चेन्नई (एजेंसी)। Chandrayaan 3 Launch: आंध्र प्रदेश स्थित श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केन्द्र से 13 जुलाई को अपराह्न 2.30 बजे एलबीएम-3 रॉकेट के जरिए देश के तीसरे चंद्र मिशन चंद्रयान-3 का प्रक्षेपण किया जाएगा। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) (ISRO) के सूत्रों ने आज यहां बताया कि चंद्रयान-3 का प्रक्षेपण दूसरे लॉन्च पैड से होने की उम्मीद है। जीएसएलवी-एमके-3 लॉन्चर (एलवीएम-3)के जरिए इस चंद्रयान-3 कक्षा में स्थापित करेगा। Chandrayaan 3 Launch
चंद्रयान-3 को सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से एमके-3 के जरिए प्रक्षेपित किया जाएगा। प्रणोदक मॉड्यूल ‘लैंडर’ और ‘रोवर’ को चंद्रमा की कक्षा में ले जाएगा। इसमें चंद्रमा की कक्षा से पृथ्वी के ध्रुवीय मापन का अध्ययन करने के लिए एक ‘स्पेक्ट्रो-पोलरमेट्री’ पेलोड भी शामिल किया गया है। उल्लेखनीय है कि इससे पहले सात सितंबर 2019 को भारत के दूसरे चंद्र मिशन ‘चंद्रयान-2’ की चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग नहीं हो पाई थी। इसे चंद्रमा की सतह के दक्षिण ध्रुव के पास उतरना था। यह जब चंद्रमा की सतह पर उतरने वाला था तब लैंडर विक्रम से उसका संपर्क टूट गया था। Chandrayaan 3 Launch
सूर्य का अध्ययन करने के लिए भारत के पहले मिशन, आदित्य-एल1 मिशन पर इसरो प्रमुख ने कहा कि वे 10 अगस्त की लॉन्च तिथि का लक्ष्य बना रहे हैं। भारत द्वारा अमेरिका के आर्टेमिस समझौते पर हस्ताक्षर करने पर टिप्पणी करने के लिए पूछे जाने पर, सोमनाथ ने कहा: “हम आर्टेमिस समझौते को अमेरिका के साथ एक राजनीतिक जुड़ाव के रूप में देख रहे हैं।
यह इरादे का एक बयान है कि जब अमेरिका विशेष रूप से अंतरिक्ष क्षेत्र में सहयोगात्मक कार्य का प्रस्ताव दे रहा है विभिन्न देशों के बीच सौहार्दपूर्ण माहौल में बाहरी ग्रहों की खोज, हम इससे सहमत हैं। हम अमेरिका के साथ काम करना चाहेंगे, खासकर उन प्रौद्योगिकियों पर जो उच्च स्तर की हैं। इससे अंतरिक्ष क्षेत्र में काम कर रहे भारतीय उद्योगों के लिए काम करने के अवसर खुलेंगे। अमेरिकी कंपनियों के साथ जो अंतरिक्ष क्षेत्र में समान रूप से काम कर रही हैं।” Chandrayaan 3 Launch