मोबाइल रिपेयर करने वाले का विधायक बनना राजे रजवाड़ों को पच नहीं रहा: चीमा
- कहा, यह पंजाब के दलित समाज का अपमान
- बाजवा के बयान से साबित हुआ कि वह दलितों को इंसान नहीं मानते: चीमा
चंडीगढ़ (सच कहूँ/अश्वनी चावला)। आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) के विधायक लाभ सिंह उगोके पर विरोधी दल के नेता प्रताप सिंह बाजवा के विवादित बयान की ‘आप’ ने निंदा की है और उस बयान को दलित समाज का अपमान करने वाला करार दिया। सोमवार को चंडीगढ़ पार्टी मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए ‘आप’ के वरिष्ठ नेता और वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि प्रताप बाजवा ने लाभ सिंह उगोके के माध्यम से पूरे दलित समुदाय का अपमान किया है।
उन्होंने गरीब और पिछड़े लोगों के प्रति अपनी संकीर्ण मानसिकता व्यक्त किया है। दरअसल इन लोगों को ए पच नहीं पा रहा है कि जिन्हें वे अपने पैर की जूती समझते थे वो विधायक कैसे बन गए और विधानसभा में उनके सामने कैसे बैठ रहे हैं। चीमा ने कहा कि प्रताप बाजवा जैसे लोगों को गरीबों से नफरत है। उनके बयान से यह भी साबित हुआ कि उनके दिल
में गरीबों और दलितों के लिए जहर भरा है। वह दलितों को इंसान भी नहीं मानते।
हरपाल चीमा ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान (Bhagwant Mann) द्वारा पंजाब की तरक्की के वास्ते लिए जा रहे फैसलों और राज्य को भ्रष्टाचार व माफिया से निजात दिलाने के लिए चलाए जा रहे अभियान से पूरा विपक्ष डरा हुआ है। इसी डर से अकाली-कांग्रेस के नेता बराबर इस तरह की घटिया बयानबाजी करते रहते हैं।
चीमा (Harpal Cheema) ने विधायक लाभ सिंह उगोके की तारीफ करते हुए कहा कि उगोके मेहनती और युवा नेता हैं जो पंजाब की तरक्की के लिए काम कर रहे हैं। मालूम हो कि लाभ सिंह उगोके ने 2022 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के तात्कालिक मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को 38 हजार से अधिक मतों के अंतर से हराया था। चीमा ने आगे कहा कि आज ‘आप’ सरकार में जितने भी नेता विधायक और मंत्री बने हैं, उनमें से ज्यादातर दलित, पिछड़े और गरीब परिवारों से आए हैं। सबने अपने हालातों से संघर्ष किया। सभी ने मेहनत कर डिग्रियां हासिल कीं। सभी अपने दम पर आज इस मुकाम पर पहुंचे हैं। उनकी कामयाबी आज राजा-महाराजाओं से बर्दाश्त नहीं हो रही है।
वित्त मंत्री ने प्रताप सिंह बाजवा को चेतावनी दी और उनसे एक सप्ताह में अपने असभ्य बयान के लिए माफी मांगने को कहा। साथ ही उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी से प्रताप बाजवा के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर एक्शन लेने की अपील की।
इस मौके पर कैबिनेट मंत्री डॉक्टर बलजीत कौर, हरभजन सिंह ईटीओ, डीसीपी बलकार सिंह व लालचंद कटारुचक एवं विधायक मनजीत सिंह बिलासपुर, प्रोफेसर बुधराम, सरबजीत कौर माणुंके, कुलवंत सिंह पंडोरी, डॉ. चरणजीत सिंह चन्नी, रुपिंदर सिंह हैप्पी, हाकम सिंह ठेकेदार, मनविंदर सिंह ग्यासपूरा, डॉ. रवजोत सिंह, अमोलक सिंह मौजूद थे।
प्रताप बाजवा ने सभी मेहनतकश लोगों का अपमान किया: उगोके
प्रेस कांफ्रेंस के दौरान विधायक लाभ सिंह उगोके ने प्रताप बाजवा के मोबाइल फोन रिपेयरिंग वाले बयान का जवाब देते हुए कहा कि अगर प्रताप बाजवा ने सिर्फ मेरी बेइज्जती की होती तो मैं सह लेता, लेकिन उन्होंने मेहनत की कमाई खाने वाले सभी लोगों का अपमान किया है। उन्होंने कहा कि जिन कर्मठ लोगों की श्री गुरु नानक देव जी ने भी प्रशंसा की है, बाजवा ने उनका अपमान किया है। उनके बयान में मजदूरों, दलितों और गरीबों के प्रति जहर और गुस्सा साफ नजर आता है।
उगोके ने कहा कि मैं गांव में मोबाइल रिपेयरिंग की दुकान चलाकर अपने परिवार परिवार का भरन पोषण किया। आज मैं विधायक हूं तो सिर्फ भदौड़ की जनता और आम आदमी पार्टी की वजह से हूं क्योंकि मेरे जैसे गरीब और साधारण बंदे को मौका दिया। ये बात मुंह में चांदी का चम्मच लेकर पैदा हुए लोगों को हजम नहीं हो रही है कि ये विधानसभा में इनके सामने कैसे बैठ गए। उगोके ने बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि आज उनकी बदौलत हमें या दलित समुदाय के लाखों लोगों को आगे बढ़ने का समान अधिकार मिला है। उगोके ने प्रताप बाजवा से सार्वजनिक माफी की मांग की और उन्हें अपने शब्द वापस लेने को कहा।
बाजवा जैसे लोग दलितों को वस्तु मानते हैं, उनकी इसी मानसिकता को लोगों ने खारिज किया: ईटीओ
कैबिनेट मंत्री हरभजन सिंह ईटीओ (Harbhajan Singh ETO) ने भी प्रताप बाजवा के बयान को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि बाजवा दलितों को इंसान नहीं बल्कि भौतिक वस्तु मानते हैं और खुले तौर पर कहते हैं कि ‘पता नहीं कौन सा पदार्थ हमारे सामने बैठा है! जबकि उन्हें यह पता होना चाहिए कि हम लाखों लोगों के प्रतिनिधि हैं, वस्तु नहीं। बाबा साहेब अंबेडकर के बनाए संविधान में दिए गए अधिकार के तहत हम सारे लोग चुनकर विधायक बने हैं।
बाजवा ने ऐसा बोलकर अपनी संकीर्ण मानसिकता जाहिर की है। ईटीओ ने कहा कि प्रताप बाजवा जैसे लोग सोचते हैं कि हम इन भूमिहीन, गरीब लोगों को जब चाहें खरीद सकते हैं, जब चाहे बेच सकते हैं, ये कभी कुछ नहीं कहेंगे। लेकिन वे भ्रम में है। हम न झुकने वाले हैं और न बिकने वाले। उन्होंने कहा कि अकाली-कांग्रेस की इसी सामंतवाद मानसिकता को पंजाब की जनता ने 2022 में खारिज कर दिया।
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