बाढ़ प्रभावितों को 50 हजार प्रति एकड़ मिले मुआवजा, घर बनाने को 5 लाख दे सरकार
अबोहर (सच कहूँ न्यूज)। पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वडिंग के दिशा-निर्देशों पर जिला कांग्रेस कमेटी फाजिल्का के शिष्टमंडल ने पंजाब में आई बाढ़ (Punjab Flood) के कारण हुए नुक्सान की भरपाई के लिए जिला उपायुक्त को मांग पत्र सौंपा है। इस मौके पर जिला उपायुक्त डॉ. सेनु दुग्गल को जिला कांग्रेस कमेटी के जिलाध्यक्ष दविंदर सिंह घुबाया, सीनियर नेता सुखवंत बराड़, हल्का इंचार्ज बल्लुआना बीबी राजिंदर कौर, सीनियर जिला उपप्रधान सुधीर भादू, सेकेट्री योगेश सहारण, एडवोकेट बाल कृष्ण सहारण, चेयरमैन ओबीसी पंजाब राजबस कंबोज आदि का शिष्टमंडल मिला। Abohar News
उन्होंने मांग पत्र में लिखा कि पंजाब में आई बाढ़ ने जिंदगियां तबाह कर दी हैं और सैकड़ों घर नष्ट हो गए हैं, जिस कारण परिवार बेघर हो गए हैं। पंजाब के एक तिहाई से अधिक क्षेत्रों में लोग बुनियादी आवश्यकताओं से वंचित हो गए हैं। उन्होंने लिखा कि व्यवसाय ठप्प हो गए हैं, दुकानें और घर नष्ट हो गए हैं, दुधारु जानवर मर गए हैं। उपजाऊ भूमि नष्ट हो गई है। पीड़ितों के जीवन को पटरी पर लाने के लिए भोजन, स्वच्छ पेयजल और अन्य बुनियादी जरुरतें प्रदान करने के लिए वित्तीय सहायता की तत्काल आवश्यकता है।
उन्होंने मांग की है कि फसलें पूरी तरह से नष्ट हो गई हैं जिससे किसान भाईचारे को भारी नुकसान हुआ है। प्रभावित किसानों को कम से कम 50 हजार रुपए प्रति एकड़ मुआवजा दिया जाए। जिन लोगों के घर क्षतिग्रस्त हुए हैं उन्हें 5 लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी जाए। इस दौरान घायल लोगों को 5 लाख प्रति व्यक्ति व जिनके परिवार इस बाढ़ से प्रभावित हुए हैं उनके परिवारों को 10 लाख रुपए प्रति व्यक्ति दिए जाएं। जिन दुकानदारों को भारी नुकसान हुआ है उन्हें 2 लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी जाए। Abohar News
जिनके पशु इस प्राकृतिक आपदा में मरे हैं उनके मालिकों को 50 हजार रुपए दिए जाए। राज्य में बाढ़ से क्षतिग्रस्त हुई सड़कों, पुलों, स्कूलों, अस्पतालों आदि सहित बुनियादी ढांचे की मरम्मत और पुनर्निर्माण के लिए भी वित्तीय सहायता की आवश्यकता है। शिष्टमंडल ने कहा कि इन सभी कार्यों को अंजाम देने और लोगों की जिंदगी को पटरी पर लाने के लिए आपके द्वारा सरकार तक मांग पहुंचाने के लिए सरकार से अपील करते है। पंजाब सरकार को बाकि रहते बजट खर्चो को प्राथमिकता देने के लिए आपातकालीन सत्र विधानसभा में बुलाया जाए ताकि बाढ़ पीड़ितों तक जल्द से जल्द सहायता पहुंचाई जा सके।
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