खरखौदा (सच कहूँ/हेमंत कुमार)। पर्यावरण सरंक्षण (Environmental Protection) को लेकर वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के चेयरमैन डॉ. एमएम कुट्टी व हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल ने विडियों कांफ्रेस के माध्यम से प्रदेश के सभी जिला उपायुक्तों की बैठक ली और उन्हें जरूरी दिशा-निर्देश दिए। वीसी के उपरांत उपायुक्त डॉ० मनोज कुमार ने कृषि विभाग, प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड व संबंधित अधिकारियेां को विशेष निर्देश दिए कि जिला में आ रहे पराली व फसल अवशेष जलाने के मामलों पर कार्यवाही करते हुए संबंधित के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही की जाए ताकि इन मामलों पर पूर्णत: रोक लगाई जा सके। Kharkhoda News
उपायुक्त ने निर्देश दिए कि इस कार्य में बिल्कुल भी ढिलाई सहन नहीं की जाएगी अगर किसी क्षेत्र में पराली या फसल अवशेष जलाने की सूचना मिलती है तो उस क्षेत्र के संबंधित में बनाई गई कमेटी के संबंधित कर्मचारियों पर भी कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने कहा कि एनजीटी द्वारा सेटेलाइट से निरंतर निगरानी कराई जा रही है। उपायुक्त ने किसानों का आह्वान किया है कि वे फसल कटाई उपरान्त फसल अवशेषों में किसी भी प्रकार की आगजनी की घटना ना करें अपितु उनका प्रबंधन करके सरकार द्वारा चलाई जा रही स्कीमों का लाभ लें। किसान कृषि यंत्रों से धान की पराली को मिट्टी में मिलाकर भूमि की उपजाऊ शक्ति बढ़ा सकते हैं या स्ट्रा बेलर मशीन से पराली की गांठ बनाकर सरकार द्वारा दी जा रही एक हजार रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि प्राप्त कर सकते हैं। फसल अवशेष प्रबंधन की नीति अपनाकर आय का अतिरिक्त स्त्रोत बना सकते हैं।
उपायुक्त ने कहा कि फसल अवशेष जलाने के मामलों पर रोक लगाने के लिए सभी संभव प्रयास किए जाएं। उन्होंने कहा कि चौकीदार के द्वारा फसल अवशेषों में आगजनी न करने के लिए प्रतिदिन गांवों में मुनादी करवाई जाए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिस भी गांव में हरसैक द्वारा फसल अवशेषों में आगजनी की घटना प्राप्त होती है तो उस गांव के सरपंच व नम्बरदार को जिम्मेदार मान उस के खिलाफ सख्त कार्यवाही अमल में लाई जाए। उन्होंने कृषि विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे शनिवार, रविवार अवकाश के दिनों को भूलकर फील्ड में हर समय तैनात रहें। उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि यदि किसी गांव में आगजनी की घटना पाई जाती है तो उस गांव में अगले वर्ष कृषि यंत्रों पर अनुदान के लिए कोई भी वरीयता प्रदान न की जाए। Kharkhoda News
उपायुक्त ने कहा कि धान फसल के अवशेषों को न जलाने को लेकर जिला में भारतीय दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के लागू हैै। ये आदेश 30 नवंबर, 2023 तक लागू रहेंगे। उन्होंने कहा कि जिला में कई किसान धान की कटाई के बाद बचे अवशेष को जला देते हैं, जिससे उत्पन्न धुआं आसमान में चारों ओर फैल जाता है, जो कि आमजन के स्वास्थ्य पर असर डालता है। इसलिए पराली जलाकर पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाला व्यक्ति मानवता का सबसे बड़ा दुश्मन है। उन्होंने कहा कि आदेशों की अवहेलना में यदि कोई व्यक्ति दोषी पाया जाता है तो उसके विरुद्ध भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188 संपठित वायु बचाव एवं प्रदूषण नियंत्रण अधिनियम 1981 व कानूनी धारा 107(51) के तहत कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। Kharkhoda News
इस मौके पर कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उप-निर्देश डॉ० पवन शर्मा, सहायक कृषि अभियंता नवीन हुड्डïा, हरियाणा स्टेट प्रदूषण बोर्ड से एईई प्रवीन कुमार, एडीओ मनोज कुमार तथा जेई संदीप कुमार मौजूद रहे।
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