- साइबर ठग गिरोह के चार आरोपी गिरफ्तार
- आरोपियों के कब्जे से 3 मोबाइल, एक सिम और नकदी बरामद
सच कहूँ/सागर दहिया
Faridabad। साइबर थाना सेंट्रल प्रभारी सतीश कुमार व उनकी टीम ने आरोपियों द्वारा लोगों को झांसा देकर मोबाइल टावर लगवाने के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों की पहचान विक्रांत निवासी विजय विहार दिल्ली, प्रदीप निवासी हांसी, जिला हिसार, रिशाल तथा अजीत निवासी बुलंदशहर (यूपी)के रूप में हुई है। एसीपी साइबर अभिमन्यु गोयत ने प्रेस वार्ता में बताया कि आरोपी मोबाइल टावर लगाने के नाम पर लोगों के साथ धोखाधड़ी की वारदात को अंजाम देते थे।
आरोपी गूगल पर अपना फर्जी विज्ञापन डालते, जिसमें वह बताते कि यदि कोई भी व्यक्ति अपनी जमीन पर जिओ कंपनी का 5जी मोबाइल टावर लगवाता है तो उसे 50000 रुपये हर महीना दिया जाएगा और इसके साथ ही टावर के रखरखाव के लिए एक व्यक्ति को नौकरी दी जाएगी। विज्ञापन को देखकर कई लोग इसके लालच में आ जाते और साथ ही नौकरी की बात सुनकर उन्हें यह आश्वासन मिल जाता है कि उनकी जॉब गारंटी पक्की हो गई, क्योंकि जब तक मोबाइल टावर रहेगा, तब तक उन्हें घर बैठे नौकरी मिलेगी।
फरीदाबाद के शख्स को लगाया 68 हजार का चूना
आरोपियों ने फरीदाबाद के रहने वाले एक व्यक्ति के साथ अलग-अलग बात का बहाना बनाकर 68000 रुपए ठग लिए। पीड़ित को जब ठगी के बारे में पता चला तो उसने इसकी शिकायत साइबर थाने में दी। इसके पश्चात थाने में षड्यंत्र व धोखाधड़ी की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज करके मामले में जांच शुरू की गई। पुलिस ने मामले की जांच को आगे बढ़ाते हुए आरोपियों को दिल्ली, हांसी तथा बुलंदशहर एरिया में दबिश देकर काबू कर लिया। आरोपियों के कब्जे से वारदात में प्रयोग 03 मोबाइल फोन, 01 सिम कार्ड व 30000 नगद बरामद किए गए। आरोपियों को अदालत में पेश करके पुलिस रिमांड पर लिया गया।
विक्रांत है गिरोह का सरगना
पुलिस पूछताछ में सामने आया कि गिरोह का सरगना आरोपी विक्रांत है। आरोपी रिशाल तथा अजीत इन्हें फर्जी सिम कार्ड और बैंक खाते उपलब्ध करवाते हैं। वहीं आरोपी प्रदीप इनकी वेबसाइट मैनेज करता है। पुलिस रिमांड पूरा होने के पश्चात आरोपियों को अदालत में पेश करके जेल भेज दिया।
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