खरखौदा (सच कहूँ/हेमंत कुमार)। विजयदशमी (Vijayadashami) का पाव शहर में बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जा रहा इस दिन अधर्म पर धर्म की विजय का प्रतीक माना जाता है। इस पर्व के अवसर पर घरों में बहनें भाइयों के कानों पर नौरते रखकर इस पर्व को मानाती है। कहते हैं हमेशा सत्य की ही जीत होती है जिसका उदाहरण आज का यह पर्व साबित करता है। झूठ का सहारा इंसान बहुत लंबे समय तक नहीं ले सकता है। एक न एक दिन सच्चाई सामने आती है। और सच्चाई की ही जीत होती है। यह पर्व पूरे भारतवर्ष में धूमधाम से मनाया जाता है। Kharkhoda News
इस दिन भगवान विष्णु के सातवे अवतार भगवान श्री राम ने अधर्म के प्रति आक्रमण कर उसकी सेना सहित नाश कर दिया था। तथा धरती पर धर्म की स्थापना की थी। त्रेता युग में धरती पर रावण के नेतृत्व में अत्याचार बहुत बढ़ था । जिसका अंत करने के लिए भगवान विष्णु ने श्री राम के रूप में अवतार लिया था। जब उनका अयोद्धा के राजा के रूप में राजतिलक होने वाला था तभी उनकी सौतेली मां केकई के द्वारा उन्हें 14 वर्ष का कठोर बनवास दे दिया गया। जो वनवास में अपने छोटे भाई लक्ष्मण तथा पत्नी सीता के साथ गए। Kharkhoda News
14 वर्ष के वनवास के अंतिम बरस में रावण ने छल से माता सीता का अपहरण कर लिया और उन्हें अपनी राजधानी लंका ले गया। श्री राम ने अपनी पत्नी सीता को वापस पाने के लिए रावण तथा उनकी सेवा के साथ भयंकर युद्ध किया अंत में आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दसवीं तिथि के दिन उन्होंने रावण का अंत कर दिया। इसलिए यह असत्य पर सत्य की विजय के रूप में इस पर्व को मनाया जाता है। शहर में आसपास के कई गांव में रामलीला का मंचन किया जाता है । विजयदशमी के अवसर पर रावण दहन का आयोजन होता है। Kharkhoda News
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