प्रधान सचिव, डीसी व एसपी ने घग्गर के साथ लगते गांवों का किया दौरा
- एनडीआरएफ की एक टीम और बुलाई
सरसा (सच कहूँ/सुनील वर्मा)। जिला से होकर बहने वाली घग्गर नदी (Ghaggar River) का जलस्तर कम होने का नाम नहीं ले रहा है। बाढ़ की आशंका के दृष्टिगत तटबंधों को सुरक्षित करने में जहां ग्रामीण जुटे हुए हैं, वहीं पुलिस के जवान व विभिन्न संस्थाओं के सदस्य भी मोर्चा संभाले हुए हैं। लेकिन फिर भी घग्गर के तटबंधों में लगातार कटाव हो रहा है। रविवार रात्रि को सहारनी में कटाव हो गया। जिसे ग्रामीणों व प्रशासन ने मिलकर बांध दिया। Haryana Flood
इसके अलावा सोमवार को पंजाब हरियाणा बोर्डर पर झंडा खुर्द गांव में भी कटाव हो गया। साथ ही केलनिया के पास डिस्पोजल के लिए बनाई गई पाइप लाइन के कारण घग्गर में रिसाव हो गया। जिसे समय रहते बांध दिया गया। घग्गर में सरदूलगढ़ से करीब 52000 क्यूसेक पानी चल रहा है। घग्गर में आए पानी के कारण 10 गांवों की स्थिति काफी खराब हो चुकी है। वहीं अब सरसा के साथ लगते पंजाब के गांव झंडा से घग्गर नदी का तटबंध टूटने के कारण पानी तेजी से सरसा के गांवों की ओर पहुंच रहा है। Haryana Flood
जिसके चलते मुसाहिबवाला, पनिहारी सहित इसके आसपास के गांवों की स्थिति अब और खराब होने का डर बना हुआ है। सोमवार दोपहर बाद प्रधान सचिव विजयेंद्र कुमार ने घग्गर नदी के साथ लगते गांवों का दौरा कर हालात का जायजा लिया। इस दौरान उपायुक्त पार्थ गुप्ता, पुलिस अधीक्षक उदय सिंह मीणा सहित संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।
मुसाहिबवाला व बुर्जकर्मगढ़ से लोगों को निकालना शुरू | Haryana Flood
प्रधान सचिव विजयेंद्र कुमार ने उपायुक्त व पुलिस अधीक्षक के साथ गांव मुसाहिबवाला, फ रवाई खुर्द, सहारनी, खैरेका, मीरपुर, अहमदपुर, धनूर व ओटू हैड तक दौरा किया तथा तटबंधों की मजबूती के लिए किए जा रहे कार्यों व प्रबंधों को देखा। डीसी पार्थ गुप्ता व एसपी उदयसिंह मीणा लगातार गांवों का दौरा कर रहे हैं और हर स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। उपायुक्त पार्थ गुप्ता ने बताया कि प्रशासन का प्रयास है कि बाढ़ का पानी आबादी में न घुसे।
इसके लिए वॉलींटियर व अन्य 400 लोग दिन रात लगे हुए र्हं। 25 जेसीबी मशीन तटबंधों को मजबूत करने में लगा रखी है। संस्थाओं से भी मदद मांगी गई है। वहीं एनडीआरएफ की एक टीम और बुलाई गई है। उन्होंने बताया कि थिराज गांव में पानी घुसा था वहां से 40 लोगों को रेस्क्यू किया गया है।
सरसा से चंडीगढ़ जाने वाले हाईवे पर भारी वाहनों का आवागमन किया बंद
सरसा से गुजरने वाली घग्गर नदी इलाके के कई गांव के लिए कहर बनकर आई हैं। सरसा से चंडीगढ़ जाने वाले हाईवे पर एक पुलिया धंसने की बात सामने आई है। हालांकि प्रशासनिक अधिकारियों ने इसकी पुष्टि नहीं की है। इस हाइवे से भारी वाहनों का आवागमन बंद कर दिया है। सरसा के गांव पनिहारी में पुलिस की तरफ से बैरिकेट्स लगाकर रोड पर भारी
वाहनों का आवागमन बंद कर दिया है तो वहीं पंजाब के गांव झंडा में बेरीकेट्स लगाकर भारी वाहनों के आवागमन को बंद कर दिया है। लिंक रोड के सहारे अब लोग पंजाब की तरफ जा रहे हैं। इस रोड पर हरियाणा-पंजाब रूट पर बसें चलती है, जिनका रूट चेंज कर दिया है। पुलिस अधीक्षक उदय सिंह मीणा ने बताया कि सड़क पर किसी तरह का भी डैमेज नहीं है लेकिन एहतियात के तौर पर इस रोड पर भारी वाहनों का आवागमन बंद कर दिया है।
अब रानियां और ऐलनाबाद के गांवों में बढ़ा खतरा | Haryana Flood
