मुंबई । Indian Rupee: शेयर बाजार में भारी गिरावट के बावजूद आयातकों और बैंकरों की बिकवाली को बदौलत आज अंतरबैंकिंग मुद्रा बाजार में रुपया 10 पैसे की तेजी लेकर 81.91 रुपए प्रति डॉलर पर पहुंच गया। इसके पिछले कारोबारी दिवस रुपया 82.01 रुपए प्रति डॉलर पर रहा था।
शुरूआती कारोबार में रुपया 10 पैसे की बढ़त लेकर 81.91 रुपए प्रति डॉलर पर खुला और यही इसका दिवस का उच्चतम स्तर रहा और यह इसी स्तर पर बंद भी हुआ। सत्र के दौरान लिवाली होने से यह 82.03 रुपए प्रति डॉलर के निचले स्तर तक लुढ़क गया।
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नेस्ले इंडिया की जून तिमाही की बिक्री में 15 प्रतिशत की वृद्धि
डेयरी, तैयार खाद्य तथा कन्फेक्शनरी उत्पाद बनाने वाली प्रमुख कंपनी नेस्ले इंडिया ने वर्ष 2023 की दूसरी तिमाही (अप्रैल-जून) के दौरान सालाना आधार पर 15 प्रतिशत की मजबूत वृद्धि के साथ कुल 4619.5 करोड़ रुपये की बिक्री दर्ज की। घरेलू बाजार में कपंनी की वृद्धि 14.6 प्रतिशत रही। कंपनी के निदेशकमंडल की मंजूरी के बाद गुरुवार को जारी उसकी तिमाही रिपोर्ट के अनुसार नेस्ले इंडिया ने अप्रैल-जून, 2023 की तिमाही में 698 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दिखाया है। कंपनी का प्रति शेयर शुद्ध लाभ 72.43 रुपये रहा।
नेस्ले ने कहा है कि वह भारत में अपना दसवां कारखाना ओडिश में लगा रही है और सरकार के मेक-इन-इंडिया अभियान के प्रति पूरी प्रतिबद्ध है। नेस्ले इंडिया के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक, सुरेश नारायणन ने तीसरी तिमाही के परिणामों पर कहा, ‘मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि हमने एक बार फिर मजबूत प्रदर्शन किया है, सभी उत्पाद समूहों ने दोहरे अंक में वृद्धि दर्ज की है। कंपनी ने कहा है कि मैगी नूडल्स तथा व्यंजन पकाने में काम आने वाली चीजों के उसके कारोबार में भी वृद्धि दस प्रतिशत से ऊपर रही।
मुद्रास्फीति के दबाव के बावजूद दुग्ध उत्पाद और पोषण उत्पादों के कारोबार में भी दोहरे अंक की दर से वृद्धि हुई। इसमें मिल्कमेड और पेप्टामेन के कारोबार की भूमिका अग्रणी रही । कंपनी का कहना है कि रिसोर्स फाइबर चॉइस और एवरीडे जीरो एडेड शुगर के लॉन्च से विकास को और मदद मिली है। दूसरी तिमाही में नेस्ले के किटकैट और मंच आदि कन्फेक्शनरी उत्पादों तथा नेस्कैफे आदि पेय पदार्थों की बिक्री में भी मजबूत दोहरे अंक की वृद्धि दर्ज की गयी।
अपने कारोबार से जुड़े कच्चे माल आदि की कीमतों के रुझानों के बारे में कंपनी ने कहा कि खाद्य तेल, गेहूं और पैकेजिंग सामग्री जैसी वस्तुओं की कीमतें नीचे बनी रहीं हैं। ईंधन में मूल्य प्रवृत्ति में बदलाव देखा गया है और पहली तिमाही के अंत में उच्च स्तर पर पहुंचने के बाद दूसरी तिमाही में कीमतों में नरमी देखी गई है। ताजे दूध में कीमत में स्थिरता रही है।