Chashma Hatane Ke Liye Yoga in Hindi: आज गलत खानपान और अनुचित दिनचर्या के चलते इंसान का शरीर बीमारियों का (health news) घर बनकर रह गया है, तरह तरह की बीमारियों से आज इंसान घिरा रहता है। ऐसे में अगर इंसान योग को अपनी दिनचर्या में नियमित कर ले तो इंसान की निरोगी काया बन सकती है। योग से आत्मबल तो बढ़ता ही है साथ ही पोजिटिविटी भी आती है और दिमाग से नेगेटिव विचारों का सफाया हो जाता है। Yoga For Eyesight
इतना ही योग से इंसान के शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य के साथ ही आंखों की रोशनी भी बढ़ाई जा सकती है। कई बार क्या होता है कि शारीरिक कमजोरी के कारण आंखों पर पावर वाला चश्मा यानि बड़े नंबर वाला चश्मा लग जाता है, जिसे हटाने के लिए योग का सहारा लिया जा सकता है और वो कौन-कौन से योग हो सकते हैं जिनसे जल्दी ही आंखों से पावर वाला चश्मा हटाया जा सकता है वह इस लेख के माध्यम से आज हम आपको बताने जा रहे हैं। सबसे पहले तो हम आपको बताने जा रहे हैं कि चश्मा हटाने के लिए योग किस तरह से फायदेमंद है।
योग मुद्रा? Yoga For Eyesight
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए योग का बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान है। यह बात एक शोध से भी सिद्ध हो चुकी है। शोध अनुसार योग करने से आंखों की थकान दूर होती है और आंखों में होने वाली असुविधाएं कम हो सकती हंै। एक अन्य वैज्ञानिक रिसर्च के मुताबिक योग से जो रिलेक्श मिलता है उससे आंखों की रोशनी में बढ़ोतरी देखी जा सकती है। इतना ही नहीं, आंखों और उसके आसपास ब्लड सकुर्लेशन बढ़ाकर भी योगासन द्वारा दृष्टि में सुधार लाया जा सकता है। इन्हीं सब कारणों के मद्देनजर योग व योगासन चश्मा हटाने में मददगार साबित हुए हैं।
तो आइये अब जानें वो योग जिनसे आंखों से चश्मा हटाया जा सकता है। अगर आप भी योग के सहारे चश्मा हटाने की सोच रहे हैं, तो यह आपकी सोच बिल्कुल सही साबित होने वाली है। आइये जानते हैं विस्तार से, आंखों की रोशनी बढ़ाने वाले योगासन व उन्हें करने का सही तरीका।
शीर्षासन | Yoga For Eyesight
शीर्षासन का मतलब है शीर्ष यानि शरीर का सबसे ऊपर वाला हिस्सा यानि सिर और आसन का अर्थ है योग करना। अर्थात सिर के सहारे योग करना और यह संस्कृत के दो शब्दों शीर्ष+आसन से मिलकर बना है। यह योग सिर के बल खड़े होकर करना होता है, इसलिए इसे करने वालों को थोड़ा यह कठिन योग लगता है। एक मेडिकल रिसर्च ये बताता है कि शीर्षासन करने से आंखों के रक्त का संचार सुधरता है और इस योगासन से आॅक्सीजन और पोषक तत्वों का प्रवाह बढ़ता है, जिसका डायरेक्ट लाभ आंखों को मिलता है।
करने का तरीका:- Yoga For Eyesight
सबसे पहले इसे करने के लिए योगा मैट बिछाकर वज्रासन की मुद्रा में बैठ जाएं। अब अपने दोनों हाथों की उंगलियों को एक दूसरे में फंसा लें और सामने की ओर झुकते हुए हाथों को जमीन पर रख दें। इसके बाद अपना सिर झुकाकर दोनों हाथों के बीच में रखते हुए जमीन पर टिका दें। फिर दोनों पैरों को एक साथ धीरे-धीरे ऊपर उठाएं और पैरों को सीधा कर लें। इस मुद्रा में पूरा शरीर सिर के बल सीधा होना चाहिए। अपने शरीर का संतुलन बनाए रखने के लिए कोहनियों का सहारा लेकर रखें। अपनी क्षमता अनुसार थोड़ी देर के लिए इसी अवस्था में रहें। इस दौरान नियमित रूप से सांस लेते और छोड़ते रहें। इसके बाद सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे पैरों को नीचे ले आएं और पहले वाली मुद्रा में आ जाएं। इस योगासन की शुरूआत करने वाले अभ्यासक इस योगासन के दो से तीन चक्र विशेषज्ञ की निगरानी में कर सकते हैं।
