Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय द्वारा जारी तस्वीर से यह साबित हो रहा है कि श्रीराम जन्मभूमि पर खुदाई में मिले प्राचीन मंदिर के अवशेष राम मंदिर के ही हैं। फोटो में कई मूर्तियां और पिलर दिखाई दे रहे हैं। जोकि 21 साल पहले यानी 2002 में एएसआई टीम को खुदाई करते समय बरामद हुए थे। अवशेषों की संख्या 50 के करीब बताई जा रही है, जिनमें 8 टूटे खंभे, 6 खंडित मूर्तियां, 5-6 मिट्टी के बर्तन और 6-7 कलश हैं। Ayodhya Ram Mandir
जन्मभूमि के लिए किए संघर्ष को जानना हर हिंदू का अधिकार : दास
साधु-संतों के दावों से यह स्पष्ट होता है कि ये अवशेष 500 साल पुराने हैं। जोकि 21 साल पहले रामलला मंदिर के गर्भगृह के चारों ओर खुदाई के दौरान बरामद हुए थे। बता दें कि जहां ये अवशेष बरामद हुए हैं, वह विवादित स्थल पहले राम मंदिर हुआ करता था। अंग्रेजों के जमाने में इसके ऊपर अन्य धार्मिक ढांचा खड़ा कर दिया गया। बाद में मामला कोर्ट पहुंचा। एएसआई सर्वे हुआ, तो उस विवादित जगह से मंदिरों के यही अवशेष मिले, जो राम जन्मभूमि के सच साबित करने का मजबूत आधार बनें।
बरामद हुए इन अवशेषों में काली कसौटी के पत्थर से बने पिलर यानी खंभे, पिंक सैंड स्टोन की बनी देवताओं की मूर्तियां, मिट्टी के कलश और मंदिर में लगे नक्काशीदार पत्थरों के टुकड़े शामिल हैं। इन अवशेषों को रामलला के अस्थायी मंदिर के निकास द्वार के पास सुरक्षित रखा गया है। रामलला के दर्शन कर निकलने के बाद भक्तों को यह गैलरी मिलती है। Shri Ram Janmabhoomi
‘हर हिंदू का यह अधिकार है कि जन्मभूमि पाने के लिए किए गए संघर्ष को जानना चाहिए’ श्रीराम वल्लभाकुंज के प्रमुख स्वामी राजकुमार दास ने कहा, ‘फोटो ने हम सभी को मंदिर आंदोलन के संघर्षों की याद दिला दी है। हर सनातन धर्म को मानने वाले को श्रीराम जन्मभूमि को पाने के लिए किए गए संघर्ष को जानना चाहिए।’ डॉ. भरत दास उदासीन ऋषि आश्रम रानोपाली के महंत डॉ. भरत दास के अनुसार, ‘हर राम भक्त के लिए राम मंदिर का इतिहास जानना जरूरी है। इससे उसे पता चलेगा कि हम लोगों के पूर्वजों ने इसके लिए कितना खून-पसीना बहाया है। यह साक्ष्य न मिलते तो हमें राम जन्मभूमि इतनी आसानी से नहीं मिलने वाली थी।’ Ayodhya Ram Mandir Update
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