2 हजार रुपये प्रति एकड़ प्रीमियम काटने के बाद भी मुआवजा देने में आना-कानी करती है सरकार : अनुराग ढांडा | Sirsa News
- खट्टर सरकार की बीमा कंपनियों से सांठ-गांठ के कारण नहीं मिलता मुआवजा : अनुराग ढांडा
- सीएम ने किसानों को मुआवजे के लिए किसान पानी की टंकी पर चढ़ने को मजबूर किया : अनुराग ढांडा
- किसानों का 750 करोड़ का मुआवजा एक साल से पेंडिंग : अनुराग ढांडा
- किसानों की मुआवजा व लोगों को सुरक्षा नहीं दे सकते तो पद से इस्तीफा दें सीएम खट्टर : अनुराग ढांडा
- पंजाब में मुख्यमंत्री भगवंत मान ने किसान के साथ मजदूर को भी मुआवजा दिया: अनुराग ढांडा
सिरसा (सच कहूँ न्यूज)। आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट अनुराग ढांडा ने शुक्रवार को गांव नारायण खेड़ा में धरनारत किसानों से मिले और उन्हें समर्थन दिया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में हर जगह किसान अपनी मांगों को लेकर संघर्षरत हैं। किसान पिछले तीन महीने से खराब फसलों के मुआवजे के लिए शांतिपूर्वक धरना दे रहे हैं। चार किसान पानी की टंकी पर चढ़े हुए हैं, लेकिन खट्टर सरकार किसानों की कोई सुनवाई नहीं कर रही। खट्टर सरकार से प्रदेश का हर वर्ग परेशान है। इस सरकार में लोगों की जान का भी कोई मोल नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री खट्टर गैरजिम्मेदार है। किसानों की मुआवजा, बीमा राशि, क्लर्कों को उनका हक और लोगों को सुरक्षा नहीं दे सकते तो सीएम पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। Sirsa News
उन्होंने कहा कि प्रदेश में सबसे चिंताजनक हालत किसानों की है। क्योंकि किसान उधार लेकर अपनी जिंदगी जीता है। किसान किसी भी सरकारी सुविधा का इस्तेमाल करते हैं तो प्रति एकड़ के हिसाब 2000 रुपये बीमा के नाम पर प्रीमियम काट लेते हैं। जब बीमा देना होता है तब इनके पेट में दर्द हो जाता है। तब एकड़ के हिसाब से मुआवजा नहीं देते, बीमा एजेंसी और सीएससी के नाम पर किसान को उलझा देते हैं। इस लड़ाई में आम आदमी पार्टी किसानों के साथ खड़ी है। उन्होंने सीएम खट्टर से कहा कि गरीब किसानों की आवाज सुनना शुरू करदो नहीं तो आपकी आवाज सुनना किसान बंद कर देंगे। Sirsa News
उन्होंन कहा कि किसानों को भी इस दिशा में सोचना पड़ेगा कि जब प्रीमियम हर एकड़ पर लेते हैं, तो किसानों को ये बात मनवानी पड़ेगी कि नुकसान भी सरकार को प्रति एकड़ के हिसाब से देना चाहिए। उन्होंने कहा कि 750 करोड़ का मुआवजा एक साल से पेंडिंग है। उसका ब्याज भी खाते हैं। काफी किसानों को तो 2020 से मुआवजा बकाया है। यदि सरकार इसको न दिलवाए तो अधिकारियों के पास कितना पैसा जाता होगा। जितना किसानों को मिलता है, उसमें से आधा तो किसान संघर्ष के दौरान खर्च कर देते हैं। सारी कंपनियों के साथ खट्टर सरकार की साठ गांठ हैं।
उन्होंने कहा कि पूरे हरियाणा में किसानों को संगठित होकर ये लड़ाई लड़नी पड़ेगी। किसान आंदोलन में 700 से ज्यादा किसान शहीद हो गए, लेकिन हमने हमारे ऊपर थोंपे गए तीन कानून को ही वापस करवाया। वो किसान के स्वाभिमान की जीत जरूर थी, लेकिन हम सरकार से कुछ ले नहीं पाए थे। उन्होंने किसानों से आह्वान किया कि किसानों को इस धरने पर बैठना छोड़ना पड़ेगा और एक व्यापक नीति पूरे प्रदेश के किसानों के लिए बनानी पड़ेगी। प्रदेश में ऐसी सरकार बनानी चाहिए जो किसानों की मांगों पर काम करे। उन्होंने कहा कि पंजाब में मुख्यमंत्री भगवंत मान ने किसान के साथ साथ मजदूर को भी मुआवजा दिया। प्रदेश में 2024 में आम आदमी पार्टी की सरकार बनेगी। Sirsa News
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