13 पार्षदों नामांकन फॉर्म की हुई जांच, सभी वैध पाए गए
Ghaziabad (सच कहूं/रविंद्र सिंह)। Ghaziabad Municipal Corporation: हॉट सिटी गाजियाबाद नगर निगम की पहली बैठक महापौर सुनीता दयाल की अध्यक्षता में सदन हुआ। नगर आयुक्त नितिन गौड द्वारा सदन संचालन किया गया । अपर नगर आयुक्त शिव पूजन यादव डॉ संजीव सिंहा, इंजीनियर नरेंद्र चौधरी, जीएम आनंद त्रिपाठी, डॉक्टर मिथलेश कुमार आदि अधिकारियों की मौजूदगी में नगर निगम कार्यकारिणी समिति का चुनाव शुरू हुआ। निगम कार्यकारिणी समिति के वित्त 12 पदों पर चुनाव कराने के लिए बैठक शुरू हुई।
कार्यकारिणी समिति के लिए चुनाव में भाग लेने वाले पार्षद
नामांकन करने वाले पार्षद- आदिल मलिक वार्ड नंबर 90, धीरेंद्र यादव वार्ड नंबर 33, आजय शर्मा 67. प्रवीण चौधरी वार्ड 84, मनोज त्यागी वार्ड 56, राजकुमार वॉर्ड 89, गोरव सोलंकीवार्ड 76, यशपाल पहलवान वार्ड 20,धीरज अग्रवाल वार्ड-81,रेखा गोस्वामी वार्ड -10 राजीव शर्मा वार्ड-59, रजनी वॉर्ड 13, रामनिवास वार्ड-70, शीतल चौधरी वार्ड-09 से 11 :20 तक नामांकन पत्र जारी किए गए। इसके बाद 11:50 तक नामांकन जमा करने का समय पूरा पूरा हुआ। इन 13 पार्षदों में दस बीजेपी के एक सपा का और एक कांग्रेस , एवं एक निर्दलीय पार्षद ने कार्यकारिणी के लिए नामांकन किया।
अब 11:50 से 12:20 तक नामांकन पत्रों की जांच होगी। उसके बाद 12 :20 से 12:50 तक नाम वापसी का समय है और 1:50 से 350 यदि मतदान आवश्यक हुआ तो. मतदान करा जाएगा । और 4:00 बजे के बाद गिनती एवं प्रणाम की घोषणा की जाएगी।
सदन से हुवा एलाउंस, और कार्यकारणी कक्ष से टीम के साथ बाहर चले गए भाजपा महानगर अध्यक्ष
नगर निगम कार्यकारिणी चुनाव में एक अलग नजारा भी देखने को मिला। जहां सदन में सभी पार्षद मौजूद थे, और सामने मेयर नगरायुक्त बैठे हुए थे। वही भाजपा महानगर अध्यक्ष संजीव शर्मा अपनी टीम के साथ कार्यकारिणी कक्ष में पार्षद पतियों को लेकर बैठे हुए थे। लेकिन जैसे ही सदन से अनाउंस हुआ पार्षद के अलावा अन्य कोई व्यक्ति यहां न रहे तभी हल्की फुल्की बहस भी सुरक्षाकर्मियों के साथ पूर्व पार्षद सुनील यादव की हुई लेकिन भाजपा महानगर अध्यक्ष चुपचाप खड़े होकर अपनी टीम को साथ लेकर चले गए। हालांकि कुछ देर बाद सपा जिला अध्यक्ष और महानगर अध्यक्ष भी पहुंचे। लेकिन जब उन्हें पता लगा कि यहां तो पहले ही सत्ता पक्ष के लोग निकल चुके हैं तो वह भी चुपचाप वहां से निकल लिए, इसकी चर्चा सदन में खूब होती रही कि आखिर कार्यकारिणी कक्ष से भाजपा संगठन के अध्यक्ष को क्यों निकाला गया।