जयपुर (सच कहूं न्यूज)। MICE Tourism: पर्यटन क्षेत्र में एमआईसीई (मीटिंग इंसेंटिव्स, कॉन्फ्रेंस, एग्जिबिशन) टूरिज्म अपार संभावनाओँ से भरा है। राजस्थान में इन दिनों एमअआईसीई टूरिज्म तेज गति से बढ़ रहा है। पर्यटन विभाग की निदेशक डॉ. रश्मि शर्मा के अनुसार एमअआईसीई टूरिज्म, पर्यटन क्षेत्र का एक महत्वपूर्ण घटक है। देशभर में वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में ख्याति प्राप्त कर चुके जयपुर, उदयपुर, व अजमेर में अंतरराष्ट्रीय स्तर के कन्वेंशन व एग्जिबिशन्स के लिए एमआईसीई सेंटर्स स्थापित किए जाने की घोषणा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा अपने बजट-2023-24 के भाषण के दौरान की गई। MICE Tourism
मुख्यमंत्री द्वारा की गई यह घोषणा एमआईसीई टूरिज्म को महत्व को दशार्ती है। इन घोषणाओं को अमलीजामा पहनाने का काम भी शुरू हो चुका है। इन एमआईसीई सेंटर्स स्थापित करने में 100-100 करोड़ रुपए की लागत आएगी। यह सेंटर्स पर्यटन क्षेत्र में राजस्थान के लिए एक और मील का पत्थर साबित होंगे। यही नहीं पर्यटन क्षेत्र में सिरमौर बनने की प्रतिबद्धता दशार्ते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इसी बजट भाषण के दौरान राज्य में पर्यटन सुविधाएं विकसित करने व पर्यटन क्षेत्र में स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाने एवं अधिक से अधिक देशी-विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए गठित पर्यटन विकास कोष का बजट 1500 करोड़ रुपए कर दिया, जो पूर्व में 1000 करोड़ रुपए था। MICE Tourism
डॉ. रश्मि शर्मा ने कहा कि एमआईसीई टूरिज्म के लिए राजस्थान पर्यटन क्षेत्र के निवेशकों और टूअर व ट्रेवल आॅपरेटर्स की पहली पसंद बनता जा रहा है अप्रेल माह में यहां पर ग्रेट इंडियन ट्रेवल बाजार-12 का आयोजन किया गया, जिसके तहत 56 देशों के 283 टूअर ऑपरेटर ने भाग लिया। जुलाई महीने में यहां पर राजस्थान डोमेस्टिक ट्रेवल मार्ट (आरडीटीएम) का भी आयोजन किया गया जिसमें 200 सेलर्स और इतने ही बायर्स शामिल थे। तीन महीने के भीतर जयपुर में आयोजित दो बड़े आयोजनों से अंदाजा लगाया जा सकता है कि राजस्थान एमआईसीई टूरिज्म सैक्टर में भी अग्रणी बनने की ओर अग्रसर है।
राजस्थान पर्यटन विभाग की निदेशक डॉ. रश्मि शर्मा के अनुसार राजस्थान में जयपुर, जोधपुर और उदयपुर सहित अजमेर,पुष्कर, भरतपुर, अलवर, जैसलमेर, बीकानेर सहित प्रदेश का शेखावाटी इलाका, कोटा, बूंदी, माउन्ट आबू, चित्तौडगढ़ समेत सवाईमाधोपुर और धौलपुर भी एमआईसीई टूरिज्म का हिस्सा बन चुके हैं क्योंकि राजस्थान पर्यटन विभाग द्वारा एमआईसीई टूरिज्म के लिए आधारभूत बुनियादी प्रभावी ढ़ांचा तैयार कर दिया गया है। परिवहन, इंटरनेट, मीटिंग हॉल, भोजन, के साथ ही पर्यटन प्रतिनिधि अपनी पसंद के अनुसार अपनी पर्यटन यात्राएं भी यहां कर सकते हैं।
कुल मिलाकर राजस्थान में एमआईसीई टूरिज्म, राष्ट्रीय व अन्तरराष्ट्रीय पर्यटन प्रतिनिधियों के लिए एक पूर्ण पर्यटन पैकेज उपलब्ध करवाता है क्योंकि राजस्थान पर्यटन क्षेत्र काफी विविधता लिए हुए है। राजस्थान में पर्यटन के सभी आवश्यक तत्व जैसे कि आयकोनिक स्मारक व हैरिटेज क्षेत्र, विशेष हैरिटेज गांव व शिल्पग्राम, अनुभावात्मक पर्यटन, मरूस्थलीय पर्यटन, सहासिक पर्यटन, वाइलल्डलाइफ व ईकोटूरिज्म, ट्राइबल टूरिज्म, कल्चरल टूरिज्म, क्राफ्ट व कूजिन पर्यटन, वीकएण्ड गेटवे टूरिज्म, धार्मिक टूरिज्म, वैडिंग टूरिज्म, वैलनैस टूरिज्म, (मेडीकल टूरिज्म), ग्रामीण टूरिज्म व फिल्म टूरिज्म आदि।
पर्यटन के यह सभी आवश्यक तत्व राजस्थान को एमआईसीई टूरिज्म के लिए पहली पसंद बनाते हैं। डॉ. रश्मि शर्मा का कहना है कि राजस्थान में एमआईसीई टूरिज्म के द्वार इसलिए भी खुले हैं क्योंकि राजस्थान अपने विशिष्ट आत्थित्य सत्कार के लिए विशेष तौर प्रसिद्ध है। यहां पर देश के 75 फीसदी हैरिटेज होटल हैं। जो कि प्रदेश में एमआईसीई टूरिज्म फलने-फूलने में काफी मदद कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त राज्य में पर्ययकों के लिए काफी सुविधाएं हैं। एमआईसीई सेंटर्स हवाई, सड़क और रेल परिवहन से जुड़े हैं। यहां पर प्रशिक्षित गाइड हैं, हिन्दी, अंग्रेजी व अन्य भाषओं के अनुवादक भी यहां पर मौजूद हैं। MICE Tourism
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