राज्य में जल प्रबंधन और संरक्षण के लिए लोक लहर शुरु करने का किया आह्वान
चंडीगढ़ (सच कहूँ न्यूज)। भूमि एवं जल संरक्षण मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर (Meet Hayer) ने वीरवार को बहुमूल्य जल स्रोतों के सरंक्षण पर जोर देते हुए विभाग को नए प्रोग्राम बनाने और चल रहे जल संरक्षण तथा प्रबंधन में तेजी लाने के लिए कहा। हेयर ने कहा कि कृषि के लिए सिंचाई हेतु नहरी पानी और उपचारित पानी का प्रयोग अधिक से अधिक करने और भूमिगत पाईपलाइन प्रोग्राम को राज्य के कोने-कोने तक पहुँचाया जा रहा है। उन्होंने विभाग को जमीनी स्तर पर जागरुकता पैदा करके राज्य में जल प्रबंधन और संरक्षण के लिए लोक लहर शुरु करने का आह्वान किया।
उन्होंने भूमि एवं जल संरक्षण विभाग की वॉटरशेड स्कीम का जायजा लेते हुए भूमि रहित किसानों और महिलाओं को प्रोजेक्ट क्षेत्रों में स्व-सहायता समूह बनाकर वित्तीय सहायता प्रदान करके उनको अधिक से अधिक लाभ देने पर जोर दिया। उन्होंने मानसून में बरसाती पानी के संरक्षण के लिए तालाब और चैक डैमों के निर्माण पर काम तेज करने पर भी जोर दिया। Meet Hayer
विभागीय अधिकारियों ने मंत्री को एक प्रस्तुति देते हुए बताया कि विभाग के कार्यों का मुख्य उद्देश्य सिंचाई वाले पानी का प्रयोग कुशलता में वृद्धि और वैकल्पिक सिंचाई जल स्रोतों का विकास करना है क्योंकि राज्य के 90 प्रतिशत से अधिक जल स्रोतों का प्रयोग अकेले कृषि क्षेत्र में किया जा रहा है। विभाग के मुख्य कार्यों में भूमिगत पाईपलाइन सिस्टम, कृषि में उपचारित जल का प्रयोग, बूंद एवं फुव्वारा व्यवस्था, बरसाती पानी का संरक्षण, वॉटरशैड आधारित प्रोग्रामों के अलावा अन्य कार्य शामिल हैं। बैठक के दौरान विभाग द्वारा प्रस्तावित पदों के पुनर्गठन बारे भी चर्चा की गई। भूमि एवं जल संरक्षण मंत्री ने बताया कि जल्द ही इस पुनर्गठन को अंतिम रुप देने के बाद नई भर्ती मुहिम चलाई जाएगी।
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