India-Canada Relations: कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो (Canadian PM Justin Trudeau) ने भारत पर खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर (Hardeep Singh Nijjar) की हत्या का आरोप लगाकर विवाद खड़ा कर दिया है। पाकिस्तान के बाद कनाडा इस तरह के आरोप लगाने वाला दूसरा देश है। हालांकि भारत और कनाडा के संबंध पहले भी अच्छे नहीं रहे। जस्टिन ट्रूडो के पिता पियरे ट्रूडो के समय से ही भारत-कनाडा रिश्तों में खटास शुरु हुई थी, उस समय कनाडा ने भारत के अलगाववादी संगठनों को बढ़ावा देना शुरू किया था। जस्टिन ट्रूडो ने भी अपने पिता के नक्शेकदम पर कट्टरपंथी खालिस्तान समर्थकों को शह दी हुई है। India-Canada Relations
भारत कनाडा के समक्ष कई बार यह चिंता जता चुका है लेकिन यह पहली बार है कि जब कनाडा के प्रधानमंत्री ने खुले तौर पर खालिस्तानी आतंकवादी निज्जर की हत्या का आरोप भारत पर लगाया है। जी-20 की सफलता और भारत के विश्व में बढ़ते प्रभुत्व से शायद कनाडा के प्रधानमंत्री बौखलाहट में हैं। जी-20 समिट में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और जस्टिन ट्रूडो की द्विपक्षीय बातचीत हुई है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस मीटिंग के दौरान कनाडा में भारतीय नागरिकों व अधिकारियों की सुरक्षा एवं वहां पनप रही खालिस्तानी गतिविधियों पर कड़ी चिंता जाहिर की।
यह मीटिंग बेहद तल्ख रही। इस मीटिंग के बाद मुक्त व्यापार समझौते पर चल रही बातचीत पर कनाडा ने रोक लगा दी थी। कनाडा भारत का 10वां सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर है। भारत कनाडा को दवाईयां निर्यात करता है और कनाडा से पेपर व कृषि उत्पाद आयात करता है। दूसरी और कनाडा में लगभग 15 लाख भारतीय मूल के लोग रहते हैं, जिनमें बहुतायत पंजाब के लोगों की है। ऐसे में बिगड़ते संबंधों से कनाडा में रह रहे भारतीयों पर भी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष प्रभाव पड़ना लाजिमी है। Government Of India
चाहे खालिस्तान आतंकी की हत्या का आरोप भारत पर लगाना कनाडा के प्रधानमंत्री का कोई राजनीतिक हित रहा हो लेकिन कूटनीतिक तौर पर कनाडा का यह कदम दोनों देशों के लिए अहितकर ही होगा। कनाडा की भारत पर विपक्षी पार्टियों को राजनीतिक स्वार्थ से भारत पर लगाए इन आरोपों की कड़ी निंदा करनी चाहिए। वोट की राजनीति के लिए किसी देश के साथ संबंध बिगाड़ना न तो देश के हित में है और न ही विश्व हित में। India-Canada Relations
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