नई दिल्ली (सच कहूँ न्यूज)। देश की राजधानी दिल्ली में स्थित तिहाड़ जेल से बड़ी खबर सामने निकल कर आ रही है। बताया जा रहा है कि दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री सत्येंद्र जैन (Satyendar Jain) तिहाड़ जेल के बाथरूम में चक्कर आने से वह गिर गए है। इस घटना में वह गंभीर रूप से घायल हो गए है। जानकारी के अनुसार सत्येंद्र जैन को दिल्ली स्थित दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
ऊपर के इशारे पर सिसोदिया के साथ अदालत में दुर्व्यवहार : केजरीवाल
वहीं कल दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के अदालत में पेशी के दौरान हुई बदसलूकी पर सवाल उठाते हुए कहा कि क्या ऐसा करने के लिए ऊपर से कहा गया है हालांकि पुलिस ने दुर्व्यवहार की बात को दुष्प्रचार बताया। केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा “क्या पुलिस को इस तरह मनीष सिसोदिया के साथ दुर्व्यवहार करने का अधिकार है? क्या पुलिस को ऐसा करने के लिए ऊपर से कहा गया है?”
स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि क्या पुलिस को इस तरह मनीष सिसोदिया के साथ दुर्व्यवहार करने का अधिकार है? क्या पुलिस को ऐसा करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है? दिल्ली पुलिस को इस अधिकारी को तुरंत निलंबित करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि मोदी को अहंकार हो गया है, जिस तरह दुर्योधन को हुआ था। इस अहंकार के कारण ही महाभारत का युद्ध हुआ था और दुर्योधन के अहंकार का अंत। वर्ष 2024 के चुनाव में महाभारत के लिए जमीन तैयार हो रहीं हैं और भगवान कृष्ण के आशीर्वाद से यह चुनाव भाजपा के अहंकार का अंत करेगा ।
दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी ने अदालत परिसर का वीडियो को शेयर करते हुए कहा, “राउज एवेन्यू अदालत में इस पुलिसकर्मी द्वारा मनीष सिसोदिया के साथ चौंकाने वाला दुर्व्यवहार। दिल्ली पुलिस को उन्हें तुरंत निलंबित करना चाहिए।”
राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि पुलिसिया गुंडागर्दी चरम पर है। मनीष सिसोदिया का गर्दन पकड़कर खींचता हुआ यह पुलिस अधिकारी अपने आका को खुश करने के चक्कर में भूल गया कि न्यायालय इसकी नौकरी भी ले सकता है। न्यायालय इस घटना का संज्ञान ले। मोदी जी आपकी तानाशाही पूरा देश देख रहा है।
दिल्ली पुलिस ने हालांकि मनीष सिसोदिया के साथ किसी तरह की बदसलूकी से इनकार किया है। पुलिस की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि राउज एवेन्यू अदालत में पेशी के समय मनीष सिसोदिया के साथ पुलिस दुर्व्यवहार की बात दुष्प्रचार है। वीडियो में प्रचारित पुलिस की प्रतिक्रिया सुरक्षा की दृष्टि से अनिवार्य थी। उन्होंने कहा कि न्यायिक अभिरक्षा में अभियुक्त द्वारा मीडिया को वक्तव्य जारी करना विधि विरुद्ध है।