Heart Attack: दिल को स्वस्थ रखने के लिए दवा नहीं ‘एजुकेशन वैक्सीन’ जरूरी: डॉ बिमल छाजेर

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Heart Attack: दिल को स्वस्थ रखने के लिए दवा नहीं 'एजुकेशन वैक्सीन' जरूरी: डॉ बिमल छाजेर

बड़ौत, सन्दीप दहिया: Heart Attack: SAAOL हार्ट सेंटर के डायरेक्टर डॉक्टर बिमल छाजेर ने हार्ट हेल्थ को लेकर कई अहम जानकारियां साझा की हैं। उन्होंने बताया कि हार्ट को बीमारियों से बचाने के लिए दवाओं की नहीं, बल्कि इसके बारे में सबकुछ समझकर अपना ख्याल रखने की जरूरत है।

आजकल का जो दौर है उसमें तुरंत किसी भी समस्या का समाधान ढूंढ लिया जाता है, ऐसे में दिल की हेल्थ के बारे में भी कुछ ऐसा ही करने की जरूरत है। अब वक्त आ गया है कि दिल को स्वस्थ रखने के मामले में दवाई की जगह अब बीमारी से जुड़ी जानकारी रखना ज्यादा आवश्यक माना जाए। हार्ट से जुड़ी बढ़ती दिक्कतें चिंताओं में इजाफा कर रही हैं, जिससे ये जरूरी हो जाता है कि एक समग्र दृष्टिकोण अपनाया जाए ताकि लोग खुद अपने निर्णयों के जरिए अपनी भलाई की जिम्मेदारी उठाने के लिए सशक्त बन सके। Heart Attack

इसका मंत्र भी बहुत ही सिंपल है, मेडिकेशन से ज्यादा एजुकेशन जरूरी। करीब 27 वर्षों से ज्यादा वक्त से SAAOL भारत के लिए एक उम्मीद की किरण है और अब यह वैश्विक मंच पर अपनी पहचान बना रहा है। पुण्य हार्ट फाउंडेशन (पीएचएफ) के साथ साझेदारी, जो SAAOL से जन्मा एक प्रेरक गैर सरकारी संगठन है, का मिशन स्पष्ट है – ‘एजुकेशन वैक्सीन’ को दुनिया के हर कोने तक ले जाना और हृदय रोगों को रोकने में जीवनशैली में बदलाव के महत्व के बारे में जागरूकता पैदा करना।

आजकल जिस तरह की लाइफस्टाइल लोगों की है, उसने हार्ट हेल्थ क्राइसिस के लिए खतरे की घंटी बजा दी है। इस चिंता को बहुत ही एक्टिवली एड्रेस करने की आवश्यकता को बढ़ा-चढ़ाकर नहीं कहा जा सकता। इसलिए, पीएचएफ द्वारा शुरू किया गया दृष्टिकोण जमीनी स्तर पर बदलाव लाना है। फ्री हेल्थ कैम्प के जरिए संगठन आगे बढ़ रहा है और मुख्य रूप से समाज के आर्थिक रूप से वंचित वर्गों को लक्षित कर रहा है। Heart Attack

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इन फ्री हेल्थ कैंप में लिपिड प्रोफाइल, ब्लड शुगर टेस्ट, बीएमआई मूल्यांकन और डॉक्टरों से रियल टाइम कंसल्टेशन की सुविधा मिलती है. इसके अलावा, एक्सपर्ट डाइटीशियन डाइट से संबंधित सलाह देते हैं, जबकि फिजियोथेरेपिस्ट एक ही छत के नीचे समग्र देखभाल सुनिश्चित करते हैं। पुण्य हार्ट फाउंडेशन की यात्रा दक्षिणी दिल्ली में शुरू हुई, जिसका लक्ष्य शहर के हर गांव तक अपनी पहुंच बनाना और अंततः पूरे देश में फैलाना है। इस तरह फ्री हेल्थ चेकअप की सुविधा उपलब्ध कराते हुए संगठन ऐसे लोगों तक पहुंच रहा है जिन पर किसी का ध्यान नहीं जाता था। Heart Attack

ये फ्री हेल्थ कैंप उन लोगों के लिए जीवन रेखा बन जाते हैं जिन्हें इसकी सबसे अधिक आवश्यकता होती है। पीएचएफ एक अलग रास्ते पर जोर देता है, जिसमें नॉलेज और लाइफस्टाइल में बदलाव पर जोर दिया जाता है। लोगों के बीच हेल्दी आदतों को बढ़ावा देना और नुकसानदायक आदतों को छोड़ने के लिए प्रेरित कर संगठन का उद्देश्य लोगों की जिंदगी बचाना है जो कई बार हार्ट डिजीज के कारण मौत का शिकार हो जाते हैं। इस मामले में एजुकेशन एक बहुत बड़ी कमी है, ऐसे में जरूरी है कि लोगों को सक्षम बनाया जाए ताकि वो अपना ख्याल रख सकें, अपने बारे में अच्छे से सोच सकें। यही वजह है कि ‘एजुकेशन वैक्सीन’ की फिलहाल सख्त जरूरत है।Heart Attack

SAAOL और पुण्य हार्ट फाउंडेशन अपने साझा मिशन, ‘बीट हार्ट डिजीज’ के तहत हार्ट डिजीज के मूल कारणों को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है। दोनों का टारगेट भौगोलिक सीमाओं से परे तक फैला हुआ है और वे एक ऐसी दुनिया की कल्पना करते हैं जहां हार्ट स्वास्थ्य शिक्षा एक वैश्विक आदर्श बन जाए।

इससे न सिर्फ मेडिकल इनसाइट्स मिलते हैं बल्कि पोषण और लाइफस्टाइल काउंसलिंग भी होती है। इसका फायदा ये होता है कि लोग अपने स्वास्थ्य पर नियंत्रण रखने के लिए सशक्त बनते हैं। ऐसी दुनिया में जहां आजकल हर जानकारी हमारी उंगलियों पर है, वैसे वक्त में हृदय स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता और शिक्षा फैलाना बेहद जरूरी है। पीएचएफ हमें याद दिलाता है कि नॉलेज और समझ लंबे और स्वस्थ जीवन की नींव है। ऐसे में आइए, ‘एजुकेशन वैक्सीन’ को खुले दिल से स्वीकार करें और हार्ट की हेल्थ को अपनी प्राथमिकता बनाएं ताकि सबसे भविष्य स्वस्थ और उज्जवल बन सके।