खरखौदा (सच कहूँ/हेमंत कुमार)। उपायुक्त डॉ० मनोज कुमार ने बताया कि केन्द्र सरकार द्वारा लोगों की सुरक्षा और साइबर ठगी (Cyber Fraud) से बचने के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से अक्टूबर माह को राष्टï्रीय साइबर सुरक्षा माह के रूप में मनाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि प्रतिवर्ष अक्टूबर माह में डिजिटल सुरक्षा और व्यक्तिगत जानकारी की सुरक्षा के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए इसका आयोजित किया जाता है। इस बार इसका थीम ‘सी यू इन साइबर’ है। गृह मंत्रालय की ओर से राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा माह के दौरान छह क्षेत्रों में साइबर सुरक्षा के लिए आमजन को जागरूक करने की रणनीति बनाई है। Kharkhoda News
उपायुक्त ने बताया कि वर्तमान समय में साइबर अटैक अथवा अपराध बढ़ रहे हैं, उसको रोकने में सरकार की नहीं बल्कि आम उपभोक्ताओं की भी बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। इसलिए जिलावासी साइबर खतरों से सावधान रहकर अगर संभव हो तो ऑनलाइन वस्तु मंगवाने पर कैश में ही पेंमेट करें ताकि आपकी कोई भी डिटेल साइबर ठगों तक न पहुंच पाए। उन्हेोंन कहा कि साइबर ठगी से बचने के लिए आवश्यक है कि उपभोक्ता, फोरम या वेबसाइट्स पर अपनी संवेदनशील जानकारी ईमेल आईडी, पासवर्ड, क्रेडिट कार्ड की डिटेल शेयर न करें। अपना पासवर्ड मजबूत रखें, कोई भी लिंक क्लिक करने से पहले देखें कि वह वेबसाइट ठीक है। सिस्टम की सुरक्षा के लिए अपने सिस्टम को अपडेट करते रहें और भरोसेमंद सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करें।
उपायुक्त ने बताया कि हैकर्स कमजोर सिस्टम पर हमला करने और उस पर नियंत्रण करने के लिए मैलिसस कोड का सहारा लेते हैं। साइबर सिक्योरिटी पर अटैक अनेक प्रकार से किए जा सकते हैं। इसके लिए मैलवेयर, फिशिंग अटैक, डिनायल ऑफ सर्विस, मैन इन द मिडिल के माध्यम से किया जा सकता है। इसको सिस्टम को हैक करने, क्रिप्टोकरेंसी के रूप में पैसे की मांग के लिए या फिर डार्क वेब पर डेटा बेचने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इस तरह के हमलों में संवेदनशील एवं महत्वपूर्ण जानकारी जो उपयोग कर्ता के वेबसाइट पर उपलब्ध है, उसे बिना किसी वेबसाइट या यूजर्स के ज्ञान के हाईजैक कर लिया जा सकता है। Kharkhoda News
उपायुक्त ने बताया कि साइबर सिक्योरिटी का मतलब एक तरह की इंटरनेट सिक्योरिटी से है, जो आपको मैलवेयर, ब्लैक हैट हैकर्स या किसी अन्य तरह के साइबर हमलों से बचाती है। साइबर सुरक्षा में कंप्यूटर और नेटवर्क में उपलब्ध किसी भी प्रकार की सूचनाओं और डाटा को सुरक्षित और गोपनीय रखने का अभ्यास किया जाता है। जब आप इंटरनेट यूज करते है या इंटरनेट से जुड़े होते है तब कई प्रकार का खतरा आप पर बना रहता है क्योंकि हैकर्स अलग-अलग तरीकों से साइबर सुरक्षा का उल्लंघन करके आपके सिस्टम तक पहुंच सकते है और आपके पर्सनल डाटा का गलत इस्तेमाल कर सकते है। इसी खतरे को रोकने के लिए साइबर सिक्योरिटी का उपयोग किया जाता है। Kharkhoda News
उपायुक्त ने बताया कि टेक्नोलॉजी के इस दौर में लोग इंटरनेट का इस्तेमाल करते है और अपना पर्सनल डाटा भी इंटरनेट के माध्यम से शेयर करते है जबकि यह इंटरनेट पूरी तरीके से सुरक्षित नहीं है। इंटरनेट की इस दुनिया में यूजर की एक लापरवाही से उसकी निजी जानकारियां और डाटा खतरे में पड़ सकता है। आज यह साइबर हमला राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन गया है। आज इंटरनेट हमारे जीवन में रच-बस गया है। सरकार, सेना, कॉर्पोरेट कंपनियां, फाइनेंशियल कंपनियां और मेडिकल साइंस आदि इंटरनेट और टेक्नोलॉजी का काफी ज्यादा इस्तेमाल करती हैं और इन
सभी का डाटा काफी संवेदनशील होता है जिस कारण उन्हें अपने डाटा को साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों द्वारा सुरक्षित रखना पड़ता है। साइबर सिक्योरिटी की मदद से इंटरनेट और सिस्टम पर मौजूद सभी डाटा को सुरक्षित रखा जा सकता है और उसे चोरी होने से भी बचाया जा सकता है. दिन-प्रतिदिन डिजिटल डाटा बढ़ता ही चला जा रहा है. और जैसे डिजिटल डाटा बढ़ रहा है, वैसे उसकी सुरक्षा को लेकर भी समस्याएं बढ़ रही है. इसलिए डाटा को सुरक्षित रखने के लिए साइबर सिक्योरिटी प्रोडक्ट्स और सर्विसेज की जरूरत पड़ती ही है। Kharkhoda News
उपायुक्त ने बताया कि यदि आप इंटरनेट का उपयोग बैंकिंग से जुड़ी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए करते हैं, तो आपको अपने डिवाइस में साइबर सिक्योरिटी को ध्यान में रखते हुए एंटीवायरस को जरूर इंस्टॉल करना चाहिए. एक अच्छा एंटीवायरस आपको मैलवेयर और डाटा सिक्योरिटी ब्रीच के खतरे से बचाने का काम करता है। इस बात का हमेशा ध्यान रखें कि बैंक आपसे कभी भी एटीएम कार्ड नंबर, सीवीवी, ओटीपी, यूपीआई पिन आदि की मांग नहीं करता है। सॉफ्टवेयर और ऑपरेटिंग सिस्टम को अपडेट करें। हमेशा मजबूत पासवर्ड का उपयोग करें। पासवर्ड ऐसा रखें जिसका कोई भी व्यक्ति आसानी से अनुमान ना लगा सके. अपने पासवर्ड को हमेशा गुप्त रखें और किसी को ना बताएं।
किसी अज्ञात ईमेल से आयी ईमेल अटैचमेंट को कभी भी ना खोलें. क्योंकि इसमें वायरस भी हो सकता है. और यह साइबर अपराधियों द्वारा आपका डाटा चुराने की एक साजिश भी हो सकती है। अज्ञात ईमेल में लिंक पर क्लिक न करें। असुरक्षित नेटवर्क का इस्तेमाल ना करें। गृह मंत्रालय द्वारा ऑनलाइन साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल शुरू किया गया है। यहां आप साइबर क्राइम के बारे में रिपोर्ट कर सकते हैं। पुलिस विभाग ने साइबर अपराधों से निपटने के लिए हेल्पलाइन नंबर 1930 शुरू किया है। Kharkhoda News
यह भी पढ़ें:– खाद्म सुरक्षा सहायक आयुक्त के नेतृत्व में हुई छापामार कार्रवाई