ऐसी अवस्था में यह आसन करने से बचें | Yoga For Eyesight
सिर, गर्दन, कंधे, भुजाओं या पीठ में दर्द रहने वालों को यह योगासन करने से बचना चाहिए। उच्च रक्तचाप के मरीज इस योगासन को करने से बचें। 50 साल से अधिक उम्र वाले यह योगासन करने से बचें। गर्भावस्था के दौरान भी शीर्षासन नहीं करना चाहिए।
सर्वांगासन: सर्वांगासन यानि एक साथ सभी अंगों से आसन करना। आंखों से चश्मा हटाने के लिए सर्वांगासन भी बेहतर माना गया है। एक मेडिकल रिसर्च अनुसार सर्वांगासन आंखों की दृष्टि बढ़ाने का एक बेहतर विकल्प हो सकता है। यह योगासन ईएनटी एरिया यानी आंख, कान और नाक वाले हिस्से में रक्त संचार को बेहतर करके आंखों की रोशनी बढ़ाता है।
करने का तरीका: इसके लिए सबसे पहले आपको चटाई बिछाकर पीठ के बल लेट जाना है। दोनों हाथों को शरीर से लगाकर सीधा रखना है। अब दोनों पैरों के साथ, हिप्स और कमर को धीरे-धीरे ऊपर उठाएं। इसके बाद दोनों हाथों से कमर को सपोर्ट देते हुए कोहनियों को जमीन पर टिका दें। इस अवस्था में दोनों पैर आपस में सटे हुए व सीधे होने चाहिएं तथा शरीर का वजन कोहनियों, कंधों व सिर पर हो। वहीं, ठुड्डी छाती को छू रही हो, कुछ सेकंड के लिए इसी अवस्था में रहें और सांस लेने व छोड़ने की क्रिया को सामान्य रखें। इसके बाद पैर, नितंब और कमर को धीरे-धीरे नीचे लाते हुए प्रारंभिक अवस्था में आ जाएं। यह आसन शुरूआत में दो से तीन बार किया जा सकता है। Yoga For Eyesight
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ऐसी अवस्था में बचें: अगर महिला है और उसने गर्भ धारण कर रखा है तो इस अवस्था में यह योगासन नहीं करना चाहिए। हृदय रोग से पीड़ित व्यक्ति को भी यह आसन नहीं करना चाहिए। गर्दन में दर्द वाले व्यक्ति को भी यह योगासन नहीं करना चाहिए। Yoga For Eyesight
अनुलोम-विलोम: अनुलोम-विलोम भी चश्मा हटाने के मामले में कारगर साबित हुआ है। वैज्ञानिक रिसर्च ये बताती है कि नियमित रूप से अनुलोम-विलोम करने से आंखों की रोशनी में सुधार लाया जा सकता है और इस योग को करने से आंखों की रोशनी में काफी लाभ पहुंचता है।
करने का तरीका: इस योग को करने के लिए सबसे पहले योग मैट बिछाकर पद्मासन या सुखासन की मुद्रा में बैठ होता है। अगर किसी को जमीन पर बैठने में दिक्कत हो रही है, तो वह कुर्सी का इस्तेमाल कर सकते हैं। इस योग के लिए दाएं हाथ के अंगूठे और मध्य उंगली का इस्तेमाल करें। योग की इस मुद्रा में पूरा शरीर सीधा होगा और दोनों आंखें बंद। अब एक से दो बार गहरी सांस लेकर धीरे-धीरे छोड़ें और मन को शांत रखने की कोशिश करें। Yoga For Eyesight
