सरसा नगर परिषद् प्रशासन ने लगाई थी शर्त | Property Tax
- कई दलों ने जताया था विरोध, ईओ बोले-निर्णय लिया वापस
सरसा (सच कहूँ/सुनील वर्मा)। नगर परिषद् प्रशासन की ओर से अपने स्तर पर विद्यार्थियों को परेशान करने के लिए हरियाणा निवास प्रमाण पत्र जारी करने की एवज में उनसे प्रॉपर्टी टैक्स (Property Tax) भरने की शर्त को अविलंब वापिस ले लिया गया है। इस निर्णय से विद्यार्थी वर्ग को खासी राहत मिली है क्योंकि इन दिनों तमाम शिक्षण संस्थानों में प्रवेश के लिए प्रक्रिया जारी है और ऐसे में इन दस्तावेजों में हरियाणा निवास प्रमाण पत्र की आवश्यकता नितांत जरूरी बताया गया। Haryana Residence Certificate
प्रतिदिन करीब 150 से 200 विद्यार्थी अपने दस्तावेजों की पूर्ति के लिए जब हरियाणा निवासी प्रमाण पत्र लेने के लिए नगर परिषद् जाते थे तो उन्हें परिषद् प्रशासन की ओर से प्रॉपर्टी टैक्स भरने के लिए विवश किया जाता था। ऐसी परिस्थिति में विद्यार्थियों को बेबसी व लाचारी के अलावा कुछ हासिल नहीं होता था क्योंकि विद्यार्थियों का प्रॉपर्टी टैक्स से कोई ताल्लुक नहीं होता। अहम बात यह है कि नगर परिषद् सरसा ही पूरे हरियाणा में ऐसा है जिसने अपने स्तर पर इस प्रकार की शर्त विद्यार्थियों पर लागू की थी। Property Tax
इस प्रकार की शर्त लगाने का स्थानीय वार्ड नंबर 19 की पार्षद नीतू सोनी ने जबरदस्त विरोध करते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल, नगर निकाय मंत्री डॉ. कमल गुप्ता सहित तमाम अन्य उच्चाधिकारियों को पत्र लिखकर उन्हें स्थिति से अवगत करवाते हुए स्थानीय नगर परिषद् प्रशासन को इस प्रकार की शर्त वापिस लेने के लिए आदेश करने का आग्रह किया गया था। Property Tax
इतना ही नहीं इसी मुद्दे पर आम आदमी पार्टी की ओर से पूर्व सांसद डॉ. अशोक तंवर ने भी इसका जबरदस्त विरोध किया था। इस सिलसिले में नगर परिषद् प्रशासन के कार्यकारी अधिकारी संदीप मलिक ने बताया कि नप प्रशासन की ओर से अब ऐसी शर्त को हटा लिया गया है और विद्यार्थी बगैर प्रॉपर्टी टैक्स के हरियाणा निवासी प्रमाण पत्र पर हस्ताक्षर करवा सकते हैं।
प्रॉपर्टी टैक्स भरने का यह था पैंतरा | Property Tax
प्रॉपर्टी टैक्स भरवाने के लिए ही स्थानीय नगर परिषद् प्रशासन की ओर से जान-बूझकर मौखिक आदेशों के तहत हरियाणा निवासी प्रमाण पत्र पर हस्ताक्षर करने के लिए आवेदक को बाध्य किया जाता था। इससे विद्यार्थियों में पूरी तरह से मायूसी छाई हुई थी। विशेष बात यह है कि हरियाणा की याशी कंपनी की ओर से पूरे हरियाणा में प्रॉपर्टी आईडी का सर्वे किया गया था जो लगभग पूरी तरह से गलत था। ऐसे में नप प्रशासन की ओर से गलत सर्वे के आधार पर ही लोगों से हजारों रुपए के नाजायज टैक्स वसूलने के लिए बाध्य किया जा रहा था। Haryana Residence Certificate
मगर लोगों की ओर से इस गलत सर्वे को ठीक करने की मांग करते हुए हजारों रुपए का टैक्स नहीं भरा जा रहा था। ऐसे में राजस्व को भरने की उम्मीद में नप प्रशासन ने विद्यार्थियों के हरियाणा निवासी प्रमाण पत्र पर हस्ताक्षर से पूर्व प्रॉपर्टी टैक्स भरने की नाजायज शर्त थोंप दी गई थी जिससे सारा विद्यार्थी वर्ग व उनके अभिभावक सहमे हुए थे।
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