नई दिल्ली। यौन उत्पीड़न के आरोपों का सामना कर रहे भारतीय कुश्ती संघ (Wrestlers Protest) के निवर्तमान अध्यक्ष और कैसरगंज के भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह पर दर्ज दोनों एफआईआर सामने आई है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार एफआईआर में भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह पर छेड़छाड़ और यौन उत्पीड़न के एक दो नहीं बल्कि 10 मामलों का जिक्र है। रिपोर्ट के अनुसार, खिलाड़ियों ने कहा है कि बृजभूषण ने उनके साथ कई बार छेड़छाड़ की। Wrestlers FIR Against Brij Bhushan
जांच रिपोर्ट का मुझे बेसब्री से इंतजार: ब्रजभूषण | Wrestlers Protest
यौन उत्पीड़न के आरोपों का सामना कर रहे भारतीय कुश्ती संघ के निवर्तमान अध्यक्ष और कैसरगंज के भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि पहलवानो की तरह उन्हे भी दिल्ली पुलिस की जांच रिपोर्ट का बेसब्री से इंतजार है। नंदनीनगर महाविद्यालय परिसर में पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुये उन्होने कहा कि पहलवानों के आरोपों की जांच दिल्ली पुलिस कर रही है।
इस मामले में यदि आरोप सिद्ध हुये तो फांसी पर लटकने को तैयार हूं। वे अपने इस ऐलान पर अभी भी तैयार है। उन्होंने कहा कि पहलवानों द्वारा बार बार मांगे बदली जा रही है। उन्होंने कहा ‘फलाने क्या पंचायत कर रहे है, फलाने क्या कह रहे है,क्या कह रहे है इससे मुझे कोई लेना देना नहीं है। और न ही कुछ होने वाला है। ब्रजभूषण ने कहा कि पुलिस की जांच रिपोर्ट का इंतजार है जो रिपोर्ट में आयेगा और न्यायालय मुझे जो रास्ता दिखायेगा उसी रास्ते में चलूंगा। मुझसे कोई सवाल न कीजिये जांच रिपोर्ट का इंतजार कीजिये।
इन धाराओं में केस दर्ज | Wrestlers Protest
गौरतलब हैं कि 28 अप्रैल को हुई दोनों एफआईआर में आईपीसी की धारा 354 (महिला की लज्जा भंग करने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल प्रयोग), 354ए (यौन उत्पीड़न), 354डी (पीछा करना) और 34 (सामान्य इरादे) का हवाला दिया गया है इन आरोपों में एक से तीन साल की जेल की सजा का प्रावधान है।
चुनाव नहीं हुए तो निलंबित हो सकता है कुश्ती महासंघ-यूडब्ल्यूडब्ल्यू |
| Wrestlers Protest
विश्व स्तर पर कुश्ती के शासी निकाय यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (यूडब्ल्यूडब्ल्यू) ने 28 मई को एक विरोध मार्च के दौरान भारत के प्रमुख पहलवानों के हिरासत में लिए जाने की निंदा करते हुए मंगलवार को चेतावनी दी कि यदि निर्धारित समय के भीतर भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के लंबित चुनाव नहीं हुए तो वह इसे निलंबित कर सकता है।
यूडब्ल्यूडब्ल्यू कड़े शब्दों में जारी एक बयान में कहा कि वह डब्ल्यूएफआई के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह द्वारा शक्ति के दुरुपयोग और यौन उत्पीड़न पर पहलवानों के विरोध से संबंधित स्थिति को ‘बड़ी चिंता’ के साथ देख रहा था।
बयान में कहा गया है, ‘इन अंतिम दिनों की घटनाएं और भी अधिक चिंताजनक हैं कि पहलवानों को विरोध मार्च शुरू करने के लिए पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया और अस्थायी रूप से हिरासत में लिया गया।’ यूडब्ल्यूडब्ल्यू पहलवानों के साथ दुर्व्यवहार और उनकी गिरफ्तारी की कड़ी निंदा करता है। वह अब तक की जांच के परिणामों की कमी पर निराशा व्यक्त करता है। यूडब्ल्यूडब्ल्यू संबंधित अधिकारियों से आरोपों की गहन और निष्पक्ष जांच करने का आग्रह करता है।
शासी निकाय ने कहा कि यह पहलवानों से ‘उनकी स्थिति और सुरक्षा के बारे में पूछताछ करने और उनकी चिंताओं के निष्पक्ष और न्यायपूर्ण समाधान के लिए हमारे समर्थन की पुन: पुष्टि करने के लिए मिलेगा।’
उल्लेखनीय है कि यूडब्ल्यूडब्ल्यू ने इस विवाद के कारण इस साल की शुरुआत में एशियाई चैंपियनशिप को दिल्ली से अस्ताना में स्थानांतरित कर दिया था। शासी निकाय ने कहा कि वह डब्ल्यूएफआई के चुनावों के बारे में भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) और कुश्ती संघ की तदर्थ समिति से जानकारी तलब करेगा।
बयान में कहा गया, “45 दिनों की समय सीमा जो शुरू में इस चुनावी सभा को आयोजित करने के लिए निर्धारित की गई थी, उसका सम्मान किया जाएगा। ऐसा करने में विफल रहने पर यूडब्ल्यूडब्ल्यू महासंघ को निलंबित कर सकता है, जिससे एथलीटों को (अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धाओं में) तटस्थ ध्वज के तहत प्रतिस्पर्धा करने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है।’