फिर दाहिने यानी सीधे हाथ के अंगूठे से दाहिनी नासिका को बंद कर बाई नासिका से लम्बी व गहरी सांस लें। सांस लेने के लिए अधिक जोर न लगाएं, अपनी क्षमता के अनुसार ही गहरी सांस लें। अब अपने दाहिने हाथ की बीच वाली उंगली से बाई नासिका को दबाकर बंद करें व दाहिने नासिका से अंगूठे को हटाकर धीरे-धीरे सांस छोड़ें। करीब 10 सेकंड रुकने के बाद दाहिनी नासिका से लंबी व गहरी सांस लें। इसके बाद यही प्रक्रिया दूसरी नासिका से दोहराएं।
ऐसी अवस्था में बचें | Yoga For Eyesight
हृदय रोग की गंभीर अवस्था में इसे डॉक्टर से पूछकर ही करें। गर्भवती इसे करने से पहले डॉक्टर और योग विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।
4. हलासन: हलासन करते समय आपका शरीर हल जैसा दिखने लगता है। हलासन करने से दिमाग को शांति मिलती है और नींद अच्छी आती है। कई बार क्या होता है कि डिप्रेशन और अनिद्रा के कारण भी आंखों की रोशनी पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसलिए हलासन आंखों की रोशनी बढ़ाने में सकारात्मक भूमिका निभाता है।
करने का तरीका: यह आसन करने के लिए एक स्वच्छ और समतल स्थान पर चटाई बिछाकर चटाई पर पीठ के सहारे सीधे लेट जाएं। इस वक्त दोनों हाथ शरीर से लगे हुए और हथेलियां जमीन की तरफ होंगी। फिर सांस भरते हुए दोनों पैरों को एक साथ 90 डिग्री तक ऊपर उठा लें। अगर किसी को पैर उठाने में कठिनाई होती है, तो वे कमर को हाथ से सपोर्ट दे सकते हैं। इसके बाद सांस छोड़ते हुए दोनों पैरों को धीरे-धीरे सिर के ऊपर से पीछे की तरफ ले जाएं। अब दोनों पैरों के अंगूठे से जमीन को छूने की कोशिश करें। फिर हाथों को कमर से हटाकर पहले की तरफ जमीन पर सीधा रख दें। थोड़ी देर इसी स्थिति में रहें और सामान्य रूप से सांस लें व छोड़ें। अब सांस लेते हुए शुरूआती मुद्रा में आ जाएं। इस योगासन को तीन से पांच बार किया जा सकता है। Yoga For Eyesight
इस अवस्था में ना करें: दस्त हों या माहवारी हो तो यह आसन नहीं करना चाहिए। गर्दन में चोट, मोच होने पर इस योग को करने से बचें। प्रेगनेंसी के दौरान इस आसन को नहीं करना चाहिए।
इन योगों के अलावा आंखों से चश्मा हटाने के कुछ अन्य योग भी हैं।
जैसे:- पलकें झपकाना:- पलकें झपकाने का व्यायाम करने से आंखों की मांसपेशियों को आराम मिलता है। साथ ही आंखों की थकान भी दूर होती है। इन सबके कारण आंखों का स्वास्थ्य और रोशनी दोनों ही बेहतर हो सकती हैं। इसी कारण चश्मा हटाने के लिए पलकें झपकाने वाले व्यायाम को अच्छा माना जाता है। Yoga For Eyesight
हाथों की हथेलियों को रगड़ना: इस प्रक्रिया में हाथों को रगड़कर गर्म किया जाता है। इससे आंखों की मांसपेशियों को आराम मिलता है और उन्हें पुनर्जीवित भी किया जा सकता है। इससे आंखों से जुड़ी समस्याएं कम हो सकती हैं और आंखों की रोशनी पर सकारात्मक प्रभाव नजर आ सकता है।
आई रोटेशन: चश्मा हटाने में आई रोटेशन यानि आंखों को गोल-गोल घुमाना भी कारगर साबित हो सकता है। इस में दोनों आंखों को एक साथ गोल-गोल घुमाया जाता है। इससे आंखों के आसपास की मांसपेशियों में संतुलन बनाए रखने और आईबॉल्स की गतिविधि में सुधार करने में मदद मिल सकती है।
नोट: लेख में बताई गई विधि और तरीके सामान्य जानकारी के लिए है, इसे किसी दवाई का विकल्प नहीं समझना चाहिए। ज्यादा जानकारी के लिए अपने नजदीकी डाक्टर से संपर्क कर सकते हैं।
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