रविवार को 54 हजार क्यूसेक पानी पहुंचा था। घग्गर के छोटे तटबंध टूटने के बाद बड़े तटबंधों के साथ लगते हुए घग्गर का पानी अब ओटू हेड तक पहुंच गया है। राजस्थान कैनाल में पानी निकासी की क्षमता कम होने के कारण अब ऐलनाबाद और रानियां के कई गांवों में खतरा बढ़ गया है। हालांकि इस क्षेत्र के गांव बणी में पहले से ही लोगों ने सामान निकाल लिया और पलायन कर गए है। अधिकारियों की ओर से लगातार लोगों को पलायन न करने के लिए अपील की जा रही है। घग्गर नदी का छोटा तटबंध टूटने के कारण अब 10 हजार एकड़ तक फसल खराब हो चुकी है।
उपायुक्त पार्थ गुप्ता ने बताया कि मीरपुर से टूटे घग्गर के छोटे तटबंध के कारण अब पानी घग्गर के बड़े तटबंध के साथ ओटू हैड तक पहुंच गया है। जिसके कारण घग्गर नदी के बीच में करीब सात हजार एकड़ फ सल में जलभराव हो गया है। उन्होंने बताया कि रात को सहारणी गांव में बांध टूट गया था। जिसे ग्रामीणों की मदद से करीब 10 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद पाट दिया गया। उन्होंने बताया कि ढाणियों को खाली करवाया गया है।
फिरोजाबाद गांव के समीप तटबंध में आई हल्की दरार | Haryana Flood
रानियां। गांव फिरोजाबाद के समीप घग्घर के तटबंध में दरार आने की वजह से पानी साथ लगते किसानों के खेतों की ओर मुड़ गया। किसानों ने स्थिति को संभाला और गांव वालों को तुंरत इसकी सूचना दी। सूचना मिलने के बाद आसपास क्षेत्र के किसान व सहायता के लिए प्रशासनिक अमला भी मौके पर पहुंच गया। जेसीबी मशीनों की सहायता लेकर दरार वाली जगह पर मिट्टी डाल दी गई। जिससे पानी बंद हो गया।
जानकारी के मुताबिक गांव फि रोजाबाद के साथ घग्घर के तटबंध पर किसानों की ओर से सिंचाई के लिए डाली गई पाइप लाइन के साथ तटबंध में दरार आने के कारण पानी की लीकेज हो गई। घग्घर का पानी गांव में खेतों की ओर रुख करने लगा। चूंकि तटबंधों पर ठीकरी पहरा लगा हुआ है। किसानों ने इसे देखा और फौरन गांव के लोगों को इसकी सूचना दी गई। गांव के गुरुद्वारा घर में मुनादी होने के बाद किसान तटबंध पर पहुंच गए। सूचना पाकर प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंच गए। प्रशासन की ओर से दरार को पाटने के लिए वहां जेसीबी मशीने भिजवाई गई और ट्रैक्टर-ट्रालियों से यहां मिट्टी डालने का काम किया गया।
चूंकि दरार हल्की थी और वह शीघ्र बंद हो गई और पानी थम गया। एसडीएम वेद बैनीवाल ने मौके का निरिक्षण करते किसानों से बातचीत की। एसडीएम ने किसी भी विपदा की स्थिति में प्रशासन की ओर से हरसंभव मदद देने का ग्रामीणों को आश्वासन दिया। नहरी विभाग के एसडीओ अंकुर चोपड़ा व जेई भी मौके का निरिक्षण करने पहुंचे। पानी की लीकेज बंद होने के बाद सभी ने राहत की सांस ली। वहीं आप के जिलाध्यक्ष हैप्पी रानियां, अखिल भारतीय यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव विनीत कंबोज भी किसानों का सहयोग करने के लिए मौके पर पहुंचें।
राहत पहुंचाने में जुटे डेरा सच्चा सौदा के सेवादार | Haryana Flood
ओढां। घग्गर में आई बाढ़ के चलते उत्पन हुई संकट की इस घड़ी में डेरा सच्चा सौदा के सेवादार लोगों को राहत पहुंचाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। हालांकि ग्रामीण, अन्य समाजसेवी संस्थाएं तथा युवा क्लब भी प्रशासन का पूरा सहयोग कर रहे हैं। सोमवार को डेरा सच्चा सौदा के शाह सतनाम जी ग्रीन-एस वेलफेयर फोर्स विंग के सदस्य सूचना मिलते ही पनिहारी क्षेत्र में पहुंच गए। वहीं सहारनी, नेजाडेला, मल्लेवाला, अहमदपुर सहित अन्य क्षेत्रों में भी डेरा सच्चा सौदा के सेवादार राहत कार्य में जुटे हुए हैं।
