डॉक्टरों ने बताया रीज़न तो हैरान हो गए परिजन! | Eyelash lice
डाक्टरों (doctors) को चीन में एक मामले ने हैरानी में डाल दिया जब उन्होंने देखा कि एक छोटे से बच्चे की पलकों (eyelashes) में सिर की जुओं ने अपना घर बना लिया है जिसकी वजह से बच्चे की आंखों व आंखों के आसपास तेज खुजली की समस्या पैदा हो गई। इतना ही नहीं इससे उसकी आंखों में भी सूजन आ गई थी और आंखें लाल-लाल रहने लग गई थी। Eyelash lice
यह बहुत ही दुर्लभ मामला अमेरिकन जर्नल ऑफ ऑप्थैल्मोलॉजी (Ophthalmology) में छपी एक रिपोर्ट्स के मुताबिक है। रिपोर्ट के अनुसार बच्चे के माता-पिता अपने बच्चे को एक नेत्र रोग विशेषज्ञ के पास लेकर गए तो उन्हें वहां पता चला कि उनके बच्चे के सिर में बहुत ज्यादा जूं एवं उनके अंडे बच्चे की पलकों में अपना घर बनाकर बैठे हैं। ऐसे में जब डाक्टरों ने इसकी जांच की तो उन्हें बड़ी संख्या में लीखें और भूरे स्राव दाहिनी आंख की उपरी पलकों की जड़ में मजबूती से चिपके हुए थे।
इतना ही नहीं डाक्टरों ने देखा कि पराभासी परजीवी दृष्टि की हानि के बिना पलकों पर धीरे-धीरे रेंग रहे थे। रिपोर्ट के अनुसार कुछ परजीवियों और लीखों को माइक्रोस्कोप द्वारा देखा गया तो उनकी पहचान सिर में होने वाली आम जुओं के रूप में हुई। हुआ यूं कि झेंग्झौ निवासी एक बच्चे अक्सर रेत में खेलता रहता था और इस दौरान वह अपनी आंखों को गंदे हाथों से रगड़ता रहता था, जिसकी वजह से बच्चे को ये परेशानी हुई है।
डाक्टरों ने शुक्र मनाया कि जुओं से बच्चे की दृष्टि परजीवियों से प्रभावित नहीं हुई। डाक्टरों ने देखते ही तुरंत वे जुएं और उनके अंडे पलकों से हटा दिये जिससे उनके लक्षण तुरंत पूरी तरह ठीक हो गए। इस दौरान बच्चे को आंखों पर लगाने के लिए मलहम एवं आंखों में डालने के लिए आई ड्राप्स भी दी गई। डाक्टरों ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रभावित पलकों, सिर की जुओं तथा लीखों को हटाने के बाद उन्होंने यौगिक आयोडिन कीटाणुशोधन कॉटन ब्रश के साथ पलक के किनारों को कीटाणुरहित किया।
सिर की जुएं, लीखें और पैथोलॉजिकल स्राव हटाने के बाद, उसकी आंखों से संबंधित सूजन वगैरह तुरंत पूरी तरह से ठीक हो गई। इसके बाद दोबारा लीखें या जुएं ना हों इसके लिए बच्चे की पलकों पर 0.5 एरिथ्रोमाइसिन नेत्र मरहम लगाने की सलाह दी गई और इसे 0.3 टोब्रामाइसिन आई ड्राप्स के साथ मिलाने की सलाह दी गई जोकि एक से दो दिनों के लिए लीख और जुओं के लिए प्रभावी मानी जाती है।
रिपोर्ट के मुताबिक जूं छोटे, पंखहीन कीड़े होते हैं जो मानव रक्त में फीड़ करते हैं और एक दूसरे के संपर्क में आने से एक-दूसरे में फैलते हैं। अगर इनका सही समय पर सही इलाज नहीं किया जाए तो यह समस्या उनमें बढ़ सकती है और समस्या बार-बार हो सकती है।
यह भी पढ़ें:– Hair Problem: नेचुरल काले घने बाल, कलौंजी का करें ऐसे इस्तेमाल