नई दिल्ली। RBI Clarification on 500 Rupees Notes:500 के नोट पर बड़ी खबर सामने निकल कर आ रही है। जानकारी के अनुसार 500 के नोट पर RBI ने बड़ा बयान जारी किया है। आरबीआई ने 500 के नोट गायब होने का खंडन किया है। आरबीआई ने कहा कि ऐसा RTI से मिली सूचना की गलत व्याख्या के कारण हुआ है। आरबीआई ने कहा की आरटीआई के तहत देश की तीन प्रिंटिंग प्रेस से 500 रुपये के नोटों को लेकर जो जानकारी दी गई, उसका अर्थ गलत निकाला गया है।
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— ReserveBankOfIndia (@RBI) June 17, 2023
इससे पहले आरटीआई में यह कहा गया था | 500 Rupees Notes
इससे पहले आरटीआई ने 500 रुपये के नोटों पर सबसे बड़ा खुलासा करते हुए एक पूरी तरह से अलग मामला प्रकाश में लाया है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई को 1999-2010 के बीच लॉकर्स में जमा किए गए एडिशनल 339.95 मिलियन करेंसी नोटों से समस्या थी, जो सरकारी सिक्योरिटी प्रिंटिंग प्रेसों के आउटपुट से अधिक थी। टकसालों ने नए डिजाइन किए गए 500 रुपये के 8,810.65 मिलियन नोट जारी किए, लेकिन आरबीआई को उनमें से केवल 7,260 मिलियन के नोट ही मिले। बाकी के नोट गायब पाए गए हैं। गायब हुए नोटों की कीमत 88,032.5 करोड़ रुपये है। वहीं आरबीआई ने 500 के नोट गायब होने का खंडन किया है। आरबीआई ने कहा कि ऐसा आरटीआई से मिली सूचना की गलत व्याख्या के कारण हुआ है।
क्या है मामला | Reserve Bank of India
द फ्री प्रेस जर्नल में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, किसी को नहीं पता है कि 1,760.65 मिलियन 500 रुपये के नोट कहां है। वो एक रहस्य बनकर रह गया है। इन नोटों में अप्रैल 2015 से मार्च 2016 तक नासिक मिंट में मुद्रित 210 मिलियन नोट शामिल हैं। गायब होने वाले नोटों की कीमत 88,032.5 करोड़ रुपये है। अनेक प्रयासों के बावजूद, भारतीय रिजर्व बैंक के प्रवक्ता ने रिजर्व बैंक वॉल्ट से गायब होने वाले नोटों पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है। भारत अधिकृत नोट मुद्रण को तीन सरकारी मिंटों – भारतीय रिजर्व बैंक नोट मुद्रण (पी) लिमिटेड, बेंगलुरु, करेंसी नोट प्रेस, नासिक, और बैंक नोट प्रेस, देवास में मुद्रित करता है और उन्हें भारतीय रिजर्व बैंक वॉल्ट में भेजता है, जो भारतीय अर्थव्यवस्था में आगे की वितरण के लिए होते हैं।
आरटीआई ने उठाया रहस्य से पर्दा | 500 Rupees Notes
आरटीआई के डेटा अधिकार के तहत जानकारी अधिग्रहण की गई जिसे एक्टिविस्ट मनोरंजन रॉय के द्वारा हासिल किया गया। नासिक करेंसी नोट प्रेस द्वारा 375.450 मिलियन नए डिजाइन के 500 रुपये के नोटों की मुद्रण की गई, लेकिन रिजर्व बैंक के रिकॉर्ड में केवल 345.000 मिलियन नोट मिले हैं, जो अप्रैल 2015 से दिसंबर 2016 तक मुद्रित किए गए थे। पिछले महीने एक अन्य आरटीआई के उत्तर में, नासिक करेंसी प्रेस नोट ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2015-2016 (अप्रैल 2015-मार्च 2016) के लिए 210 मिलियन रुपये के 500 नोट आरबीआई को आपूर्ति किए गए थे, जब रघुराम राजन भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर थे।
नेता प्रतिपक्ष का आरोप
नेता प्रतिपक्ष अजीत पवार ने करेंसी प्रिंटिंग प्रेस में हजारों करोड़ के घोटाले का सनसनीखेज आरोप लगाया है। 2016 में नोट फैक्ट्रियों में 88 हजार करोड़ के नोट छापे गए। हालांकि अजित पवार ने आरोप लगाया है कि यह सरकार के खजाने में नहीं पहुंचा है। उन्होंने यह आरोप एक अखबार के हवाले से लगाया है। अजित पवार ने यह भी मांग की है कि आरबीआई को इस पर सफाई देनी चाहिए।
जानिये आरबीआई ने इस पर क्या कहा….RBI
आरबीआई ने अपने प्रेस रिलीज और ट्विटर पर किए गए पोस्ट में कहा है कि आरबीआई को इस बात की जानकारी मिली है कि कई मीडिया रिपोर्ट्स में जो 500 रु. के नोट सिस्टम से गायब होने की खबर चल रही है-वो गलत है। प्रिटिंग प्रेस से मिली जानकारी को गलत तरीके से समझा गया है और ये जानना जरूरी है कि जो भी नोट प्रिंटिंग प्रेस में छपते हैं वो पूरी तरह सिक्योर होते हैं। भारतीय रिजर्व बैंक आॅफ इंडिया की ओर से पूरे प्रोटोकॉल के साथ इन बैंक नोट्स के प्रोडक्शन, स्टोरेज और डिस्ट्रीब्यूशन की मॉनिटरिंग की जाती है और इसके लिए मजबूत सिस्टम बना हुआ है। आरबीआई की ओर से जारी प्रेस रिलीज में बैंक के चीफ जनरल मैनेजर योगश्वर दयाल की तरफ से लिखा गया है कि इस तरह की किसी भी जानकारी के लिए सभी आरबीआई द्वारा प्रकाशित सूचना पर ही भरोसा करें।