Drinking Water: आजकल ज्यादातर देखने में आता है कि जब भी आप घर से बाहर जाते हैं तो आपको प्यास सताने लगती है और गर्मियों में तो खासकर। आप क्या करोगे कि तुरंत किसी दुकान पर जाओगे और बोतलबंद पानी खरीदकर अपनी प्यास बुझाओगे। लेकिन क्या कभी आपने सोचा भी है कि यह पानी कितना शुद्ध होता है और उस पानी की बोतल की कीमत कितनी होती है। Actual Price Of Water Bottle
देखने में आ रहा है कि पिछले कई सालों से भारत में बोतलबंद पानी की डिमांड बढ़ती जा रही है। लोग समझते हैं कि यह पानी शुद्ध होता है, लेकिन क्या ऐसा सच में है…? आज हम आपको इसी बोतलबंद पानी की कहानी बताने जा रहे हैं जिसको जानकार शायद आपको हैरानी भी हो। आमतौर पर आपको बाजार में 20 रुपये में 1 लीटर पानी की बोतल मिल जाती है। अब सवाल यह उठता है कि क्या वाकई उस पानी की बोतल की कीमत 20 रुपये है और वह उतना शुद्ध भी है जितना हम उसे मानते हैं?
आइये जानते हैं:- | Drinking Water
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बाजार में विभिन्न प्रकार के बोतलबंद पानी मिलते हैं, जिनके बारे में आप शायद अनजान हों। आज हम आपको उन्हीं के बारे में बताने जा रहे हैं।
- Purified Water: यह नल का पानी कई प्रक्रियाओं से गुजारकर शुद्ध किया जाता है, जिसमें कार्बन फिल्ट्रेशन और रिवर्स आॅस्मोसिस जैसी तकनीकें शामिल होती हैं। बता दें कि यह पानी शुद्ध तो हो जाता है लेकिन इस प्रक्रिया से पानी में से अधिकांश मिनरल्स निकल जाते हैं।
- Distilled Water: ऐसा पानी जो छोटे उपकरणों में इस्तेमाल के लिए अच्छा माना जाता है। इस पानी में से भी अधिकांश मिनरल्स निकल जाते हैं।
- Spring Water: अन्य सभी प्रकार का पानी, चाहे वह ट्रीटेड हो या न हो, स्प्रिंग वॉटर श्रेणी में आता है। नेचुरल रिसोर्स डिफेंस कॉउंसिल की मानें तो ऐसे पानी में मिनरल्स की कमी और कई सामान्य समस्याएं हो सकती हैं। काउंसिल के अनुसार प्यूरिफाइड और डिस्टिल्ड पानी को हम स्वास्थ्यवर्धक और शुद्ध मान सकते हंै, लेकिन ऐसा हमेशा सत्य नहीं होता।
सबसे बड़ी बात तो यह है कि बोतल के पानी को सुरक्षित इसलिए माना जाता है क्योंकि इसकी आप कीमत चुकाते हैं। बोतलबंद पानी की मांग देश में लगातार बढ़ रही है, लेकिन साथ ही मिलावट भी बढ़ रही है। हम बोतलबंद पानी के लिए बहुत अधिक कीमत चुका रहे हैं जबकि हमें नल से प्राप्त होने वाला पानी मुफ्त मिल जाता है। विभिन्न पानी के ब्रांड की कीमतें अलग-अलग होती हैं। Drinking Water
आमतौर पर देश में एक लीटर बोतलबंद पानी की कीमत लगभग 20 रुपये होती है। यह नल से प्राप्त होने वाले पानी से लगभग 10,000 गुना महंगा होता है। एक अर्थशास्त्री के अनुसार, आधा लीटर बोतलबंद पानी की कीमत उतनी होती है, जितना पानी हम खाना पकाने, बर्तन धोने और नहाने में इस्तेमाल करते हैं, बल्कि उसकी कीमत से भी बहुत ज्यादा होती है। इसके पीछे का गणित समझें तो थोक में प्लास्टिक की बोतल की कीमत 80 पैसे होती है, एक लीटर पानी की कीमत 1.2 रुपये, पानी को विभिन्न प्रक्रियाओं से गुजारने की लागत 3.40 रुपये/बोतल लगा लो।
इसके अलावा अतिरिक्त व्यय के रूप में 1 रुपये का खर्च और जोड़ लो। इस प्रकार बोतलबंद पानी की एक बोतल की कुल लागत 6 रुपये 40 पैसे होती है। इसका मतलब है कि हम 7 रुपये के लिए 20 या उससे भी अधिक रुपये खर्च कर रहे हैं। इतने पैसे खर्च करने के बावजूद भी, जरा सोचकर देखो कि क्या आप सुरक्षित हैं और यदि हां, तो कितने सुरक्षित हैं?
बहुत सारी संस्थाएं जोकि पर्यावरण पर शोध करती हैं, ये मानती हैं कि पानी के महंगे ब्रांड को खरीदना पानी की शुद्धता से संबंधित नहीं है। बल्कि, प्लास्टिक की बोतल पानी की शुद्धता से संबंधित है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार भी सरकार ने कुछ साल पहले एक सर्वे के दौरान बताया था कि साल 2014-15 में भारत सरकार ने बोतलबंद पानी पर गुणवत्ता की जांच की थी, और उसमें से आधे से ज्यादा की प्रामाणिकता कमजोर थी। Drinking Water
पिछले दो-तीन दशकों में भारत में बोतलबंद पानी की मांग तेजी से बढ़ी है। अब हर जगह लोग होटलों और यात्राओं में इसे अधिक पी रहे हैं। पश्चिमी देशों में बोतलबंद पानी की शुरूआत 19वीं सदी में हुई, हालांकि भारत में यह 70 के दशक में आया और टूरिज्म के साथ-साथ बढ़ता रहा है। यूरोमॉनिटर के अनुसार, भारत में आजकल 5,000 से अधिक निर्माता हैं, जिनके पास ब्यूरो आॅफ इंडियन स्टैंडर्ड लाइसेंस है। Drinking Water
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