताई करा रहा है तो कोई अपने नए घरों को अंतिम रूप देने में जुटा है। इसी बीच एकाएक वायु प्रदूषण का बढ़ा स्तर चिंता का विषय बन गया है।
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गुरुग्राम में निर्माण एवं तोड़फोड़ गतिविधियों पर रोक | Haryana News
गुरुग्राम में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग द्वारा दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में बढ़ते प्रदूषण स्तर को ध्यान में रखते हुए ग्रेडिड रेस्पांस एक्शन प्लान का तीसरा चरण लागू कर दिया गया है। इस चरण में प्रदूषण बढ़ाने वाली गतिविधियां करने वालों पर भारी जुमार्ना लगाया जाएगा, वहीं निर्माण एवं तोडफोड़ गतिविधियों पर आयोग द्वारा रोक लगा दी गई है। नगर निगम गुरुग्राम की पर्यावरण एवं स्थिरता विंग के नोडल अधिकारी संयुक्त आयुक्त डा. नरेश कुमार के मुताबिक जीआरएपी के तीसरे चरण में कुछ प्रोजेक्ट को छोड़कर अन्य सभी प्रकार की निर्माण एवं तोडफोड़ गतिविधियों पर रोक लगा दी गई है।
इन शहरों में सांस लेना हुआ दुर्भर | Haryana News
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के शुक्रवार को चार बजे तक के आंकड़ों के अनुसार हरियाणा के कई शहरों में बेहद खराब स्थिति है, जिसमें फरीदाबाद में 460, सोनीपत में 455, हिसार में 456, जींद में 447, रोहतक में 424, फतेहाबाद में 432, बहादुरगढ़ में यह 404, गुरुग्राम में 367 एक्यूआई दर्ज किया गया है। यहां भी हवा की गुणवत्ता बेहद खराब स्थिति में है। यहां वह स्थिति है जहां लंबे समय तक संपर्क में रहने पर श्वसन संबंधी बीमारी बढ़ सकती है। वहीं अन्य शहरों जैसे कैथल में 361, पलवल में 339, कुरुक्षेत्र में 321, भिवानी में 313, करनाल में 312, नारनौल में 286, यमुनानगर में 250, सिरसा में 236 व अंबाला में 218 दर्ज किया गया।