विरासत एवं पर्यटन विभाग द्वारा मुगलपुरा का प्राचीन टीला संरक्षित घोषित –
उकलाना सच कहूँ , कुलदीप स्वतंत्र
Uklana Mandi News: उकलाना के नजदीक गांव मुगलपुरा स्थित प्राचीन टीले को हरियाणा सरकार ने 01 मई 2023 को गजट नोटिफिकेशन कर संरक्षित घोषित कर दिया है। ग्रामीणों ने विशेषकर विद्यार्थियों ने इसके लिए हरियाणा सरकार का आभार जताया है। अब यहां पर खोज व शौध कर कार्य होंगे, देश व प्रदेश के इतिहास के छात्र व प्रोफेसर यहां की सभ्यताओं को जानने के लिए रिसर्च करेंगे।
शुरूवाती तौर से दयानंद महाविद्यालय के डॉ. महेन्द्र सिंह इस साईट से जुडे़ रहे है। डॉ. महेन्द्र सिंह अपने स्टूडेंटस के साथ 2006 से आज तक शौध कार्य के लिए यहां कई बार आ चुके है। उन्होने स्टूडेंटस व ग्रामीणों को यहां के ऐतिहासिक महत्व के बारे जानकारी दी है। उन्होने मुगलपुरा को भारतीय संस्कृति व विरासत की जानकारी का एक महत्वपूर्ण स्रोत मानकार कार्य किया है।Uklana mandi News
यहां के प्राचीन टीले पर हड़प्पा सभ्यता, मोर्यकाल, कुषाण काल, गुप्तकाल आदि सभ्यताओं की ऐतिहासिक सामग्री मिलती है। यहां पर मिटटी के खिलोने, मनके, चिनी मिटटी कला, ईंटें व ईंटों की संरचना, पक्की मिटटी के पहिए, पशु व देवताओं की मूर्तियां, अर्धकीमती पत्थर की मनके, हथियार तेज करने के विशेष पत्थर इत्यादि प्राप्त होते है। इतिहासकारों के अनुसार यह क्षे़त्र लगभग 5000 वर्ष से आबाद क्षेत्र था। यहां से प्राप्त सिक्के मुख्य रूप से दिल्ली सल्तनत काल से संबधित है। सामान्य व्यक्ति के लिए महत्वहीन यह सामग्री वास्तव में हमारी संस्कृति के अतीत को बेहतर ढंग से प्रस्तुत करती है। Uklana mandi News
हरियाणा सरकार ने नोटिफिकेशन जारी करते हुए कुल 34 एकड़ 4 कनाल भूमि को संरक्षित घोषित कर दिया है। विभाग द्वारा नोटिफिकेशन की प्रति गांव के सरपंच, नायब तहसीलदार उकलाना, उपमण्डल अधिकारी (ना.) बरवाला व उपायुक्त हिसार सोंप दी है तथा प्राचीन टीले पर चस्पा कर दी गई है । ग्रामीण प्रवीन कुमार, मुकेश कुमार, कृष्ण कुमार आदि ने उपायुक्त महोदय से प्रार्थना की है कि इस प्राचीन ऐतिहासिक टीले पर नगरपालिका द्वारा डाले जा रहे कुड़ा करकट को तुरन्त बंद करवाया जाऐ। नगरपालिका इस प्राचीन टीले की मूल प्रवृति को बदलने का कार्य कर रही है जो कि शौध के कार्य में बाधा बनेगी । Uklana mandi News
गांव मुगलपुरा के पूर्व सरपंच सत्यवान वर्मा ने बताया कि यहां से प्राप्त सामग्री को दयानंद महाविद्यालय हिसार के संग्रहालय, आई बी कॉलेज पानीपत संग्रहालय, धरोहर संग्रहालय कुरूक्षेत्र, राजकीय संग्रहालय हिसार में सुरक्षित रखा गया है। यहां पर बहुत से लोग रिसर्च हेतू आतें हैं व बहुमुल्य जानकारी इक्कठी करते है। विशेषकर दयानंद महाविद्यालय के प्रोफेसर डॉ. महेन्द्र सिंह, आई बी कॉलेज पानीपत के प्रोफेसर डॉ. रामेश्वर दास, विभाग के अधिकारी भूपसिंह धतरवाल व उपनिदेशक राघवेन्द्र सिंह, नायब तहसीलदार रविन्द्र शर्मा आदि भी इस टीले का भ्रमण कर चुके है ।
बडे़ गर्व का विषय है कि हम इस टीले को शोध व खोज के लिए विकसित करने में सफल रहे है। हरियाणा में संस्कृति व विरासत को जानने के लिए ज्यादा सम्भावनाऐं है। मुगलपुरा गांव की साईट शौध व ऐतिहासिक जानकारी प्राप्त करने के लिए मील का पत्थर साबित होगी। अंग्रजो के शासन काल में भी यहां क्षेत्र काफी महत्वपूर्ण रहा है। यह क्षेत्र हांसी के शासक मुनीर बेग के अधिकार क्षेत्र में आता था । डॉ. महेन्द्र सिंह अध्यक्ष इतिहास विभाग दयानन्द महाविद्यालय हिसार।