Causes of Tingling in Hands and Feet: हम अक्सर अपनी आम जिंदगी में अपने शरीर में आई छोटी-मोटी समस्याओं की तरफ ध्यान नहीं देते हैं। लेकिन यही छोटी-मोटी समस्याएं जब बड़ा बनकर उभरती हैं तो फिर बात हाथ से निकल जाती है। इसलिए कभी भी छोटी-मोटी समस्याओं को इग्नौर नहीं करना चाहिए। जैसे हाथ और पैरों में झुनझुनी होने को हम बड़ी बात नहीं समझते। अक्सर आपने देखा होगा कि जब हम एक ही अवस्था में ज्यादा देर तक बैठे रह जाते हैं तो हमारे हाथ या पैरों में झनझनाहट होनी शुरू हो जाती है।
‘आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस समस्या को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। क्योंकि यह किसी बीमारी का संदेश हो सकता है। जिन लोगों को कुछ देर एक ही अवस्था में बैठे रहने के बाद हाथ, पैर सुन्न होने की समस्या है और उन्हें हिलाने-डुलाने में तकलीफ महसूस होती है तथा यह समस्या बार-बार हो रही है तो आपको अलर्ट हो जाना चाहिए। क्योंकि यह समस्या छोटी नहीं है, यह स्वास्थ्य के लिहाज से बहुत ही चिंता का विषय है। ऐसी अवस्था में आपको जल्दी ही अपने डॉक्टर से सलाह करनी चाहिए और समस्या के निवारण के लिए अचूक इलाज करना चाहिए।
किन कारणों से होती है झनझनाहट | Causes of Tingling in Hands and Feet
बता दें कि शरीर में छोटी से छोटी समस्या किसी ना किसी कारणवश ही होती है, इसी प्रकार शरीर में झुनझुनी होने के भी विभिन्न कारण हैं। कई बार तो यह देखने में आता है कि शरीर, हाथ, पैरों में झुनझुनी किसी अंदरूनी चोट के कारण पैदा होती है वहीं दूसरी ओर यह कुछ बीमारियों के कारण या किसी न किसी तत्व के कारण होती है। आज इस लेख के माध्यम से हम आपको हाथ-पैरों में झनझनाहट किन कारणों से होती है, इसके बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हमारा शरीर एक मशीन के समान है और इसमें खराबी आना संभावित है। इसलिए इसको मेन्टेन रखना बहुत ही जरूरी है। बता दें कि हाथ-पैरों में झनझनाहट कुछ विटामिन की कमी के कारण भी हो सकती है। अगर शरीर में विटामिन की कमी हो जाती है तो इसकी वजह से हमारा शरीर सही ढंग से काम नहीं करता। विटामिन की कमी से शरीर को उचित पोषक तत्व नहीं मिल पाते जिसके कारण शरीर की वो नसें कमजोर हो जाती हैं जिनमें हमें झनझनाहट महसूस होने लगती है। विटामिन की बात करें तो जब हमारे शरीर में विटामिन बी 6 की कमी होती है तो ही ऐसा होता है। हमारे हाथ, पैर व बॉडी सुन्न पड़ने लग जाती है।
दूसरा कारण नसों में दबाव आने के कारण भी हाथ-पैर सुन्न हो सकते हैं, कई बार बैठने के तरीके के कारण भी कमर और गर्दन की नसें दब जाती है जिसके कारण पैरों सुन्न होना लाजमी है, साथ ही गलत बैठने से गर्दन वह शरीर सुन्न पड़ने लग जाता है। इतना ही नहीं जब रीढ़ की हड्डी खराब होने लगती है तो भी उसके आसपास की नसों पर दबाव बनने लगता है जिसके कारण हमें सर्वाइकल की समस्या होनी शुरू हो जाती है और इसी सर्वाइकल के कारण पूरा शरीर सुन्न होने लगता है।
कई बार क्या होता है कि शरीर में रक्त प्रवाह दुरुस्त नहीं होता, जिसकी वजह से हाथ, पैरों में झनझनाहट पैदा होने लगती है। जब हमारे शरीर में रक्त का संचार सही तरीके से नहीं हो पाता या रुकावट पैदा होती है तो इससे नसों पर बुरा प्रभाव पड़ता है जिससे शरीर के विभिन्न अंगों में आॅक्सीजन नहीं पहुंच पाती और हमारी बॉडी सुन्न होने लगती है।
जो लोग ज्यादा देर तक कंप्यूटर पर बैठकर टाइपिंग वर्क करते हैं, उनके भी हाथ, पैरों में झनझनाहट पैदा होती है। क्या होता है कि लगातार एक ही अवस्था में बैठकर उंगलियों से टाइप करते रहने से नसों में खिंचाव पैदा हो जाता है और यह झनझनाहट पैदा कर देता है।
हाथ पैरों में झनझनाहट किस बीमारी के लक्षण?
