हरियाणा, पंजाब, राजस्थान व दिल्ली एनसीआर में बारिश का दौर खत्म

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Weather Update: Weather Update: उत्तर-पश्चिमी भारत में भारी बारिश के आसार

13 तक बारिश के आसार नहीं, 40 दिनों में सामान्य से कम हुई बरसात

हिसार (सच कहूँ/संदीप सिंहमार)। भारत में इस बार मॉनसून (Monsoon) एक बार फिर प्रशांत महासागर में बनने वाले अलनीनो की चपेट में आ गया है। जब-जब अलनीनो बनता है, तब तब भारत में या तो सूखे की स्थिति बनती है या फिर बाढ़ की स्थिति बन जाती है। यानी सीधे शब्दों में मॉनसून का संतुलन बिगड़ जाता है। जम्मू-कश्मीर में हिमाचल प्रदेश को छोड़कर संपूर्ण उत्तर भारत में यही असर अब तक दिखाई दे रहा है। भारत मौसम विभाग के चंडीगढ़ केंद्र के मौसम बुलेटिन के अनुसार हरियाणा, पंजाब, राजस्थान व दिल्ली में अब मानसून का दौरा लगभग समाप्त हो चुका है।

अब लौटते मानसून के दौरान ही इन प्रदेशों में बारिश की आस है। भारत मौसम विभाग के मौसम बुलेटिन के अनुसार हरियाणा, पंजाब, राजस्थान व दिल्ली एनसीआर में 13 सितंबर तक बारिश की संभावना नहीं है। उसके बाद मौसम बदलने के बाद हल्की से मध्यम स्तर की बारिश हो सकती है। चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय की कृषि मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार मानसून ट्रफ का पश्चिमी छोर अभी भी हिमालय की तलहटियों की तरफ बना हुआ है। जिससे हरियाणा राज्य में मानसून बारिश की गतिविधियों में कमी लगातार एक महीने से ज्यादा समय से बनी हुई है।

इन राज्यों में तेज बारिश का अलर्ट जारी | Weather Update

इस दौरान उड़ीसा, केरल, पूर्वी मध्य प्रदेश, गुजरात, आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों, छत्तीसगढ़ में भारी बारिश की संभावना है। इसी प्रकार पश्चिम मध्य प्रदेश गंगीय पश्चिम बंगाल, मध्य महाराष्ट्र पूर्वी उत्तर प्रदेश, झारखंड,दक्षिण कर्नाटक, तमिलनाडु, पांडिचेरी व तेलंगाना में भी भारी बारिश हो सकती है। यहां बारिश को लेकर मौसम विभाग ने अलर्ट जारी किया है।

हरियाणा के 13 जिलों में सामान्य से कम बारिश हुई | Weather Update

दक्षिण पश्चिम मॉनसून के दौरान हरियाणा प्रदेश के 13 जिलों में सामान्य से कम बारिश हुई है। जिनमें हिसार जिला ऐसा है, जिसमें मानसून के आगमन से लेकर 7 सितंबर तक 52 फ़ीसदी कम बारिश दर्ज की गई है। वहीं फतेहाबाद व जींद जिलों में 40 फ़ीसदी कम बारिश हुई है। इसी प्रकार करनाल, भिवानी, चरखी-दादरी, कैथल, पलवल, रोहतक, गुरुग्राम, झज्जर व रेवाड़ी में भी सामान्य से कम बारिश दर्ज की गई है। वहीं सबसे अधिक बारिश हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले में हुई है। यहां सामान्य से 98 फ़ीसदी अधिक बारिश दर्ज की गई है। हरियाणा के जिन 13 जिलों में सामान्य से कम बारिश हुई है उनमें निकट भविष्य में भी बारिश की कोई संभावना नहीं है।

मानसून टर्फ़ की अक्षय रेखा अब भी सामान्य स्तिथि से उत्तर की तरफ हिमालय की तलहटियों की तरफ बनी हुई है। परंतु ट्रफ का पूर्वी छोर दक्षिण की तरफ सामान्य स्तिथि में आ जाने तथा बंगाल की खाड़ी में साईक्लोनिक सर्कुलेशन बनने से नमी वाली हवाएं आने की संभावना से तथा तापमान सामान्य से अधिक होने के कारण लोकल वेदर सिस्टम बनने से हरियाणा राज्य में 13 सितंबर के बाद ही मानसून की सक्रियता बढ़ने की संभावना बन रही है। Weather

डॉ मदन खीचड़, विभागाध्यक्ष, कृषि मौसम विज्ञान विभाग
चौधरी चरणसिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार

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