इन्सानियत। भगवान कौर इन्सां का पार्थिव शरीर मेडिकल रिसर्च के लिए दान
- गांव बंगी कलां में दूसरा व ब्लॉक रामां नसीबपुरा का हुआ 63वां शरीरदान | Body Donation
रामां नसीबपुरा (सच कहूँ/पुशपिन्द्र सिंह)। बीते दिनों अपनी स्वासों रूपी पूंजी पूरी कर कुल मालिक के चरण कमलों में सचखंड जा बिराजे गांव बंगी कलां निवासी भगवान कौर इन्सां ने गांव बंगी कलां के दूसरे व ब्लॉक रामां नसीबपुरा के 63वें शरीरदानी होने का गौरव हासिल किया है। बीते दिनों उनके मरणोपरांत उनके परिजनों ने उनका पार्थिव शरीर मेडिकल रिसर्च के लिए दान कर दिया। जानकारी के अनुसार भगवान कौर इन्सां (100) ने पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की पावन शिक्षाओं पर चलते हुए जीते जी मरणोपरांत शरीरदान करने का प्रण लिया हुआ था।
उनके मरणोपरांत उनके बेटे सेवा समिति के सेवादार मेजर सिंह इन्सां, पंडाल समिति सेवादार हरदीप सिंह इन्सां, पुत्रवधूएं हरदेव कौर व सुखदेव कौर, बेटियां अंग्रेज कौर, गुरनाम कौर, 5 पौत्रियां, दो पौत्र, दो पड़पौत्र और तीन पड़पौत्रियों द्वारा उनकी अंतिम इच्छा को पूरा करते हुए उनके पार्थिव शरीर को मेडिकल रिसर्च के लिए सरस्वती इंस्टीच्यूट आॅफ मेडिकल सार्इंस अमवारपुरा पिकलोवा हापुर (उत्तर प्रदेश) को दान कर दिया गया।
वहीं बेटा बेटी एक सम्मान मुहिम के तहत उनकी बेटियों ने अर्थी को कंधा दिया। पार्थिव शरीर को रिश्तेदारों, बड़ी संख्या में ब्लॉक की साध संगत, शाह सतनाम जी ग्रीन एस वैल्फेयर फोर्स विंग के सेवादारों के अलावा क्षेत्रवासियों द्वारा शरीरदानी के निवास स्थान से ‘भगवान कौर इन्सां अमर रहे’ और ‘शरीरदान महादान’ के नारों से काफिले के रूप में अंतिम विदाई दी। इस मौके 85 मैंबर ऊधम सिंह भोला इन्सां, सरपंच राम कुमार, टेक सिंह बंगी चेयरमैन मार्केट कमेटी तलवंडी साबो, बलकौर सिंह, सुरेन्द्र डल्ला रामा, भोला सिंह रामां, हरजीत सिंह मान वाला, गुरप्रीत सिंह, ब्लॉक प्रेमी सेवक राजकुमार सेवा समिति के सेवादार पंडाल समिति के सेवादारों व रिश्तेदारों ने नम आंखों से अंतिम विदाई दी।
मेडिकल रिसर्च के लिए बहुत बड़ी देन: चेयरमैन | Body Donation
मार्केट कमेटी रामां मंडी के चेयरमैन गुरप्रीत कौर ने कहा कि डेरा सच्चा सौदा द्वारा जो मानवता भलाई के कार्य किए जा रहे हैं, वह बहुत प्रशंसनीय हैं। जो आज भगवान कौर इन्सां का शरीरदान हुआ है, वह मेडिकल सार्इंस के लिए बहुत बड़ी देन है। उन्होंने कहा कि वह परिवार का धन्यवाद करते हैं, जिन्होंने पूज्य गुरु जी के पावन वचनों पर चलते हुए शरीरदान किया है, जिससे मेडिकल क्षेत्र के विद्यार्थियों को रिसर्च करने में आसानी होगी।