बता दें कि वैसे तो हाथ पैरों में झनझनाहट कभी कभार होती रहती है। यह इतना चिंता का विषय नहीं है लेकिन बार-बार यही समस्या हो तो समझ जाएं कि आपके शरीर में कोई गंभीर बीमारी पनप रही है। वो कौन सी बीमारी पनप सकती है इसके बारे में आपको ज्ञात होना जरूरी है।
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किडनी डैमेज: जब बार-बार हाथ, पैरों में झुनझुनी होने लगती है तो मान लो कि किडनी से संबंधित कोई बीमारी आपके अंदर पनप रही है और जब ऐसा होताा है तो उसका सीधा प्रभाव आपके शरीर की नसों पर पड़ता है, जिसके कारण नसें कमजोर होने लगती हैं। साथ ही किडनी डैमेज होने लगती है जिस कारण शरीर में कुछ द्रव पदार्थ जमा होने लगते हैं, जो नसों पर दुष्प्रभाव डालते हैं और आपके शरीर में झनझनाहट पैदा होने लग जाती है।
शुगर समस्या: बता दें कि शरीर में झनझनाहट होना शुगर लेबल बढ़ने के संकेत भी हो सकते हैं। क्योंकि मधुमेह के रोगियों में रक्त शर्करा और इंसुलिन बढ़ने लग जाता है जिसका प्रभाव नसों पर पड़ता है। अगर आप शुगर के मरीज हैं तो आप अक्सर अपने शरीर में वह हाथ, पैरों में झनझनाहट महसूस करेंगे। अगर ऐसा है तो आपको हर महीने डॉक्टर से शुगर जांच जरूर करवानी चाहिए, जिससे आपको अपने शुगर लेवल का पता रहेगा और आप इसे कंट्रोल कर सकेंगे, क्योंकि शुगर कंट्रोल ना होने की वजह से शरीर में और भी कई गंभीर बीमारियां पैदा हो जाती हैं जिस पर ध्यान ना देने से पीड़ित व्यक्ति की जान भी जा सकती है।
विभिन्न कारण: शरीर में झनझनाहट गठिया, सिलियक रोग, मल्टीपल, ल्युपस और स्केलेरोसिस की वजह से भी हो सकती है। इसलिए ऐसे रोगियों को अपने डॉक्टर की सलाह अवश्य लेनी चाहिए। हाथ, पैर, कलाई और शरीर में झनझनाहट होने के इसी प्रकार कई और कारण भी हैं जैसे- शराब का अधिक सेवन करना, झटके से उठना बैठना, विषाक्त पदार्थों का सेवन करना, और हाइपोथायरायडिज्म आदि।
जच्चा-बच्चा: अगर आप एक गर्भवती स्त्री हैं और आपके पैरों में भी झनझनाहट महसूस होती है तो आपको घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि ऐसी महिलाओं को कभी-कभार यह समस्या आम हो जाती है। वैसे बता दें कि ऐसा उन महिलाओं के साथ होता है जिनके पैर के तलवे सपाट होते हैं ऐसी महिलाओं के लिए भी टेंशन की कोई बात नहीं है।
नोट : लेख में दी गई जानकारी एक सामान्य जानकारी के लिए है, यह किसी दवा का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए आप अपने नजदीकी डाक्टर से संपर्क कर सकते हैं। सच कहूँ इसकी पुष्टि नहीं करता है।