उत्तर भारत में 3 दिन बाद होगा मौसम में बदलाव, 11 से बूंदाबांदी की संभावना
सच कहूँ/संदीप सिंहमार।
हिसार। Monsoon update: गर्मी से तप रहे संपूर्ण भारतवर्ष को अब राहत मिलने वाली। लंबे इंतजार के बाद आखिर दक्षिण-पश्चिम मानसून ने केरल के समुंद्री तटों पर भारी बारिश के साथ दस्तक दे दी है। आमतौर पर दक्षिण पश्चिम मानसून केरल में एक जून के आसपास पहुंचता है। लेकिन इस बार भारत मौसम विभाग ने मौसम बुलेटिन जारी करते हुए चार-पांच दिन की देरी से मॉनसून पहुंचने का अनुमान लगाया था। के बाद मौसम विभाग ने 7 जून मॉनसून पहुंचने की बात कही। परंतु मानसून ने 8 जून को जोरदार दस्तक दी है। पूरे एक सप्ताह देरी से पहुंचे मॉनसून का असर देशभर में देखने को मिलेगा। जून माह में अपेक्षा से कम बारिश होने का अनुमान जताया जा रहा है। Monsoon
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लेकिन जुलाई तक औसत मानसून 96 फीसदी तक होने का अनुमान है। भारत मौसम विभाग के मौसम बुलेटिन के अनुसार पहले मॉनसून के शुरुआती दिनों में बिपरजॉय चक्रवात के चलते मॉनसून की रफ्तार कम रहेगी। मौसम वैज्ञानिकों ने अपने बुलेटिन में कहा कि अगले 24 घंटों में पूरे केरल प्रदेश में मानसून सक्रिय हो जाएगा। इसके 48 घंटों के अंदर तमिलनाडु, कर्नाटक, पूर्वोत्तर भारत भारत और दक्षिण पश्चिम क्षेत्र में मॉनसून का असर देखने को मिलेगा। जैसे ही इन प्रदेशों में मॉनसून सक्रिय होगा फिर मध्य भारत होते हुए यह उत्तर प्रदेश, झारखंड, बिहार,राजस्थान, दिल्ली एनसीआर, हरियाणा व पंजाब जैसे राज्यों सहित उत्तर पूर्व भारत में पहुंचेगा।
बिपरजॉय चक्रवात के असर से हुई देरी | Monsoon
भारत मौसम विभाग के अनुसार दक्षिण पूर्व अरब सागर में बिपरजॉय चक्रवात के असर से दक्षिण पश्चिम मानसून में देरी हुई है। शुरुआती एक सप्ताह तक भी इसी चक्रवात का असर दिखाई देगा। जिसके कारण मॉनसून की रफ्तार नहीं बढ़ पाएगी। हालांकि जैसे ही विपरजॉय चक्रवात का असर खत्म हो जाएगा तो दक्षिण पश्चिम मानसून देशभर में गति पकड़ लेगा।
सामान्य रहेगी बारिश, खेती पर नहीं होगा ज्यादा असर | Rain
भारत में मॉनसून सबसे पहले अंडेमान निकोबार द्वीप समूह में प्रवेश करता है। इस बार यहां भी करीब 4 दिन की देरी से 19 मई को मानसून पहुंचा था। इसी प्रकार केरल में भी मॉनसून एक जून को दस्तक देकर बारिश शुरू कर देता है। उसके बाद फिर 15 जुलाई तक देशभर के विभिन्न हिस्सों में सक्रिय होता है। लेकिन भारत मौसम विभाग ने 16 मई को ही अपने मौसम बुलेटिन में कहा था कि इस बार केरल में मानसून की दस्तक 4 जून के बाद ही आएगी। आखिर लंबे इंतजार के बाद 8 जून को मॉनसून पहुँच ही गया। Monsoon
मौसम विभाग का कहना है कि बेशक मॉनसून देरी से पहुंचा हो, लेकिन इसका खेती पर ज्यादा प्रभाव देखने को नहीं मिलेगा। क्योंकि इस बार पूरे देश भर में सामान्य बारिश होने की उम्मीद है। पर भारत देश में मॉनसून की अहमियत इसलिए सबसे ज्यादा अधिक है, क्योंकि करीब 60 फ़ीसदी खेती दक्षिण पश्चिम मानसून पर ही निर्भर रहती है और इसी इलाकों में देश का आधा खाद्यान्न उत्पादन भी होता है। समय पर पहुंचने वाले मॉनसून से अच्छी बारिश का देश की अर्थव्यवस्था पर भी पूरा असर दिखाई देता है।