Dengue Fever: पिछले कुछ सालों से भारत में डेंगू बुखार के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। दरअसल डेंगू का बुखार चिकनगुनिया, मलेरिया वायरस और टाइफाइड जैसी कई बीमारियों के समान लक्षण पैदा करता है। तो ऐसे में कई बार हमारा यह पहचान करना मुश्किल हो जाता है कि बुखार का कारण डेंगू है या कोई अन्य बीमारी…, ये सब जानते हैं कि डेंगू एक गंभीर बीमारी है और अगर इसका उपचार न किया जाए तो यह जानलेवा साबित हो सकता है। इसलिए जरूरी है कि इसके लक्षणों की समय रहते पहचान करकर इसका तुरंत इलाज कराएं। जानकारी के लिए बता दें कि डेंगू वायरस के 4 सेरोटाइप्स DEN-2, DEN-2, DEN-3 और DEN-4 है, तो आइए जानते हैं कि डेंगू बुखार की किन किन लक्षणों से पहचान की जा सकती है।
डेंगू के लक्षण | dengue symptoms
बुखार के लक्षण, जो आमतौर पर संक्रमण के 4 से 6 दिन बाद शुरू होते है और 10 दिन तक रहते हैं, अगर आपको अचानक 104 डिग्री तक का बुखार आता है और आपके नीचे दिए गए लक्षण दिखाई देते हैं तो डेंगू की आशंका बढ़ जाती है तो जानते है वे लक्षण…
- अचानक चमकीला बुखार
- गंभीर सिर दर्द
- आंखों के पीछे दर्द
- गंभीर जोड़ों में दर्द
- थकान जी मिचलाना
- उल्टी आना
- दस्त होना
- त्वचा पर लाल चकते जो बुखार आने के 2 से 5 दिन बाद दिखाई देते हैं।
किस टेस्ट से लगता है डेंगू का पता | Which test detects dengue?
डेंगू इंटीजन और एंटीबॉडी टेस्ट: यह एलिसा या RDT जैसे टेस्ट के द्वारा डेंगू वायरस के एंटीजन या एंटीबॉडी का पता लगाने के लिए किया जाता है।
एंटीजन टेस्ट: यह टेस्ट डेंगू वायरस के एंटीजन का पता लगाता है। यह बीमारी के शुरुआती दोनों में सबसे अधिक संवेदनशील होता है।
एंटीबॉडी टेस्ट: यह टेस्ट डेंगू वायरस के विरुद्ध एंटीबॉडी का पता लगता है। यह बीमारी के चार-पांच दिन बाद सबसे अधिक संवेदनशील होता है।
PCR टेस्ट: यह टेस्ट डेंगू वायरस के RNA का पता लगाने के लिए किया जाता है।
वायरस कल्चर टेस्ट: इसमें डेंगू वायरस को पोषित करके उसका पता लगाया जा सकता है।
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डेंगू का टेस्ट: डेंगू बुखार आने के चार से पांच दिन बाद अगर आप टेस्ट करवा रहे हैं तो डॉक्टर आपको डेंगू सीरोलॉजी टेस्ट करवाने की सलाह देगा यह टेस्ट आपका खून में मौजूद डेंगू वायरस के प्रति विकसित एंटीबॉडीज का पता लगाने के लिए किया जाता है, इसके अलावा, डॉक्टर आपका ब्लड टेस्ट भी करवाएंगे जिससे टोटल ब्लड सेल्स और व्हाइट ब्लड सेल्स काउंट जांचा जा सके। यह जांच यह पता लगाने में मदद करती है कि क्या डेंगू ने आपके ब्लड पर कोई असर डाला है। ज्यादातर टेस्ट रिपोर्ट 24 घंटे में आ जाती है।
किस महीने में रहता है डेंगू का खतरा?
दरअसल जब बारिश का मौसम खत्म होता है और सर्दी शुरू होने वाली होती है तो उस दौरान डेंगू के ज्यादा मामले सामने आते हैं। अभी से लेकर नवंबर तक लोगों को डेंगू होने की आशंका ज्यादा रहती है।