18.73 लाख बच्चों को खिलाई जाएगी पेट के कीड़े निकालने की दवा

Bulandshahr News
17 अगस्त तक चलेगा मॉप अप राउंड, इसमें छूटे बच्चों को गोली खिलाई जाएगी 

17 अगस्त तक चलेगा मॉप अप राउंड, इसमें छूटे बच्चों को गोली खिलाई जाएगी

बुलन्दशहर (सच कहूँ न्यूज)। जनपद में 10 अगस्त को कृमि मुक्ति कार्यक्रम के तहत एक से 19 साल तक बच्चों और किशोरों को पेट के कीड़े निकालने की दवा (एल्बेंडाजोल) खिलाई जाएगी। जनपद में स्कूलों व आंगनबाड़ी केन्द्रों पर करीब 18.73 लाख बच्चों-किशोरों को एल्बेंडाजोल खिलाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। बच्चों को दवा कैसे और कितनी दी जाएगी इसके लिए जिला और ब्लाक स्तर पर स्कूली शिक्षक-शिक्षिकाओं आशा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओँ और एएनएम को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। Bulandshahr News

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. विनय कुमार सिंह ने बताया जनपद में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत 10 अगस्त से एक से 19 साल तक के बच्चों व किशोरों को पेट के कीड़े निकालने की गोली खिलाई जाएगी। अभियान के दौरान छूटे बच्चो को 17 अगस्त को मॉप अप राउंड में गोली खिलाई जाएगी। आंगनबाड़ी और स्कूलों में बच्चों को एल्बेंडाजोल दी जाएगी। उन्होंने बताया- एक से दो वर्ष तक के बच्चों को आधी गोली पानी से खिलाई जाती है जबकि दो से 19 वर्ष तक के बच्चों और किशोरों को एक गोली खिलाई जाती है। गोली खाली पेट नहीं खिलानी चाहिए। इसके अलावा यदि कोई बच्चा बीमार है तो उसे भी यह गोली नहीं देनी है। Bulandshahr News

स्वास्थ्य विभाग की टीम और प्रशिक्षित शिक्षक और आंगनबाड़ी- आशा कार्यकर्ता यह गोली खुद अपने सामने खिलाएंगी, अभियान में स्वास्थ्य विभाग के अलावा शिक्षा विभाग और समेकित बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग का भी सहयोग लिया जाएगा। कोई बच्चा यदि सर्दी-खांसी या बुखार से पीड़ित है तो उसे यह गोली नहीं खिलानी है। छोटे बच्चों को गोली निगलने में परेशानी हो सकती है, इसलिए ऐसे बच्चों को गोली पीसकर खिलाई जाती है। शासन से निर्देश दिए गए हैं कि बच्चों को स्कूलों में दोपहर के भोजन के बाद यह गोली दी जाए, क्योंकि खाली पेट गोली खाने की मनाही है। यह गोली किसी भी प्रकार से बच्चों के लिए नुकसानदायक नहीं होती लेकिन फिर भी प्रशिक्षित की निगरानी में ही बच्चों को गोली खिलाई जाती है। Bulandshahr News

अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. एसके जैन ने बताया- कृमि मुक्ति कार्यक्रम के लिए बेसिक शिक्षा, जिला विद्यालय निरीक्षक के प्रतिनिधियों, स्कूल शिक्षक-शिक्षिकाओं, आशा कार्यकर्ता एएनएम को ट्रेनिंग दी जा चुकी है। ट्रेनिंग में बताया गया कि एल्बेंडाजोल गोली खिलाते समय किन बातों का ध्यान रखना है और किस उम्र के बच्चों को कितनी गोली देनी है। यह गोली सभी बच्चों को प्रशिक्षित लोग अपने सामने खिलाएंगे। गौरतलब है कि पेट के कीड़े निकालने की दवा साल में दो बार बच्चों- किशोरों की खिलाई जाती है। इससे बच्चों को पेट के कीड़ों से तो मुक्ति मिलती है साथ कुपोषण और एनीमिया का खतरा भी काफी हद तक कम हो जाता है। Bulandshahr News

यह भी पढ़ें:– एसडीएम से मामौर झील की मेड सुदृढ़ कराने की गुहार