अजी सुनते हो! जल्दी से एक माचिस की तीली देना, कान में खुजली हो रही है, कान साफ करूंगी। शायद कान (Ear) में मैल जमा हो गया है।
खबरदार! अगर आप भी कान (Ear) का मैल साफ करने या खुजली करने के लिए ऐसा करते हैं तो ये आपके लिए बहुत ही खतरनाक साबित हो सकता है। ऐसा करने से आपके कान का पर्दा फट सकता है, आपके कान से खून निकल सकता है, जिससे आपके सुनने की शक्ति भी जा सकती है। इसलिए सावधान हो जाइये, ऐसी लापरवाही से बचिए। आपके लिए क्या बेहतर तरीका हो सकता है कान साफ करने के लिए, या कैसे पता चलेगा कि आपके कान में मैल जमा हो गया है इन सभी के बारे में आपको आज बताने जा रहे हैं जिसके नियमित उपयोग से आप अपने कानों को सुरक्षित तरीके से साफ कर सकेंगे और कोई नुकसान भी नहीं होगा।
कहते हैं साफ-सफाई करना एक अच्छी आदत है जिसे रोज करना चाहिए लेकिन कान की सफाई…इसे रोज नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि कान जो है, यह शरीर का एक बहुत ही संवेदनशील हिस्सा है। इसकी साफ सफाई को लेकर हमें ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है। क्योंकि इसकी समय पर सफाई नहीं की जाए तो इनमें मैल जमा हो सकता है जिसे ‘ईयर वैक्स’ का नाम दिया गया है। जो कभी कभार इतना कठोर हो जाता है कि इसकी सफाई करना असंभव सा हो जाता है जिसके कारण कानों में खुजली शुरू हो जाती है और जिससे हमारे सुनने की क्षमता कम हो जाती है। ऐसे में ये जरूरी नहीं है कि कानों की साफ सफाई करने के लिए गलत तरीके का इस्तेमाल किया जाए। कोई भी माचिस की तीली या हेयरपिन लेकर कान की सफाई करने लग जाएं। ऐसा करने से आपको गलत परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। इसलिए आज आप जानेंगे कि कान की सफाई करने का आसान और सबसे सुरक्षित तरीका क्या है।
ये जानें:-
पहले तो आपको ये पता होना चाहिए कि कान में ज्यादा मैल होने के लक्षण क्या हैं-
अगर आपके कान में ज्यादा मैल जमा हो जाता है तो आपको सुनाई कम देने लगेगा। दूसरा आपके कानों में सांय-सांय की आवाज आनी शुरू हो जाएगी या हल्की रिंगिंग होने लगेगी। ज्यादा मैल होने से कानों में खुजली शुरू हो सकती है और इरिटेशन हो सकती है।
अब ये भी जानें, जो हैं बहुत ही जरूरी
शाह सतनाम जी आश्रम बरनावा यूपी से रूहानी सत्संग के दौरान साध-संगत द्वारा पूछे गए के सवालों के जवाब देते हुए पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने स्वास्थ्य संबंधी अनमोल टिप्स दिए।
सवाल : कान में अगर खाज होती है या कान साफ करना है तो क्या करें?
पूज्य गुरु जी का जवाब : वैसे नेचर है कि जब आप नहाकर हटोगे तो कोई भी रूमाल या कपड़ा लेकर कान पर ऐसे मार कर देखना जितनी भी फालतू की चीज है वो बाहर आ जाएगी।
पर आपको आदत बनी हुई हैं, खासकर बहनों को तो सिर की सुई निकाली और कान में मारने लग जाएंगी। हमने देखा है बेटियों को ऐसे करते हुए और भाई तिनका सा ले लेते हैं, आजकल बने बनाए भी आते हैं, उसका ये नहीं पता कि कहां तक चला गया। कई पर्दे में मार बैठते हैं, क्योंकि वो पतला सा होता है उसका कोई मुंह, सिर तो है नहीं और अंदर कान में खाज मची तो कईयों को मीठी-मीठी भी लगने लगती है और आगे पर्दे पर मार देते हैं और फिर सुनने वाले काम की छुट्टी। कभी भी ऐसा नहीं करना चाहिए।
कान के बिल्कुल अंदर जो मैल होती है वो फायदेमंद होती है
ज्यादा ही हो तो खुद साफ रुई लो, जो डॉक्टरों के पास होती है, हल्का सा तिनके पर लगाकर कान की बाहर की तरफ जो मैल होती है वो निकल जाती है। कान के बिल्कुल अंदर जो मैल होती है वो फायदेमंद होती है। आपके कानों में कीट-पतंगा कुछ भी नहीं घुसता, क्योंकि ये जहरीली चीज होती है। वो इसकी बदबू से, आपको बदबू नहीं आती, पड़ोसी को भी नहीं आती, लेकिन सिर्फ उन कीट-पतंगों को आती है, जो कान में घुसने को तैयार रहते हैं। तो अंदर वो अगर थोड़ी सी वैक्स पड़ी है तो फायदेमंद है। उसकी बदबू से और उसको टच करने से वो जीव भाग जाते हैं।
जैसे नाक में हैं वैसे ही कान के अंदर भी छोटे-छोटे बाल होते हैं और वो भी फिल्टर का काम करते हैं ताकि कानों पर पर्दें पर कोई और चीज जाकर जम ना जाए, कलियर सुने। जैसे प्याज की झिल्ली होती है, उससे भी पतला पर्दा होता है कान का और आप सुईयां, पता नहीं क्या-क्या मारते हैं। पहले तो आया करते थे कड़छी सी लेकर कि आजा तेरा कान साफ करूं। तो कई बहरे हुए हैं उस पंगे में, क्योंकि आगे कान का पर्दा फट जाता है। तो आप आराम से कान को साफ करें। कान में पानी न जाए तो ज्यादा अच्छा रहता है। तो कान में ज्यादा कलाकारी मत किया करो।
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