दूसरों का भला करो, घरों में आएंगी बरकतें: पूज्य गुरु जी

Ruhani Majlis | Anmol Vachan | Saint Dr. MSG

सरसा। पूज्य गुरू जी फरमाते हैं कि परमपिता परमात्मा कण-कण में जर्रे-जर्रे में मौजूद है। जो सच्ची भावना, श्रद्धा से उसको याद करते हैं, उससे प्यार करते हैं। वो प्यार का समंदर, रहमत का सागर अपनी तमाम बरकतें उसके लिए बख्श देता है, उसे सौंप देता है। सुमिरन करें सेवा करें, प्रकृति के भले की केवल बात ही नहीं, कर्म भी करें। भला जो करते हैं परमपिता परमात्मा उनका भला अवश्य किया करते हैं।

 पूज्य गुुरू जी ने फरमाया कि जो इंसान दोगलापन करते हैं, दिखाते कुछ और हैं करते कुछ और हैं। दुनिया में ये सब जालसाजी चल सकती है, चलता रहता है।

लेकिन उस भगवान के दरबार में ये चीजेें कभी मंजूर कबूल नहीं होती वहां तो जैसे इंसान कर्म करता है उसका फल भोगना पड़ता है। इसलिए जब आप भक्ति करते हो, मालिक को याद करते हो तो सही-सही अपने पापकर्मों से तौबा किया करो।

आप अपने आप को मान बड़ाई के चक्कर में बड़ा भक्त साबित करने की कोशिश मत किया करो, क्योंकि लोग ऐसा करते हैं सामने वाले को उलझाने के लिए, पटाने के लिए, अपना उल्लू सीधा करने के लिए, कि मैं मालिक का अजीज, मैं हूं मालिक का प्यारा, असली भक्त।

जो भक्त होते हैं, उन्हें बताने की जरूरत नहीं पड़ती कि वो भक्त हैं, उनका चेहरा चुगली खा जाता है। सतगुुुरु अल्लाह से उनका प्यार होता है। एक ही निशाना होता है, और कभी किसी को गुमराह नहीं करते, किसी को लूटा नहीं करते।

मान बड़ाई के चक्कर में कभी वो किसी का उलझाया नहीं करते। बस उनका काम अच्छे कर्म करना, समाज का भला करना और राम से प्यार करना होता है। तो दिखाने की जरूरत उनको पड़ती है जिनके पास कुछ होता नहीं, इसलिए हमेशा सावधान रहिए। कई लोग बड़े चमत्कार सुनाते हैं, बड़ी-बड़ी बातें सुनाते हैं और आप उनको झूठला नहीं सकते क्योंकि परमात्मा की बात है।

… तो आप को लगता है कि ये बंदा दिन रात ऐसे ही सपने देखता होगा, दिन रात मालिक से जुड़ा रहता होगा। जी नहीं! ज्यादा बड़बोलापन भी मालिक से दूर करता है, जो मालिक के नजारे लूटते हैं वो तो हजम कर जाते हैं। और जैसे-जैसे हजम हो जाता है, वैसे-वैसे वो नजारा दोगुना-चौगुना बढ़ता चला जाता है।

इसलिए परमात्मा की भक्ति में एक बात हमेशा याद रखो, सेवा करो-सुमिरन करो, दूसरों का भला सोचो और करो भी तो यकीनन आपके घरों में बरकतें आएंगी, खुशियां आएंगी। आप उसकी दया मेहर रहमत के लायक बन जाएंगे।

पूज्य गुरू जी ने फरमाया कि, जिसको नजारा आता है, वो अगर अपने पीर-फकीर के सामने बताता है तो वो गलत नहीं होता क्योंकि वो उस समय झूठ नहीं बोल सकता, झूठ बोलता है तो वो अपनी बेड़ी में बट्टे डालता है।

जब आप दूसरों को राम नाम से जुड़ने के लिए कहते हैं, अपनी कोई ऐसी बात कहते हैं जो जाहिर हो चुकी है, सुमिरन से नहीं जुड़ी। बाहरी तौर पर आपके साथ चमत्कार हुआ है तो उसको बताना भी गलत नहीं होता। क्योंकि उससे जीव राम-नाम से जुड़ते हैं, उनके पाप-कर्म कटते हैं, उनके नर्क जैसे घर स्वर्ग बन जाते हैं।

उसमें आपको खुशियां, पुण्य मिलता है। पूज्य गुरु जी ने फरमाया कि, जब कोई आदमी चार-पांच लोगों को बैठाकर उनसे अपनी मान-बड़ाई मारता है तो समझ लो कि वो सौ प्रसेंट गलत है, अपनी बड़ाई के लिए ही ऐेसी बातें करता है।

गलत को गलत और सही को सही कहना सीखो। सो मालिक से प्यार बढ़ता जाता है जो लोग मालिक की औलाद का भला करते हैं, प्यार करते हैं मालिक उनको अंदर-बाहर खुशियों से मालामाल जरूर कर देते हैं।

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