रोड़ी ब्लॉक के प्रेमी सेवक पवन इन्सां ने बताया कि ब्लॉक से गांव पनिहारी, झुग्गियां व सहारनी में काफी संख्या में सेवादार थैलों में मिट्टी डालकर बांध को मजबूत करने में लगे हुए हैं। सेवादारों द्वारा लोगों के लिए लंगर व मवेशियों के लिए हरे चारे का भी प्रबंध किया जा रहा है। साथ लगते ब्लॉक रोड़ी व श्री जलालआणा साहिब से भी साध-संगत द्वारा प्रभावित क्षेत्रों में लंगर सहित अन्य सहायता मुहैया करवाई जा रही है। वहीं बडागुढ़ा के बाबा छोटा सिंह युवा क्लब, बीरूवाला यूथ क्लब व दोनों गांवों की गुरुद्वारा कमेटियां भी राहत कार्य में लगी हुई हैं।
पलायन करने लगे गांव सहारनी व नेजाडेला के ग्रामीण | Haryana Flood
ओढां। घग्गर नदी में बढ़ रहे जलस्तर के चलते घग्गर के साथ लगते गांव सहारनी, नेजाडेला खुर्द, खैरेकां, मल्लेवाला, बुढ़ाभाणा, किराड़कोट, अहमदपुर सहित गांवों के लोगों की चिंता बढ़ा दी है। हालांकि प्रशासन द्वारा व्यापक प्रबंध करने के साथ-साथ स्थिति पर बराबर नजर रखी जा रही है, लेकिन ग्रामीणों में मिल रही सूचनाओं के मद्देनजर भय है। घग्गर बांध टूटने के भय के चलते गांव सहारनी व नेजाडेला खुर्द से काफी लोग गांव छोड़कर जाने लगे हैं। लोगों ने अपना कीमती सामान व मवेशियों आदि को इधर-उधर अपनी रिश्तेदारियों में पहुंचा दिया है।
लोगों का कहना है कि गांव के निकट घग्गर के तटबंध कभी भी टूट सकते हैं। ऐसे में वे किसी तरह का रिस्क नहीं लेना चाहते। गांव सहारनी व नेजाडेला में निचले क्षेत्र लगभग पूरी तरह से खाली हो चुके हैं। गांव सहारनी के ग्रामीण पहले भी बाढ़ का दर्द झेल चुके हैं। तब उनका काफी नुकसान हुआ था। लेकिन इस बार वे पहले से ही सचेत हैं। ग्रामीण गांव छोड़कर अन्य गांवों में पलायन कर रहे हैं। वहीं गांव नेजाडेला खुर्द में बैठे कुछ परिवारों ने पूछे जाने पर बताया कि जहां उनकी रिश्तेदारियां हैं वहां भी बाढ़ का खतरा बना हुआ है, इसलिए वे गांव छोड़कर अन्य जगह नहीं जा सकते।
प्रशासन द्वारा आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए एक दर्जन से अधिक मोटर बोटों का प्रबंध किया गया है। गांव रंगा, मुसाहिबवाला, मल्लेवाला, नेजाडेला के पास प्रशासन द्वारा मोटर बोटों के जरिए विशेष निगरानी रखी जा रही है। बीती रविवार रात्रि गांव सहारनी के निकट जलस्तर बढ?े से लीकेज होने के चलते एक बार स्थिति भयग्रस्त हो गई। जिसके बाद गांव सहारनी के लोगों ने अपना सामान व मवेशियों को सुरक्षित जगह पर पहुंचाने का प्रबंध देर रात तक जारी रहा। वहीं सूचना के बाद आस-पड़ोस के गांवों से बड़ी संख्या में ग्रामीण ट्रैक्टर-ट्रालियां लेकर लिकेज को पाटने के लिए पहुंच गए। जिसके बाद स्थिति पर काबू पा लिया गया। तब जाकर लोगों ने कुछ राहत की सांस ली।
बताया जा रहा है कि घग्गर का जलस्तर अभी तक कम नहीं हुआ है। जिसके चलते लोगों की सांसें अटकी हुई हैं। गांव बुर्जकर्मगढ़ को पानी द्वारा चारों तरफ से घेरे जाने के चलते गांव एक टापू में तब्दील हो गया है। गांव को जाने वाली एकमात्र सड़क भी पानी में बह गई। गांव किराड़कोट, बुढ़ाभाणा, झीड़ी व बप्पां क्षेत्र से सरसा जाने वाले मुख्य कच्चे रास्ते में पानी भरने के कारण संपर्क टूट गया है। वहीं मल्लेवाला की तरफ जाने वाले रास्ते व बांध को मजबूत करने के लिए मनरेगा मजदूर व जेसीबी मशीनें लगी हुई हैं।
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