दो हजार के 2.72 लाख करोड़ मूल्य के नोट वापस आए : आरबीआई
मुंबई (एजेंसी)। Rupee 2000 Note: रिजर्व बैंक (RBI) को दो हजार के नोट को चलन से बाहर करने की घोषणा के बाद से इस वर्ष के 30 जून तक 2.72 लाख करोड़ मूल्य के नोट वापस आ चुके हैं। आरबीआई ने कहा कि 31 मार्च 2023 तक दो हजार के 3.62 लाख करोड़ रुपए मूल्य के नोट प्रचलन में थे, जो 19 मई तक घटकर 3.56 लाख करोड़ रुपए रह गए। इस वर्ष 19 मई को 2000 रुपए के नोट वापस लिए जाने की घोषणा की गई थी। Rupee 2000 Note
इस घोषणा के बाद से 30 जून 2023 तक बैंकों में दो हजार के 2.72 लाख करोड़ रुपए मूल्य के नोट वापस आ गए। इस अवधि में दो हजार के प्रचलन में मौजूद कुल नोटों में से 0.76 प्रतिशत नोट वापस आ गए हैं। इस तरह दो हजार के केवल 0.84 लाख करोड़ रुपए मूल्य के नोट ही अब चलन में रह गए हैं। आरबीआई ने प्रमुख बैंकों से संग्रहित आंकड़ों के हवाले से बताया कि बैंकों में दो हजार के कुल नोटों में से 87 प्रतिशत जमा के रूप में वापस आए वहीं शेष 13 प्रतिशत नोट बदले गए हैं। दो हजार के नोट बदलने की अंतिम तिथि 30 सितंबर है।
अगर आपके घर में रखा है 2 हजार का नोट तो यह खबर आपके लिए | Rupee 2000 Note
19 मई को, भारतीय रिजर्व बैंक ने घोषणा की कि 2000 रुपये के नोट चलन से वापस ले लिए जाएंगे। हालांकि, केंद्रीय बैंक ने कहा कि वे वैध मुद्रा बने रहेंगे और लोग 2000 रुपये के नोट अपने बैंक खातों में जमा कर सकते हैं और/या किसी भी बैंक शाखा में अन्य मूल्यवर्ग के नोटों के बदले उन्हें बदल सकते हैं। आरबीआई ने 30 सितंबर, 2023 तक बैंक नोट जमा करने या बैंकों में उन्हें बदलने का समय दिया है। आरबीआई गर्वनर शशिकांत दास ने कहा कि दो रुपये के नोट बैंकों में जमा करने से लोगों को कई तरह का फायदा मिलेगा।
आरबीआई के आंकड़ों से पता चलता है कि प्रवाह में वृद्धि से बैंक जमा वृद्धि को मौजूदा 10.9 प्रतिशत से बढ़ावा मिलेगा और प्रचलन में मुद्रा (सीआईसी) कम हो जाएगी, जो 26 मई को समाप्त सप्ताह में घटकर 365 अरब रुपये रह गई। आईडीएफसी फर्स्ट बैंक में भारत के अर्थशास्त्री गौरा सेन गुप्ता ने रॉयटर के हवाले से कहा, सीआईसी में गिरावट का कुछ हिस्सा 2,000 रुपये के नोट एक्सचेंज को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है।
2000 के नोट पर दिल्ली होईकोर्ट का बड़ा फैसला
दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) ने 2,000 रुपये के नोटों (2000 Rupee Note) को प्रचलन से वापस लेने के भारतीय रिजर्व बैंक ((RBI) के फैसले के खिलाफ दायर याचिका सोमवार को खारिज कर दी। मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की खंडपीठ ने याचिकाकर्ता वकील रजनीश भास्कर गुप्ता की याचिका को जनहित याचिका (पीआईएल) के रूप में खारिज कर दिया, जिसमें आरबीआई के फैसले को चुनौती दी गई थी, जिसमें तर्क दिया गया था कि आरबीआई अधिनियम के अनुसार इस तरह का निर्णय लेने के लिए उसके पास स्वतंत्र प्राधिकार का अभाव है।
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