Uric acid control tips: आज की हमारी लाइफ स्टाइल ऐसी हो गई है कि हम अपने स्वास्थ्य की ओर ध्यान नहीं दे पाते है। जिस कारण यूरिक एसिड जैसी समस्या आने लगती है। इस समय सर्दियों का मौसम आ चुका है। ठंड के मौसम में घरों में एक से बढ़कर एक पकवान बनते हैं। सर्दियों में पराठे खूब चाव से लोग खाते हैं जैसे पालक, मेथी, आलू व मूली। आज हम आपको मूली खाने से क्या फायदा होता है उसके बारे में बताने जा रहे हैं। Muli in uric acid
मूली खाने के फायदे | Muli in uric acid
- यूरिक एसिड के कारण से पैरों में दर्द होने लगता है। यह क्रिस्टल हड्डियों में दर्द व सूजन पैदा करते है। यूरिक एसिड गठिया दर्द का कारण भी बनता है। सर्दियों में ये परेशानी और बढ़ जाती है। ऐसे में मूली में पाये जाने वाले पोषक तत्व यूरिक एसिड को कम करने में बहुत राहत पहुंचाते है।
- मूली खाने से पेट की गंदगी आसानी से दूर हो जाती है। पेट में जमे टॉक्सिन्स मल मूत्र के सहारे बाहर आ जाते हैं। मूली की सब्जी का आप रोज सेवन करते हैं तो यूरिक एसिड कंट्रोल में रहेगा और ब्लड शुगर को भी इससे कंट्रोल किया जा सकता है।
- मूली की सब्जी में पानी के साथ-साथ फाइबर की मात्रा अधिक होती है जो यूरिक एसिड के स्तर को कम करता है। दरअसल मूली में मौजूद बायोएक्टिव यौगिक प्यूरीन के संचय को रोकता है व आॅक्सालेट स्टोन को कम करके उन्हें बाहर निकालने में मदद करता है।
- मूली खाने से पाचन दुरूस्त रहता है। इससे गैस, अपच और एसिडिटी जैसी समस्याओं से राहत मिलती है। जोड़ों का दर्द व सूजन को कम करने में मदद करता है। उधर जिन लोगों को गैस की समस्या है उन्हें मूलल चबा-चबाकर खानी चाहिये। इस सब्जी से बवासीर के लक्षण भी कम होते हैं।
- अगर आपकी इम्यूनिटी कमजोर है तो आप हर रोज मूली का सेवन कर सकते हैं। अगर आप हर रोज मूली का सेवन करेंगे तो आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी हद तक बढ़ सकती है, जिससे आप सर्दी-खांसी से बचे रह सकते हैं इतना ही नहीं इस मूली को आप अपने परिवार को भी खाने की जरूर सलाह दें ताकि आपके साथ-साथ वो भी जल्दी ही सर्दी-खांसी की चपेट में ना आए।
- मूली खाना बहुत ही फायदेमंद होता है, इसे खाने से खासकर दिल संबंधी बीमारी का खतरा कम हो सकता है क्योंकि इसमें मौजूद एंथेसरइनिन दिल की बीमारी के खतरे को काफी कर देता है। इसलिए दिल के मरीजों को मूली का सेवन अवश्य करना चाहिए ताकि वो दिल बीमारी के खतरे से बचे रहें।
- बता दें कि जिस किसी का भी पांचन तंत्र कमजोर है उसे मूली का सेवन अवश्य करना चाहिए क्योंकि सर्दी के समय में मूली का सेवन करने से पाचन तंत्र मजबूत होता है और भोजन को डाइजेस्ट करने की शक्ति भी बढ़ती है। भोजन के साथ मूली खाने से, खाया गया भोजन जल्दी पच जाता है।
- अगर कोई व्यक्ति शुगर से पीड़ित है तो उसे मूली का सेवन करना चाहिए क्योंकि मूली में ब्लड शुगर की मात्रा कम करने की समर्थता होतीहै। यहां एक ध्यान रखने वाली बात है कि जिसे हाई ब्लड शुगर हो, उसे मूली का सेवन कदापि नहीं करना चाहिए। ऐसे में डॉक्टर की सलाह लेना ही उचित होगा।
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आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मूली ही नहीं अपितु मूली का रस भी स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभकारी होता है। मूली के रस से शारीरिक थकावट भी उतर जाती है। अगर आपको कभी थकान महसूस हो रही हो तो ऐसे में आप मूली के रस को गरम करके इसमें थोड़ा सा सेंधा नमक मिलाकर गरारे करें तो आप काफी आराम का अहसास कर सकते हैं। इतना ही नहीं अगर गले में कोई सूजन है, तो वह भी कम हो सकती है।
- कई बार क्या होता है किसी स्ट्रैस के कारण आपको नींद नहीं आ रही होती है, अगर आप ऐसी समस्या से ग्रस्त हैं तो मूली जरूर खाएं। इसको खाने के अचूक फायदे आप प्राप्त कर सकते हैं, जिससे आप अच्छी नींद ले सकेंगे।
- कैल्शियम की कमी वाले लोग भी मूली का सेवन अवश्य करें और हो सके तो मूली की सब्जी या मूली को सलाद के तौर पर अपने भोजन में शामिल करें। अगर आप ऐसा करते हैं तो आपके अंदर कैल्शियम की कमी पूरी हो जाएगा और आपकी हड्डियां मजबूत हो जाएंगी। क्योंकि मूली एक ऐसी सब्जी है, जिसमें भरपूर मात्रा में कैल्शियम उपलब्ध होती है।
- कोई अगर पायरिया से परेशान हैं, किसी के दांत ज्यादा पीले हो गए हैं तो उसे मूली के छोटे-छोटे टुकड़े करके, उन पर नींबू का रस लगाकर अपने पीले हुए दांतों पर घिसना चाहिए। हर रोज ऐसा करने से दांतों से पीलापन काफी हद तक खत्म हो सकता है।
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अगर कोई व्यक्ति मूली को अपने भोजन में नियमित रूप से शामिल कर लेता है, उसे किडनी और लिवर की समस्या से निजात मिल सकती है और ज्यादा स्वस्थ रहते हुए वह अपच की समस्या भी बचा रहता है।
अत्याधिक गुणकारी मूली भूख बढ़ाने में सहायक होती है। अगर आपको भूख नहीं लगती है तो आप मूली का ज्यादा सेवन करें, जिससे आपकी भूख तो बढ़ेगी ही साथ ही आपकी पाचन शक्ति भी बढ़ जाएगी।
नोट: लेख में दी गई जानकारी आपकी सामान्य जानकारी के लिए दी गई है, जो किसी इलाज का विकल्प नहीं हो सकती। ज्यादा जानकारी के लिए आप अपने डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं या किसी एक्सपर्ट से सलाह ले सकते हैं। सच कहूँ इसकी पुष्टि नहीं करता है।