Palak Ke Pakode Recipe: बारिश पड़ रही हो और मौसम सुहावना हो ऐसे में चाय के साथ पकौड़ी ना खाई जाए तो बात नहीं बनती। ऐसी बातें बहुत बनती नजर आती हैं किशनगंज के पश्चिम पाली में दीपक पकौड़ी वाले की दुकान पर। जहां हर रोज हजार से ज्यादा लोग चाय के साथ-साथ पकौड़ी का लुत्फ उठाने आते हैं। इन्हीं के साथ मूड़ही और चने का जायका भी लिया जा सकता है, जो कि नाश्ते को और मजेदार बना देता है। बरसात में ऐसा चटपटा नाश्ता करना है तो आप यहां आ सकते हैं।
दीपक ने जानकारी देते हुए बताया कि उन्होंने 2014 में एक छोटी सी गुमटी में दुकान शुरू की थी। शुरू-शुरू में तो हमारी पकौड़ी इतनी प्रसिद्ध नहीं थी। लेकिन धीरे-धीरे क्रेज बढ़ने लगा और लोग जानने लगे कि किशनगंज में सिर्फ हम ही पालक की पकौड़ी बनाते हैं। इसलिए भी लोग हमारे पास खाने आते हैं, दीपक बताते हैं कि पहले अकेले काम करते थे, लेकिन काम बढ़ने के बाद दो स्टाफ सदस्य रखे हैं। जो कि पकौड़ी परोसते हैं।
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अगर खपत की बात करें तो हर रोज 20 से 25 किलो प्याज और 20 से 25 किलो बेसन, 10 किलो ग्राम पालक और 25 से 30 किग्रा मुरही चना की खपत आसानी से हो जाती है। वह बताते हैं कि सीमांचल के लोग ज्यादातर मुरही चना और पकौड़ी खाना ही पसंद करते हैं। ये यहां का पसंदीदा नाश्ता है। इसके साथ-साथ हम चाय भी परोसते हैं। बहुत से लोग नाश्ते के बाद चाय पीते हैं। लाभ की बात की जाए तो दीपक ने बताया कि स्टाफ का खर्चा निकालकर अच्छा खासा मुनाफा कमा लेते हैं। हमारे यहां हर रोज हजारों ग्राहक आते हैं जिसकी कोई गिनती नहीं हैं। 15 रुपये में 10 पीस पकौड़ी और 7 रुपये में चाय, वहीं 5 पीस आलू चोप और बैंगन चोप मिल जाता है।
मशहूर है पालक वाली पकौड़ी
वैसे तो शहर में पकौड़ी की दुकान बहुत हैं लेकिन दीपक पकौड़ी वाले की तो बात ही निराली है। खास बात यह है कि ये अपनी पकौड़ी में पालक साग का इस्तेमाल करते हैं। यहां पालक वाली पकौड़ी प्याज, शुद्ध चने के सत्तू, धनिया के पत्ते, हरी मिर्च और खास मसाले से तैयार होती है। पकौड़ी के साथ-साथ टमाटर सॉस की चटनी और कच्चा प्याज भी स्वाद को बढ़ा देता है। सुबह 8:00 बजे से लेकर 10:00 बजे रात लोग यहां गरमा गरम पकौड़ी खाते हैं।