International Yoga Day 2023: देश भर में आज अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा है, ये हमारे लिए गर्व की बात है कि भारतीय संस्कृति को संयुक्त राष्ट्र ने स्वीकार किया। योग अब भारत ही नहीं बल्कि विश्व भर में एक दिवस के रुप में मनाने की बजाय रोजमर्रा की जीवनशैली में अपनाया जा रहा है। पाकिस्तान जैसे देश में जहां योग को केवल भारत व हिन्दू धर्म की परंपरा बताया जाता है, वहीं इसका महत्व समझने वाले लोग योग को अपनाकर स्वस्थ हो रहे हैं। यदि योग को चमत्कार भी कहा जाए तो गलत नहीं होगा क्योंकि योग का शाब्दिक अर्थ तन और मन को प्रसन्न रखना है। international yoga day
प्राचीन काल में दवाओं का प्रयोग न के बराबर होता था। जड़ी-बूटियां और औषधीय पौधे और योग ही प्रचलित थे जो शरीर को स्वस्थ रख कर निरोग रखते थे और रोग को भगाते थे। जिन्हें अपनाकर हम शारीरिक, मानसिक और बौद्धिक रूप से स्वस्थ और प्रसन्नचित्त रहते थे। योग और प्राणायाम का स्वास्थ्य की रक्षा में बड़ा योगदान है। स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मन का वास होता है। तनाव से मुक्ति दिलवाने में योग सबसे ज्यादा कारगर है। योग का संबंध किसी धर्म या जाति से नहीं जुड़ा है। International Yoga Day 2023
भारत के ज्ञानियों, वैज्ञानिकों और ऋषि-मुनियों ने मनुष्य को शारीरिक व मानसिक तंदरुस्ती के लिए योग का उपहार दिया था। लेकिन आजकल भागदौड़ भरी दिनचर्या ने मनुष्य को तनाव से भर दिया है, यही कारण है कि अब लोगों में योग के प्रति जागरुकता बढ़ रही है। अब इसका महत्व पुरात्तन समय से कहीं ज्यादा बढ़ गया है। मनुष्य काम-धंधों में इस कद्र फंस चुका है कि उसे अपने स्वास्थ्य पर ध्यान देने का भी वक्त नहीं। बिगड़ रही जीवनशैली ने मनुष्य को शारीरिक रूप से कमजोर, बीमार और तनावग्रस्त बना दिया है। Yoga Day
चिड़चिड़ापन, असहनशीलता, गुस्सा, ईर्ष्या, नफरत, निराशा जैसी बुराइयों ने आधुनिक मनुष्य के जीवन को खोखला बना दिया है। ऐसे समय में योग ही मनुष्य को तरोताजा व निरोगी बना सकता है। जो बीमारियां दवाइयों से ठीक नहीं हो सकती, उन्हें योग की मदद से बिना कोई पैसा लगाए ठीक किया जा सकता है। योग का सिद्धांत ही मनुष्य का कल्याण करना है। यह भारतीय पंरपरा का हिस्सा है। यदि वास्तविक अर्थों में योग को जीवन का अभिन्न अंग बनाया जाए, तो एक स्वस्थ राष्टÑ की कामना की जा सकती है। इसमें कोई दो राय नहीं कि योग हमें जीवन जीने के योग्य बनाता है।