प्रकृति की गोद का अहसास लेना हो तो चले जाइये नौरंगपुर
- उदय होते सूर्य के बेहतरीन नजारे व फूलों की सुंगध देती है सुकून
- ग्रामीणों के लिए पहाड़ी पर विकसित कर दिया बेहतरीन पार्क | Gurugram News
गुरुग्राम (सच कहूँ/संजय कुमार मेहरा)। सुबह की मीठी-मीठी ठंड, चिडिय़ों की चहचहाट, मोर की पिहूं-पिहूं, कोयल की कूहू-कूहू और उदय होते सूर्य (Sun) की लालिमा के साथ बिखरती किरणें। प्रकृति के यह नजारे किस हिल स्टेशन के नहीं, बल्कि गुरुग्राम शहर से चंद किलोमीटर दूरी पर बसे गांव नौरंगपुर के हैं। प्रकृति के इन सब नजारों को हम नौरंगपुर के नवरंग भी कह सकते हैं। दिल्ली में रायसीना पर्वत पर बनें राष्ट्रपति भवन से गुजरात के पालनपुर तक 692 किलोमीटर क्षेत्रफल में फैली अरावली पर्वत माला संसार की सबसे पुरानी पर्वत श्रृंखला है। Gurugram News
यह पर्वत श्रृंखला दिल्ली से हरियाणा (गुरुग्राम, मेवात), राजस्थान होते हुए आगे गुजरात तक जाती है। इसी अरावली श्रृंखला की एक छोटी पहाड़ी के पास बसा है गांव नौरंगपुर। देश की सुरक्षा एजेंसी एनएसजी के निकट और विकास का दर्शाती गगनचुंबी इमारतों के इस गांव में समय की मांग के अनुसार दो बेहतर से भी बेहतर काम हैं यहां की भव्य वाटिका और पहाड़ी पर विकसित किया गया पार्क। ग्रामीणों की सैर के लिए ये दोनों पसंदीदा स्थल हैं। इन्हें विकसित करने का पूरा श्रेय जाता है गांव के सरपंच प्रदीप यादव को। उनकी ओर से सच्चे और अच्छे प्रयास किए गए, तभी आज नौरंगपुर गांव में प्रकृति को बेहतरी से संरक्षण हो रहा है।
गांव के पहाड़ी पर बने मंदिर और उसकी दक्षिण दिशा में पहाड़ी पर रंग-बिरंगे फूल, विभिन्न प्रकार के फलों के पेड़, औषधीय पेड़। इन सबके बीच यहां विचरण करते हुए अपनी-अपनी भाषा में बतियाते चिडिय़ा, तित्तर, कबूतर, तोते यहां की प्राकृतिक छटा में चार चांद लगाते हैं। इसी जगह पर राष्ट्रीय पक्षी मोर भी आपको घूमते नजर आएंगे।
फल, फूलों के पौधे, पेड़ कर रहे आकर्षित | Gurugram News
इस परिसर में पीपल, शीशम, सफेदा, सरस, नीम, मेहंदी, लेसुआ, अशोक समेत कई किस्म के पेड़ों के अलावा आम, अमरूद, जामुन, मौसमी, चीकू, केला आदि फलों के पेड़ भी हैं। इन फल भी लगे हैं। कई औषधीय पेड़ों से लोग लाभ भी लेते हैं। कई किस्म के फूलों की भी यहां बहार नजर आती है। पार्क के चारों तरफ घूमने के लिए बनाए गए रास्ते के किनारे रंग-बिरंगे फूल यहां की सुंदरता को बढ़ा रहे हैं और सबको अपनी ओर आकर्षित करते हैं। अरावली पर विकसित किए गए इस पार्क को चारों तरफ से सुरक्षित किया गया है।
पहाड़ी पर तैयार किए हैं प्राकृतिक स्रोत: सरपंच प्रदीप यादव
नौरंगपुर गांव के सरपंच प्रदीप यादव कहते हैं कि पहाड़ी पर गांव का पौराणिक मंदिर है, जिसकी गांव में मान्यता है। मंदिर के साथ इस छोटी से पहाड़ी को कड़ी मेहनत से प्राकृतिक स्रोतों से विकसित किया गया है। हालांकि यहां आने, घूमने पर कोई प्रतिबंध नहीं है और ना ही किसी तरह का शुल्क लिया जाता है। गांव के युवा अशोक कुमार व अन्य के सहयोग से पहाड़ी पर समय-समय पर पेड़, पौधे रोपे जाते हैं, ताकि यहां हरियाली और बढ़ाई जाए। कई स्थानों पर यहां त्रिवेणी लगाई गई है। Gurugram News
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